आरबीआई के आंकड़ों ने काले धन के खिलाफ अभियान की कलई खोली
अब यह कोई रहस्य नहीं रह गया है भारत में काले धन को वैध बनाने के लिए एक खास रास्ते का सहारा लिया जाता है। भारत से यह काला धन मॉरीशस, सिंगापुर या ऐसे है टैक्स हैवन्स देश जाता है और फिर वहां से राउंड ट्रिपिंग के जरिये वापस आ जाता है। मॉरीशस, साइप्रस और सिंगापुर ओवरसीज डायरेक्ट इनवेस्टमेंट (ओडीआई) के ठिकाने हैं। यही देश इस धन को अपनी सब्सिडियरियों में एफडीआई के तौर पर वापस भारत भेज देते हैं।
मौजूदा सरकार राउंड ट्रिपिंग और बेनामी संपत्तियों जैसे काले धन ठिकाने लगाने के तरीकों को खत्म करने के लिए मॉरीशस और सिंगापुर जैसे देशों के साथ हुए समझौतों पर गर्व कर रही है। अगर ऐसा ही है तो एफडीआई के तौर पर यहां से आने वाले फंड और फिर यहां जाने वाले ओवरसीज डायरेक्ट इनवेस्टमेंट में कमी आनी चाहिए। कंपनियों के बीच इस तरह के धन की आवाजाही भी कम होनी चाहिए थी।
लेकिन आरबीआई के आंकड़ों से साफ है कि ऐसा नहीं हो रहा है। अगर आरबीआई की ओर से जारी आधिकारिक आंकड़ों के तहत सारिणी 5 और 6 पर नजर दौड़ाएं तो वास्तविक स्थिति का पता चलेगा। सबसे पहले 2015-16 के दौरान मारीशस और सिंगापुर से आए एफडीआई पर नजर दौड़ाएं और इसकी तुलना 2014-15 के आंकड़ों से करें।
हाल में जारी आरबीआई के आंकड़े यहां मौजूद हैं।
अगर 2014-15 और 2015-16 की तुलना करें तो साइप्रस और मारीशस से लगभग बराबर एफडीआई आया है।
2014-15 के दौरान भारत में आए कुल 19.8 लाख करोड़ रुपये के एफडीआई में से मारीशस से आए प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की हिस्सेदारी 21.9 फीसदी थी। 2015-16 में 20.18 लाख करोड़ रुपये की एफडीआई आई इसमें 20.8 फीसदी की हिस्सेदारी मारीशस की थी।
2014-15 में सिंगापुर से एफडीआई के तौर पर 1.87 लाख रुपये आए। जबकि 2015-16 में यह रकम बढ़ कर 2.1 लाख करोड़ रुपये हो गई।
अब अगर ओवरसीज डायरेक्ट इनवेस्टमेंट की बात करें तो इसके लिए सबसे पसंदीदा जगह है मारीशस और सिंगापुर। 2014-15 और 2015-16 में कुल ओवरसीज डायरेक्ट इनवेस्ट में दोनों देशों की हिस्सेदारी 30 फीसदी के लगभग थी। इस दौरान आए एफडीआई का 92 फीसदी शेयरों में निवेश हुआ। डेट इंस्ट्रूमेंट्स में यह निवेश नहीं हुआ। जाहिर है शेयरों में एफडीआई के निवेश को संदिग्ध माना जाता है। पहले भी ऐसा हुआ है और मोदी सरकार में भी इस तरह के संदिग्ध निवेश का आना बरकरार है।
आंकड़ों की हकीकत
आरबीआई के आंकड़ों से पता चलता है कि मारीशस और सिंगापुर से राउंड ट्रिपिंग के जरिये जो काला धन वापस देश लाया जाता था (पहले काला धन ऐसे टैक्स हैवन्स देशों में भेजा जाता है और फिर वही पैसा भारत एफडीआई निवेश के तौर पर आ जाता है)। वो बदस्तूर जारी है।
अपने टेलीग्राम ऐप पर जनवादी नज़रिये से ताज़ा ख़बरें, समसामयिक मामलों की चर्चा और विश्लेषण, प्रतिरोध, आंदोलन और अन्य विश्लेषणात्मक वीडियो प्राप्त करें। न्यूज़क्लिक के टेलीग्राम चैनल की सदस्यता लें और हमारी वेबसाइट पर प्रकाशित हर न्यूज़ स्टोरी का रीयल-टाइम अपडेट प्राप्त करें।