Skip to main content
xआप एक स्वतंत्र और सवाल पूछने वाले मीडिया के हक़दार हैं। हमें आप जैसे पाठक चाहिए। स्वतंत्र और बेबाक मीडिया का समर्थन करें।

नीति आयोग के सदस्य ने कहा, बकवास है जीएसटी से जीडीपी में एक से डेढ़ फीसदी इजाफे का दावा

सरकार का दावा है कि जीएसटी से जीडीपी में एक से डेढ़ फीसदी का इजाफा होगा।
नीति आयोग के सदस्य ने कहा, बकवास है जीएसटी से जीडीपी में एक से डेढ़ फीसदी इजाफे का दावा

सरकार का दावा है कि जीएसटी से जीडीपी में एक से डेढ़ फीसदी का इजाफा होगा। लेकिन सरकार के इस दावे की हवा नीति आयोग के अहम सदस्य और अर्थशास्त्री विवेक देवराय ने ही निकाल दी है। उन्होंने इस जीएसटी को मुकम्मल न करार देते हुए कहा है की जीएसटी में एक से डेढ़ फीसदी की बढ़ोतरी करना बकवास है। उन्होंने कहा कि देश के संघीय स्वरूप को देखते हुए इस जीएसटी को आदर्श नहीं कहा जा सकता है।

प्रेस ट्र्स्ट से बातचीत में उन्होंने कहा कि जीएसटी को लेकर कई बकवास तथ्य आ रहे हैं। दावा किया जा रहा है कि जीएसटी 140 से 160 देशों में लागू है। जबकि हकीकत यह है कि यह दुनिया के छह-सात देशों से ज्यादा में लागू नहीं है। देवराय ने कहा कि भारत में जो जीएसटी लागू किया गया है वह आदर्श नहीं है। क्योंकि इसमें एक नहीं कई टैक्स दरें हैं। एक से ज्यादा दरें इस सिस्टम के लिए मुश्किल पैदा करेंगी। अगर जीएसटी आदर्श रूप में लागू होता है तो जीडीपी में एक से डेढ़ फीसदी का इजाफा हो सकता था लेकिन मौजूदा जीएसटी से इस तरह की संभावना जताना बिल्कुल बकवास है।

देवराय ने कहा कि जीएसटी से जीडीपी में एक से डेढ़ फीसदी का जो आंकड़ा दिया जा रहा है वह एनसीएईआर के उस वक्त का आंकड़ा है, जो 13 वां वित्त आयोग कार्यकाल चल रहा था।

देवराय ने कहा कि दुनिया के कई देशों में वैट है। वैट, जीएसटी नहीं है। बल्कि जीएसटी की ओर बढ़ने का एक कदम है।

दुनिया में जिन छह-सात देशों में जहां जीएसटी लागू है वहां यह इसलिए सफल है, उनमें संघीय स्वरूप नहीं है। उनका स्वरूप एकल है। सिर्फ कनाडा का छोड़ कर।

देवराय अलग-अलग टैक्स रेट्स पर भी सहमत नहीं हैं। उनका कहना है कि अमीरों के इस्तेमाल की चीजों पर एक टैक्स लगाना और आम लोगों के इस्तेमाल की चीजों पर टैक्स की अलग दरें, व्यावहारिक तौर पर ठीक नहीं है। अर्थशास्त्र और अर्थशास्त्री के नजरिये से यह कहीं से ठीक नहीं लगता।

अपने टेलीग्राम ऐप पर जनवादी नज़रिये से ताज़ा ख़बरें, समसामयिक मामलों की चर्चा और विश्लेषण, प्रतिरोध, आंदोलन और अन्य विश्लेषणात्मक वीडियो प्राप्त करें। न्यूज़क्लिक के टेलीग्राम चैनल की सदस्यता लें और हमारी वेबसाइट पर प्रकाशित हर न्यूज़ स्टोरी का रीयल-टाइम अपडेट प्राप्त करें।

टेलीग्राम पर न्यूज़क्लिक को सब्सक्राइब करें

Latest