कृषि क़ानून वापसी का 1 साल : किसानों ने मनाया 'फ़तह दिवस', नए आंदोलन की तैयारी शुरू की
क़रीब 1 साल तक चले किसान आंदोलन के बाद मिली जीत के 1 साल पूरे होने पर संयुक्त किसान मोर्चा ने 'फ़तह दिवस' मनाया है। 19 नवंबर 2021 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों के आगे झुकते हुए तीनों कृषि क़ानून वापस ले लिए थे। इस जीत को मनाते हुए किसानों ने यह भी कहा कि उनकी मांगें अभी भी अधूरी ही हैं।
संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने ऐलान किया है एमएसपी पर स्वामीनाथन आयोग के सी2+50% फॉर्मूले पर एमएसपी पर गारंटी को लेकर एक बार फिर आंदोलन शुरू करेगा। आंदोलन की शुरुआत के लिए 26 नवंबर से देश में राष्ट्रव्यापी अभियान शुरू किया जाएगा। इसके तहत 1 से 11 दिसंबर तक सभी राजनीतिक दलों के लोकसभा और राज्यसभा सांसदों के कार्यालयों तक मार्च निकाला जाएगा।
इन मांगों के साथ किसान एक बार फिर आंदोलन करेंगे। एसकेएम ने ये भी कहा है कि आने वाले गुजरात विधानसभा चुनाव में वो बीजेपी के खिलाफ प्रचार करेगा।
किसानों ने मांग की है अजय मिश्रा टेनी को बर्खास्त किया जाए और जेल में बंद किसानों को रिहा किया जाए।
इसके साथ ही किसानों के क़र्ज़, बिजली बिल, अग्निपथ स्कीम की वापसी की मांग भी की गई है।
संयुक्त किसान मोर्चा की ये हैं मांगें
लखीमपुर-खीरी में किसानों को कार से कुचलने वाले राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी को पद से बर्खास्त किया जाए।
प्रदर्शन के दौरान जेलों में बंद किए गए किसानों को रिहा किया जाए।
स्वामीनाथन आयोग के सी2+50% फॉर्मूले के अनुसार एमएसपी की गारंटी के लिए कानून बनाया जाए।
देश के सभी किसानों को कर्जमुक्त किया जाए. किसानों के सभी बिजली बिल माफ हों।
विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) से बाहर निकलकर सभी मुक्त व्यापार समझौते रद्द किए जाएं।
किसान आंदोलन के दौरान प्रदर्शन कर रहे किसानों पर लगाए गए सभी मुकदमे वापस हों।
मांगों में अग्निपथ योजना की वापसी भी शामिल है।
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने 'फ़तह दिवस' पर ट्वीट किया।
दिल्ली में तेरह महीने तक क्या नहीं सहा देश के किसान ने सर्दी,गर्मी,बरसात,आंधी,तूफान,सरकार की तानाशाही पर ये सब झेल कर भी देश का किसान डटा रहा और साढ़े सात सौ शहीदी के बाद ये मुकाम हासिल किया था।
ये जीत देश का किसान कभी नहीं भूल सकता।
शहीद किसान अमर रहे 🙏@ANI @PTI_News pic.twitter.com/1h0WYgjcPP— Rakesh Tikait (@RakeshTikaitBKU) November 19, 2022
बता दें कि देश भर के लाखों किसान 26 नवंबर 2020 को दिल्ली आए थे और अपना आंदोलन शुरू किया था। इन किसानों ने दिल्ली के तमाम बोर्डर्स पर डेरा डाल लिया था और अपनी मांगों के साथ भीषण गर्मी, सर्दी और बरसात में भी डटे रहे थे।
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