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20 लाख की जमीन 2.5 करोड़ में बेची? राम मंदिर ट्रस्ट के सदस्यों और बीजेपी MLA के खिलाफ शिकायत दर्ज

अयोध्या के हनुमान गढ़ी मंदिर के महंत धर्म दास ने आरोप लगाया है कि दीप नारायण उपाध्याय ने फरवरी में महंत देवेंद्र प्रसादाचार्य से 676 वर्ग मीटर जमीन 20 लाख रुपये में खरीदी थी, जिसे बाद में 2.5 करोड़ रुपये में मंदिर ट्रस्ट को बेच दिया गया।
20 लाख की जमीन 2.5 करोड़ में बेची? राम मंदिर ट्रस्ट के सदस्यों और बीजेपी MLA के खिलाफ शिकायत दर्ज

अयोध्या के एक साधु ने श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्यों, एक भाजपा विधायक, स्थानीय महापौर के भतीजे और एक सरकारी अधिकारी के खिलाफ सरकारी जमीन खरीदने में धोखाधड़ी का आरोप लगाते हुए पुलिस में शिकायत की है।

अयोध्या के हनुमान गढ़ी मंदिर के महंत धर्म दास ने, राम मंदिर निर्माण के लिए एकत्रित धन का दुरुपयोग कर लोगों को धोखा देने का आरोप लगाते हुए ट्रस्ट के सदस्य चंपत राय को तत्काल बर्खास्त करने की भी मांग की है।

पत्रकारों को दिए एक वीडियो बयान में, उन्होंने मांग की है कि मंदिर को चलाने की जिम्मेदारी अयोध्या के संतों को दी जाए। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सरकार को देश चलाना चाहिए, मंदिर नहीं।

पुलिस के अनुसार, ट्रस्ट के सभी सदस्यों के अलावा, दास ने गोसाईगंज के भाजपा विधायक इंद्र प्रताप तिवारी, अयोध्या के महापौर ऋषिकेश उपाध्याय के भतीजे दीप नारायण उपाध्याय और फैजाबाद के उप-रजिस्ट्रार एसबी सिंह के खिलाफ भी शिकायत की है।

दास ने आरोप लगाया है कि दीप नारायण उपाध्याय ने फरवरी में महंत देवेंद्र प्रसादाचार्य से 676 वर्ग मीटर जमीन 20 लाख रुपये में खरीदी थी, जिसे बाद में 2.5 करोड़ रुपये में मंदिर ट्रस्ट को बेच दिया गया। जमीन का सर्किल रेट करीब 35 लाख रुपये है।

उन्होंने शिकायत में कहा कि गोसाईगंज के भाजपा विधायक और ट्रस्ट के सदस्य अनिल मिश्रा मंदिर ट्रस्ट के साथ हुए जमीन सौदे के गवाह हैं। संपर्क करने पर ट्रस्ट के सदस्यों ने इस मुद्दे पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।

हालांकि, ट्रस्ट कार्यालय के प्रभारी प्रकाश गुप्ता ने कहा कि अगर नजूल (सरकारी) की जमीन का सौदा हुआ है तो दास को सरकारी अधिकारियों से शिकायत करनी चाहिए थी। उन्होंने कहा कि पुलिस के पास जाने का क्या मतलब है।

उन्होंने भ्रष्टाचार के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि उन्होंने जमीन खरीदी और राशि का भुगतान किया है। हालाँकि विपक्ष पहले से ही इस मामले को लेकर घोटाले का आरोप लगा रहा है। कांग्रेस इसको लेकर प्रदर्शन भी कर चुकी है। समाजवादी पार्टी और आम आदमी पार्टी ने भी राम मंदिर ट्रस्ट पर ज़मीन को लेकर करोड़ों के घपले का आरोप लगाया है और इस सिलसिले में बाकायदा प्रमाण भी पेश किए हैं। लेकिन राम मंदिर ट्रस्ट रक्षात्मक मुद्रा में है।

गौरतलब है कि एक अन्य मामले में श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय पर पिछली 18 मार्च को अयोध्या में दो करोड़ रुपए में बेची गई जमीन को उसके महज पांच मिनट के अंदर ही साढ़े 18 करोड़ रुपए में खरीदने का आरोप लगा है। इन दोनों ही खरीद मामलों में में ट्रस्ट के सदस्य अनिल मिश्रा और अयोध्या के मेयर ऋषिकेश उपाध्याय गवाह हैं। विपक्ष का आरोप है कि यह धन शोधन का मामला है और इसकी उच्च स्तरीय जांच कराई जाए।

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ )

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