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राज्यसभा चुनाव को लेकर बीजेपी आक्रामक, लेकिन उल्टा भी पड़ सकता है उसका दांव!

सात राज्यों की 18 राज्यसभा सीटों के लिए 19 जून को मतदान कराया जा रहा है। आम तौर पर परोक्ष मतदान होने के चलते राज्यसभा चुनाव शांतिपूर्ण होते हैं लेकिन सत्ताधारी बीजेपी इसे लेकर आक्रामक है। हालांकि कई जगह उसका दांव उल्टा पड़ रहा है। मणिपुर में उसकी सरकार गिर सकती है।
राज्यसभा चुनाव

दिल्ली: देशभर में राज्यसभा की 18 सीटों के लिए शुक्रवार, 19 जून को मतदान हो रहा है। राज्यसभा की इन 18 सीटों में गुजरात और आंध्र प्रदेश की चार-चार, राजस्थान और मध्य प्रदेश की तीन-तीन, झारखंड की दो और मणिपुर और मेघालय की एक-एक सीट शामिल है। सुबह 9 बजे से शाम 4 बजे तक वोटिंग के बाद 5 बजे शाम से काउंटिंग शुरू होगी।

चुनाव आयोग ने कोरोना वायरस के चलते अधिकारियों को विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश भी दिए हैं। अपने आदेश में आयोग ने सभी राज्यों के मुख्य सचिवों से चुनाव के लिए एक वरिष्ठ अधिकारी की नियुक्ति करने को कहा है, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि मतदान की व्यवस्था करते समय कोरोना वायरस रोकथाम के तमाम तरीकों का पालन हो सके।

आपको बता दें कि बीते फरवरी में चुनाव आयोग ने 17 राज्यों में राज्यसभा की 55 सीटों पर चुनाव कराने की घोषणा की थी। 18 मार्च को इनमें से 37 सीटों पर प्रत्याशी निर्विरोध चुन लिए गए थे। बाकी 18 सीटों के लिए चुनाव 26 मार्च को होना तय था। लेकिन कोरोना वायरस संकट की वजह से चुनाव रद्द कर दिया गया था।

बता दें 25 फरवरी को निर्वाचन आयोग की ओर से जारी अधिसूचना में कर्नाटक, अरुणाचल प्रदेश और मिजोरम का नाम शामिल नहीं था। हालांकि चुनावी प्रक्रिया के देर होने और इन राज्यों में राज्यसभा की सीटों पर कार्यकाल खत्म होने की वजह से नई अधिसूचना में इन्हें भी शामिल किया गया, जिसके बाद जिन सीटों पर मतदान होना था उनकी संख्या बढ़कर 24 हो गई।

हालांकि कर्नाटक में 4 सीटों पर निर्विरोध चुनाव संपन्न होने की वजह से जिन सीटों पर मतदान किया जाना था उनकी संख्या घटकर 20 रह गई। इसके बाद अरुणाचल प्रदेश में एक सीट पर सिर्फ एक उम्मीदवार होने की वजह से वहां भी मतदान की प्रक्रिया नहीं होगी ऐसे में अब कुल सीटों की संख्या 18 रह गई है। अब 7 राज्यों की 18 राज्यसभा सीटों के लिए होने वाले मतदान में बीजेपी और कांग्रेस के बीच कुछ सीटों पर कांटे की टक्कर का दावा किया जा रहा है।

मणिपुर में बदल सकती है सरकार

बीजेपी इस चुनाव में आक्रामक तरीके से लड़ रही है लेकिन उसका दांव उल्टा भी पड़ रहा है। खासकर मणिपुर में उसकी सरकार गिर सकती है। आपको बता दें कि मणिपुर में बीजेपी के नेतृत्व वाली सरकार से उप मुख्यमंत्री वाई जॉय कुमार सिंह ने इस्तीफा दे दिया है। उनके साथ ही नेशनल पीपुल्स पार्टी के चार मंत्रियों भी ने त्यागपत्र दे दिया है। राज्य में अब तक बीजेपी के 3 और गठबंधन के डेप्युटी सीएम समेत 6 विधायकों के समर्थन वापस लेने के बाद मणिपुर सरकार खतरे में है।

गौरतलब है कि 2017 विधानसभा चुनाव में 28 विधायकों के साथ कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी जबकि बीजेपी ने 21 सीटों पर जीत हासिल की थी। एनपीपी और नगा पीपल्स फ्रंट के 4 विधायक भी चुनाव में जीते थे।

वहीं दूसरी ओर एलजेपी, टीएमसी और एक निर्दलीय उम्मीदवार ने एक-एक सीट जीती थी। राज्य में विधानसभा के कुल 60 सीटें हैं। सभी गैर कांग्रेसी और एक कांग्रेस विधायक टी श्यामकुमार के बीजेपी को समर्थन देने के साथ ही गवर्नर नजमा हेमतुल्ला ने बीजेपी को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया था। फिलहाल मणिपुर में जारी राजनीतिक संकट के बीच अब निर्णय राज्यपाल नजमा हेपतुल्लाह को करना है फिलहाल राज्य में एक सीट पर राज्यसभा चुनाव होना है। चुनाव में भाजपा की ओर से लीसेम्बा सनाजाओबा और कांग्रेस ने टी. मंगी बाबू को प्रत्याशी हैं।

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गुजरात, मध्य प्रदेश और राजस्थान में कड़ा मुकाबला

गुजरात में राज्यसभा चुनाव से दो दिन पहले बुधवार को सत्तारूढ़ भाजपा और विपक्षी कांग्रेस ने अपने अपने विधायकों के साथ बैठकें की है। गुजरात में राज्यसभा की चार सीटों के लिए 19 जून को चुनाव होना है। इससे पहले कांग्रेस के आठ विधायकों ने इस्तीफा दे दिया है। जिसकी वजह से कांग्रेस के लिए संकट खड़ा हो गया है। गुजरात से कांग्रेस के शशिकांत गोहिल और भरतसिंह सोलंकी का भविष्य तय होगा।

मध्यप्रदेश में राज्यसभा की तीन सीटों के चुनाव के लिये कांग्रेस ने दो उम्मीदवारों पूर्व मुख्यमंत्री दिग्वियज सिंह और वरिष्ठ दलित नेता फूल सिंह बरैया को मैदान में उतारा है। वहीं भाजपा ने पूर्व केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और शासकीय कॉलेज में प्रोफेसर रहे समेर सिंह सोलंकी को अपना उम्मीदवार बनाया है। मप्र से फिर दिग्विजय सिंह का राज्यसभा में पहुंचना लगभग तय है, लेकिन जिस सीट से फूलसिंह बरैया संसद पहुंचते रहे हैं, उस मुकाबला कठिन होने के आसार हैं।

राजस्थान में राज्यसभा की तीन सीटों के लिए मतदान के बीच कुछ विधायकों को प्रलोभन के आरोपों के बीच कांग्रेस ने अपने व समर्थक निर्दलीय तथा अन्य दलों के विधायकों को पिछले हफ्ते से एक निजी होटल में रखा है। झारखंड से बीजेपी के प्रकाश झा के मुकाबले में कांग्रेस ने शहज़ादा अनवर का नाम आगे रखा है। यहां एक सीट शिबू सोरेन की पार्टी के लिए सुरक्षित मानी जा रही है।

आपको बता दें कि राज्यसभा में बीजेपी के पास अभी कुल 75 सदस्य हैं और एनडीए की गिनती 91 की है। वहीं, कांग्रेस 39 सदस्यों के साथ सदन में है जबकि यूपीए की ताकत 61 सदस्यों की है। बीते मार्च में हुए चुनाव के दौरान भाजपा के सदस्यों की संख्या 81 से घट गई थी इसलिए इस बार भाजपा कम से कम नौ सीटें जीतने के लिए पूरा दम लगा रही है।

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ) 

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