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बंगाल: वाम फ्रंट ने ब्रिगेड रैली से किया शक्ति प्रदर्शन, "सांप्रदायिक तृणमूल और भाजपा को हराने’’ का किया आह्वान

पश्चिम बंगाल की सत्ता से बाहर होने के एक दशक बाद वाम मोर्चा ने  कांग्रेस और नवगठित इंडियन सेकुलर फ्रंट (आईएसएफ) के साथ रविवार को खुद को राज्य में ‘तीसरे विकल्प’ के रूप में पेश किया। वाम दल के कई नेताओं ने इसे पूरी दुनिया में अबतक की सबसे बड़ी शांतिपूर्ण राजनीतिक रैली बताया, उन्होंने कहा इस रैली में क़रीब दस लाख लोग शामिल हुए और ये पूरा कार्यक्रम शंतिपूर्ण रहा।
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कोलकाता के ब्रिगेड परेड मैदान में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के नेतृत्व में रविवार को हुई वाम सेकुलर मोर्चा की रैली में लाखो-लाख लोगों का हुजूम उतरा। पूरे ब्रिगेड परेड मैदान में लोगों के सिर ही सिर दिख रहे थे। पूरा मैदान लाल झंडे और बैनर से पटा हुआ था। पूरा ब्रिगेड मैदान एक लाल समंदर में बदलता दिखा। वहां मौजूद लोगों का उत्साह देखने लायक था। लोगों का ये हुजूम लगतार बंगाल केंद्र की निरंकुश होती सत्ता को चुनौती दे रहा था।

पीपल ब्रिगेड में बंगाल के रानाघाट से एक नौजवान जिनका नाम आलोक सरकार था उनके पिता का देहांत शनिवार को ही हुआ था और वो उन्हें मुखाग्नि देकर रविवार दोपहर में ब्रिगेड का हिस्सा थे और वो पूरे जोश से वाम के समर्थन में नारे लगा रहे थे।

ऐसे ही कई लोग थे जो अपनी दुःख तकलीफों को पीछे छोड़ राज्य में बदलाव और अपने साथियों के मौत का गुस्सा लोकतान्त्रिक तरिके से इजहार करने आए थे। पश्चिम बंगाल की सत्ता से बाहर होने के एक दशक बाद वाम मोर्चा, कांग्रेस और नवगठित इंडियन सेकुलर फ्रंट (आईएसएफ) ने रविवार को खुद को राज्य में ‘तीसरे विकल्प’ के रूप में पेश किया। प्रदेश में आठ चरणों में मतदान होना है और 27 मार्च को पहले चरण का मतदान होगा।

कई वाम दल के नेता ने इसे पूरी दुनिया में अबतक की सबसे बड़ी शांतिपूर्ण राजनितिक रैली बताया। उन्होंने कहा इस रैली में दस लाख लोगों शामिल हुए ये पूरा कार्यक्रम शंतिपूर्ण रहा। रैली ख़त्म होने के बाद वहां मौजूद वाम कार्यकर्ता मैदान की सफाई करते भी दिखे।

आपको बता दें कि वाम दलों की ये ब्रिगेड रैली बंगाल चुनाव के संदर्भ में और भी महत्वपूर्ण थी। इस रैली की सफलता के लिए वाम फ्रंट ने पूरी ताकत झोंक दी थी। अभी कुछ दिनों पहले राज्य की राजधानी कोलकाता में माकपा के युवा संगठन डीवाईएफआई के नेतृत्व में हज़ारों लोगों ने सचिवालय की तरफ मार्च किया था। जिसपर ममता सरकार की पुलिस ने बर्बर लाठीचार्ज किया था जिसमें सैकड़ों वाम युवा कार्यकर्त्ता गंभीर रूप से घायल हुए थे। इसी तरह वाम महिला संगठन जनवादी महिला समिति का भी मार्च था। उसपर भी इसी तरह पुलिस ने बर्बर बल प्रयोग किया था। इसबार विधानसभा चुनाव में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस का मुकाबला भाजपा और नवगठित वाम सेक्युलर गठबंधन से है।

वाम गठबंधन ने पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनावों के लिए अपने अभियान की शुरुआत कोलकाता के ब्रिगेड परेड ग्राउंड में एक बड़ी रैली के साथ की है।

वाम फ्रंट के नेताओं ने रैली में "सांप्रदायिक तृणमूल और भाजपा को हराने’’ का आह्वान किया तथा राज्य में औद्योगिक विकास की शुरूआत के साथ ही रोजगार सृजन सुनिश्चित करने के लिए जनहित सरकार मुहैया कराने के लिए तीसरे विकल्प की आवश्यकता पर बल दिया।

पूर्व सांसद और माकपा नेता मो. सलीम ने कहा "जबकि मीडिया दल बदलुओं पर ध्यान केंद्रित कर रहा है, हम सभी के लिए रोजगार, लोकतंत्र, पारदर्शिता, शिक्षा और स्वास्थ्य के बारे में बात कर रहे हैं।"

पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता के ब्रिगेड परेड मैदान में एक महारैली को संबोधित करते हुये माकपा महासचिव सीताराम येचुरी, भाकपा नेता डी राजा, पश्चिम बंगाल वाम मोर्चा के अध्यक्ष बिमान बोस तथा अन्य वरिष्ठ नेताओं ने कहा कि राज्य के विकास के लिये आगामी चुनावों में तृणमूल कांग्रेस एवं भाजपा को हराने की आवश्यकता है।

बंगाल को विकास करने वाली सरकार की आवश्यकता : सूर्यकांत मिश्रा

तृणमूल कांग्रेस और भाजपा पर 'सांप्रदायिक एजेंडा' चलाने का आरोप लगाते हुए पश्चिम बंगाल माकपा सचिव सूर्यकांत मिश्रा ने रैली में तीसरे विकल्प की आवश्यकता पर जोर दिया।

उन्होंने कहा कि वाम-कांग्रेस का महागठबंधन राज्य में रोजगार और औद्योगिक विकास का मार्ग प्रशस्त करेगा।

कोलकाता के ब्रिगेड परेड मैदान में आयोजित रैली में मिश्रा ने सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस और विपक्षी भाजपा पर राजनीतिक लाभ के लिए लोगों को 'सांप्रदायिक आधार' पर बांटने का आरोप लगाया।

उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल को ऐसी सरकार की आवश्यकता है, जो तृणमूल और भाजपा की 'नकल' नहीं हो।

मिश्रा ने कहा, ' तृणमूल कांग्रेस और भाजपा, एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। उनका एजेंडा लोगों को सांप्रदायिक आधार पर बांटकर शासन करना है। हम देख चुके हैं कि किस तरह तृणमूल के नेता भाजपा में शामिल हो रहे हैं। अब भाजपा और तृणमूल दोनों ही बेनकाब हो चुके हैं।'

बंगाल में त्रिशंकु विधानसभा होने की स्थिति में ममता फिर से एनडीए से हाथ मिला सकती है: येचुरी

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के महासचिव सीताराम येचुरी ने रैली में कहा कि आरएसएस-भाजपा की सांप्रदायिक गतिविधि को रोकने के लिए यह जरूरी है कि पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में पहले तृणमूल कांग्रेस को हराया जाए। उन्होंने दावा किया कि राज्य में त्रिशंकु विधानसभा होने की स्थिति में ममता बनर्जी नीत पार्टी सरकार बनाने के लिए फिर से एनडीए में शामिल हो सकती है।

तृणमूल कांग्रेस और भाजपा के बीच जारी राजनीतिक खींचतान को नूराकुश्ती बताते हुए येचुरी ने आरोप लगाया कि भगवा पार्टी कोविड-19 महामारी से निपटने के लिए बनाये गये ‘पीएम केयर्स’ फंड का इस्तेमाल चुनावों के दौरान नेताओं को ‘‘खरीदने’’ में कर रही है।

उन्होंने कहा, ‘‘दिल्ली में सिंघु बॉर्डर पर किसान, मोदी सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। अगर किसान, जो हमें भोजन मुहैया कराते हैं, ऐसी वीरतापूर्ण लड़ाई लड़ सकते हैं, तो हम भी यहां ऐसा कर सकते हैं।’’

येचुरी ने कहा, ‘‘वामपंथी और धर्मनिरपेक्ष ताकतों का यह महागठबंधन राज्य में भ्रष्ट तृणमूल कांग्रेस सरकार और भाजपा को हराने और बेहतर बंगाल के लिए लड़ेगा।’’

वंशवाद की राजनीति के मुद्दे पर कई अन्य राजनीतिक दलों, खासकर कांग्रेस पर हमला करने को लेकर भाजपा की आलोचना करते हुए येचुरी ने हैरानी जताते हुए कहा कि केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह का बेटा भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) का सचिव कैसे बन गया।

उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा, भ्रष्टाचार और वंशवाद की राजनीति की बात करती है। एक स्टेडियम नरेन्द्र मोदी के नाम पर है। अमित शाह के बेटे क्रिकेट संघ (बीसीसीआई) में एक पदाधिकारी हैं।’’

माकपा नेता ने आरोप लगाया कि राज्य में ममता बनर्जी प्रशासन युवाओं के साथ वही कर रहा है, जो केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार किसानों के खिलाफ कर रही है।

उन्होंने कहा, ‘‘कई लोग मुझसे पूछते हैं कि त्रिशंकु विधानसभा होने की स्थिति में हम क्या करेंगे। मैं उनसे कहता हूं कि वे यह सवाल सीधे तृणमूल कांग्रेस से करें क्योंकि वे इसका जवाब देने के लिए सबसे अच्छी स्थिति में हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘तृणमूल कांग्रेस 1998 से कई वर्षों तक एनडीए का हिस्सा रही है। वह (केन्द्र में) एनडीए सरकार का हिस्सा रही है। (चुनाव के बाद) त्रिशंकु विधानसभा होने की स्थिति में मुझे पूरा विश्वास है कि तृणमूल कांग्रेस राज्य में सरकार बनाने के लिए भाजपा से हाथ मिला लेगी।’’

येचुरी ने कहा, ‘‘बंगाल में तृणमूल कांग्रेस और भाजपा को हराने के लिए सभी धर्मनिरपेक्ष ताकतों को एक साथ आना होगा।’’

उन्होंने दावा किया कि भाजपा और तृणमूल कांग्रेस धर्म का इस्तेमाल देश और राज्य के लोगों की समस्याओं से ध्यान हटाने के लिए कर रहे हैं।

स्वास्थ्य ठीक नहीं रहने के चलते ब्रिगेड रैली में शामिल नहीं हुए बुद्धदेव भट्टाचार्य

पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री एवं माकपा के वरिष्ठ नेता बुद्धदेव भट्टाचार्य स्वास्थ्य ठीक नहीं रहने के कारण रविवार को ब्रिगेड परेड ग्राउंड में पार्टी की रैली में शामिल नहीं हुए। भट्टाचार्य (76) ने जनसभा में शामिल नहीं होने को लेकर अफसोस जताया है।

उन्होंने एक बयान में कहा, ‘‘मेरे कॉमरेड (माकपा कार्यकर्ता) जमीन पर लड़ रहे हैं और मुझे डॉक्टरों की सलाह के अनुसार घर पर रहना पड़ रहा है। यह अकल्पनीय है कि ब्रिगेड परेड ग्राउंड में इतनी विशाल रैली हो रही है और मैं इसमें शामिल नहीं हो सकता। मैं रैली की सफलता की कामना करता हूं।’’

इसी मैदान में 2019 में इस तरह की एक जनसभा के दौरान भट्टाचार्य थोड़ी देर तक ही वहां रहे थे, लेकिन स्वास्थ्य सही नहीं रहने के कारण सभा को संबोधित नहीं कर सके थे।

इस रैली में वाम दल के नेताओ के आलावा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर चौधरी और आईएसएफ के अब्बास सिद्दीकी मुख्य रूप से शामिल थे।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने दावा किया कि महागठबंधन पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस और भाजपा दोनों को हराएगा। चौधरी ने संयुक्त रैली को संबोधित करते हुए कहा कि बड़ी संख्या में लोगों के एकत्रित होने से साबित होता है कि आगामी चुनाव दो-कोणीय नहीं होगा।

अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि भाजपा और सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस चाहती हैं कि इन दोनों दलों के अलावा राज्य में कोई अन्य राजनीतिक ताकत मौजूद न हो, जो उनके रास्ते में आए। उन्होंने कहा, ‘‘भविष्य में, भाजपा या तृणमूल कांग्रेस कोई नहीं होगा, केवल महागठबंधन रहेगा।’’

आईएसएफ प्रमुख अब्बास सिद्दीकी ने चुनावों में भाजपा एवं तृणमूल कांग्रेस को हराने का संकल्प लिया। लेकिन उन्होंने कांग्रेस के लिए सावधानी भरे शब्दों में कहा कि आईएसएफ भागीदार बनने और अपना सही दावा प्राप्त करने के लिए यहां है।

अब्बास सिद्दीकी ने कहा कि पश्चिम बंगाल की जनता मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को ‘उनके अहंकार’ के लिए सबक सिखाएगी।

सिद्दीकी ने कहा, "हम तुष्टीकरण नहीं चाहते हैं। हम इस देश के किसी भी अन्य नागरिक की तरह अपना हक चाहते हैं। हमारे पास भी समान अधिकार हैं।"

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)

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