बंगाल के मुख्य सचिव सेवानिवृत्त हो गए, मुख्यमंत्री के मुख्य सलाहकार के रूप में काम करेंगे: ममता
बंगाल को लेकर मोदी और ममता के बीच तू डाल-डाल, मैं पात-पात और नहले पर दहला वाली सियासत चल रही है। जिस मुख्य सचिव को मोदी सरकार ‘सज़ा’ के तौर पर दिल्ली बुलाना चाहती है, उसी को ममता सरकार ने रिटायर कर अपना मुख्य सलाहकार घोषित कर दिया है। ममता ने कहा, ‘‘हम उन्हें कार्यमुक्त नहीं कर रहे हैं। वह आज सेवानिवृत्त हो गए हैं, लेकिन वह अगले तीन वर्षों तक मुख्यमंत्री के मुख्य सलाहकार के तौर पर काम करेंगे।"
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को कहा कि वह राज्य के मुख्य सचिव अलपन बंदोपाध्याय को अवकाश ग्रहण करने की अनुमति देने के बाद उन्हें तीन साल के लिए सलाहकार नियुक्त कर रही हैं। उनकी नियुक्ति मंगलवार से प्रभावी होगी।
केंद्र ने उन्हें दिल्ली वापस आने का आदेश दिया था।
ममता ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि केंद्र ने उन्हें मंगलवार को नॉर्थ ब्लॉक आने के लिए कहा है, लेकिन वह राज्य प्रशासन की अनुमति के बिना किसी अधिकारी को वापस आने के लिए मजबूर नहीं कर सकता।
उन्होंने कहा, ‘‘मुख्य सचिव को कल तक नॉर्थ ब्लॉक पहुंचने के लिए केंद्र का एक पत्र मिला। यह मेरे पत्र का नहीं बल्कि मुख्य सचिव को जवाब है। मुझे उस पत्र का कोई जवाब नहीं मिला है जो मैंने आज भेजा है।’’
ममता ने दावा किया कि केंद्र सरकार का फैसला एकतरफा और असंवैधानिक है। उन्होंने कहा, ‘‘हम उन्हें कार्यमुक्त नहीं कर रहे हैं। वह आज सेवानिवृत्त हो गए हैं, लेकिन वह अगले तीन वर्षों तक मुख्यमंत्री के मुख्य सलाहकार के तौर पर काम करेंगे।"
इससे पहले दिन में, ममता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखकर मुख्य सचिव को बुलाने के केंद्र के आदेश को वापस लेने का अनुरोध किया।
(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)
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