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उपचुनाव ने बताया पूरे देश का मूड : एनडीए की ज़मीन खिसकी

उपचुनाव का परिणाम हरियाणा और महाराष्ट्र विधानसभा के परिणाम से भी ज़्यादा इस अर्थ में महत्वपूर्ण है क्योंकि ये उत्तर से लेकर दक्षिण तक और पूरब से लेकर पश्चिम तक फैले 18 राज्यों की जनता के मूड को बताता है।
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प्रतीकात्मक तस्वीर। साभार : प्रभात ख़बर 

हरियाणा, महाराष्ट्र विधानसभा के साथ 18 राज्यों में 51 विधानसभा सीटों और दो लोकसभा सीटों पर भी उपचुनाव हुए थे। इनके हार-जीत का गणित भी बड़ा दिलचस्प है और महत्वपूर्ण संदेश देता है। संदेश वही है जो हरियाणा और महाराष्ट्र से निकला है कि भाजपा और उसके सहयोगी दलों की ज़मीन अब खिसक रही है। जनता का उनमें अब पहले वाला विश्वास नहीं रहा और भाजपा के उग्र हिन्दुत्व और राष्ट्रवाद के मुद्दे भी पूरी तरह काम नहीं कर रहे हैं।  

हालांकि भाजपा और इसके सहयोगी दलों ने 18 राज्यों में 51 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनावों में बृहस्पतिवार को आधी से अधिक सीटों पर जीत दर्ज की, लेकिन उसे पहले की अपेक्षा नुकसान उठाना पड़ा। कांग्रेस करीब दर्जन भर सीटों पर विजेता रही, जबकि असदुद्दीन ओवैसी नीत एआईएमआईएम ने बिहार में अपनी पहली चुनावी जीत दर्ज की।

वहीं, दो लोकसभा सीटों पर हुए उपचुनावों में लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के प्रिंस राज ने समस्तीपुर(सु) सीट पर जीत दर्ज की। महाराष्ट्र की सतारा लोकसभा सीट पर सिक्किम के पूर्व राज्यपाल एवं राकांपा (एनसीपी) प्रत्याशी श्रीनिवास पाटील विजयी रहे। ये उपचुनाव 21 अक्टूबर को हुए थे।

यूपी में समाजवादी पार्टी को बड़ा फायदा

उपचुनावों में उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी को सबसे बड़ा फायदा हुआ, जिसने सत्तारूढ़ भाजपा और बसपा से एक-एक सीट छीनी। राज्य में राजग (एनडीए) ने आठ सीटों पर जीत दर्ज की। इस तरह उसे एक सीट का नुकसान हुआ।

उत्तर प्रदेश विधानसभा उपचुनाव में सपा ने एक एक सीट भाजपा और बसपा से छीनी जबकि रामपुर सीट पर कब्जा बरकरार रखा ।

उप्र में कुल 11 विधानसभा सीटों में भाजपा ने सात और उसके सहयोगी अपना दल :सोनेलाल: ने एक सीट जीती। सपा ने जैदपुर सीट भाजपा से और जलालपुर सीट बसपा से छीनकर अपने खाते में डाली। रामपुर सीट पर पार्टी का कब्जा बरकरार रहा।

भाजपा ने बलहा, गंगोह, मानिकपुर, घोसी, इगलास, लखनऊ कैण्ट और गोविन्दनगर सीटों पर जीत हासिल की जबकि अपना दल :एस: ने प्रतापगढ सीट बरकरार रखी ।

बिहार में नीतीश को झटका

बिहार में सत्तारूढ़ जद (यू) को तगड़ा झटका लगा। पार्टी ने विधानसभा उपुचनाव में कुल पांच में से चार सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे लेकिन उसे एक पर ही जीत मिली। वहीं, राजद ने दो सीटें जीती, जबकि एआईएमआईएम एक सीट पर विजयी रही। एक सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार विजेता रहा। भाजपा के बागी उम्मीदवार करनजीत सिंह ने दरौंदा सीट बतौर निर्दलीय प्रत्याशी जीती।

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उपचुनाव के नतीजें राजद के चेहरे पर मुस्कुराहट लेकर आए। हैदराबाद के सांसद ओवैसी नीत एआईएमआईएम ने मुस्लिम बहुल सीट किशनगंज पर जीत दर्ज कर राज्य में दस्तक दी।  

जद (यू) सिर्फ नाथनगर सीट ही जीत पाई जहां उसके उम्मीदवार लक्ष्मी कांत मंडल ने राजद की राबिया खातून को 5,000से अधिक वोटों के अंतर से हराया।

जिन पांच सीटों पर उपचुनाव हुए उनमें चार सीटें भाजपा के सहयोगी दल जद(यू) के पास थी जबकि एक पर कांग्रेस का कब्जा था।

एनडीए को नुकसान

भाजपा एवं उसके सहयोगी दलों द्वारा शासित जिन राज्यों में विधानसभा उपचुनाव हुए, उनमें सर्वाधिक 11 सीटों पर उत्तर प्रदेश में उपचुनाव हुए थे। जबकि गुजरात में छह, बिहार में पांच, असम में चार और हिमाचल प्रदेश तथा तमिलनाडु में दो-दो सीटों पर उपचुनाव हुए थे।

साथ ही, पंजाब (4), केरल (5), सिक्किम (3), राजस्थान (2) और अरूणाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, ओडिशा, छत्तीसगढ़, पुडुचेरी, मेघालय और तेलंगाना में एक-एक सीट पर उपचुनाव हुए थे।

मध्यप्रदेश में कांग्रेस ने अपनी सीट वापस पाई

मध्य प्रदेश में कांग्रेस ने अपनी परंपरागत सीट झाबुआ मुख्य विपक्षी दल भाजपा से वापस छीन ली है।

इस सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी एवं भाजपा उम्मीदवार भानू भूरिया को 27 हजार 804 मतों से हरा दिया है।

राज्य विधानसभा में कांग्रेस के अब 115 सदस्य हो गये हैं और 230 सदस्यीय विधानसभा में यह सामान्य बहुमत से एक सीट पीछे रह गई है।

छत्तीसगढ़ में कांग्रेस और मजबूत

छत्तीसगढ़ के चित्रकोट विधानसभा सीट में कांग्रेस के राजमन बेंजाम ने अपने निकटतम भारतीय जनता पार्टी के लच्छुराम कश्यप को 17862 मतों से पराजित किया है।

इस चुनाव में कांग्रेस की जीत के बाद अब राज्य विधानसभा में कांग्रेस के 69 विधायक हो गए हैं, तथा भाजपा के विधायकों की संख्या घटकर 14 ही रह गई है।

राज्य में भाजपा को लगातार दो उपचुनावों दंतेवाड़ा और चित्रकोट में हार का सामना करना पड़ा है।

राजस्थान में भी कांग्रेस को फायदा

राजस्थान में सत्तारूढ़ कांग्रेस ने मंडावा (झुंझुनू) विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में जीत हासिल की है। वहां कांग्रेस की रीटा चौधरी ने भाजपा की सुशीला सींगड़ा को 33,704 मतों से हराया। इस जीत के साथ 200 सदस्यीय राज्य विधानसभा में कांग्रेस की सीटों की संख्या बढ़ कर 107 हो गई, जिसमें वे छह विधायक भी हैं जो पिछले महीने बसपा से दलबदल कर कांग्रेस में शामिल हो गये थे।

पंजाब में शिअद को झटका

उपचुनाव के नतीजों के साथ पंजाब में सत्तारूढ़ कांग्रेस ने भी अपनी स्थिति मजबूत की है। जलालाबाद सीट पर पार्टी के उम्मीदवार रमिंदर अवला ने शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के राज सिंह दीबीपुरा को 16,633 वोटों के अंतर से हराया। इस सीट को अकालियों का गढ़ माना जाता था। इस सीट का, इससे पहले शिअद प्रमुख सुखबीर सिंह बादल प्रतिनिधित्व करते थे जो मई में हुए आमचुनाव में लोकसभा के लिये निर्वाचित हो गये थे।  

फगवाड़ा सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार एवं पूर्व आईएएस अधिकारी बलविंदर सिंह धालीवाल ने भाजपा उम्मीदवार राजेश बाघा को 26,116 मतों से हरा दिया।

वहीं, दाखा सीट पर शिरोमणि अकाली दल के प्रत्याशी मनप्रीत सिंह इयाली ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी एवं कांग्रेस उम्मीदवार संदीप सिंह संधू को 14,672 मतों से पराजित कर दिया।

कांग्रेस उम्मीदवार इंदु बाला ने मुकेरियां विधानसभा सीट पर जीत हासिल की है। उन्होंने भाजपा प्रत्याशी जंगी लाल महाजन को बृहस्पतिवार को 3,440 वोटों के अंतर से हराया।

दक्षिण भारत

उधर दक्षिण भारत में तमिलनाडु, केरल और तेलंगाना में हुए उपचुनावों में सत्तारूढ दलों का ही बोलबाला रहा। दिलचस्प बात यह है कि अप्रैल 2019 में लोकसभा चुनाव में झटका खाने वाले अन्नाद्रमुक और माकपा ने फिर से अपना दम दिखाया।

माकपा ने केरल और अन्नाद्रमुक ने तमिलनाडु में विपक्षी दलों के गढ़ में जीत हासिल की। इसके अलावा टीआरएस ने तेलंगाना की हुजूरनगर सीट कांग्रेस से छीन ली।

इससे पहले लोकसभा चुनाव के दौरान तमिलनाडु में अन्नाद्रमुक ने द्रमुक नीत गठबंधन के मुकाबले कमजोर प्रदर्शन किया था। इसी तरह केरल में कांग्रेस को माकपा के मुकाबले ज्यादा सीटों पर जीत मिली थी।

भाजपा, डीएमडीके, पीएमके और अन्य दलों के साथ मिलकर लोकसभा चुनाव लड़ने वाली अन्नाद्रमुक को सिर्फ एक सीट पर ही जीत हासिल हुई थी।

दिलचस्प बात है कि तमिलनाडु की जिन दो सीटों विक्रवंदी और नांगुनेरी में 21 अक्टूबर को उपचुनाव हुए वे पहले क्रमश: द्रमुक और उसके सहयोगी दल कांग्रेस के पास थीं। लोकसभा चुनाव में तमिलनाडु की 22 सीटों में से द्रमुक को 13 पर जीत मिली थी जबकि अन्नाद्रमुक नौ सीटें ही जीत पाई थी।

वहीं केरल में इस बार माकपा को अपनी मौजूदा सीट अरूर पर हार का सामना करना पड़ा। हालांकि उसने विपक्ष का गढ़ मानी जाने वाली दो सीटों वट्टियूरकवु और कोन्नी सीट पर जीत हासिल की। इन दोनों सीटों समेत चार सीटों पर 21 अक्टूबर को चुनाव हुए थे।

तेलंगाना में तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) ने हजूरनगर सीट पर जीत दर्ज की। टीआरएस ने पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव में शानदार जीत हासिल की थी, हालांकि इस साल अप्रैल में हुए लोकसभा चुनाव में वह उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन नहीं कर पाई थी।

विधानसभा चुनाव में जहां उसे 120 सीटों में से 100 सीटों पर जीत मिली थी, वहीं इस साल हुए लोकसभा चुनाव में वह कुल 19 सीटों में से 12 पर जीती थी।

इसी तरह, पुडुचेरी में सत्तारूढ़ कांग्रेस के उम्मीदवार और मुख्यमंत्री वी नारायणसामी के करीबी ए जॉन कुमार की जीत के साथ ही उसके विधायकों की संख्या में इजाफा हुआ।

पूर्वोत्तर की स्थिति

पूर्वोत्तर में भाजपा ने असम में तीन सीटों पर जीत दर्ज की। पार्टी के उम्मीदवारों--बिजय मालाकार (रत्नाबारी), राजन बोरठाकुर (रंगापारा) और नबनीत हांडिक (सोनारी) ने अपने-अपने कांग्रेस प्रतिद्वंद्वियों को हराया। वहीं, एआईयूडीएफ के रफीकुल इस्लाम ने जानिया में कांग्रेस के शम्शुल हक को हराया।

सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग उर्फ पीएस गोले ने पोकलोक कामरंग विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में 8,953 मतों से जीत हासिल की है। वहीं, सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा (एसकेएम) की सहयोगी भाजपा ने राज्य में पहली बार अपना खाता खोलते हुए दो सीटों पर जीत दर्ज की।

एसकेएम के संस्थापक गोले ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट (एसडीएफ) के मोसेस राई को हराया। गोले को 10,811 मत मिले, जबकि राई को 1,858 मत मिले।

भाजपा के उम्मीदवार सोनम छी वेनचुंगपा मारतम रूमटेक सीट से और यौंग शेरिंग लैपचा गंगटोक सीट से विजेता रहे।

वेनचुंगपा ने अपने प्रतिद्वंद्वी नुक शेरिंग भुटिया को 6,150 मतों से हराया। लैपचा ने दिल्ले नामग्याल बारफुंगपा को 1,010 मतों से हराया।

भारतीय फुटबॉल टीम के पूर्व कप्तान बाईचुंग भूटिया हमरो सिक्किम पार्टी के टिकट पर गंगटोक सीट से उम्मीदवार थे। उन्हें केवल 579 मत मिले।

अरूणाचल प्रदेश में एनपीपी के दिवंगत नेता तिरोंग अबोह की पत्नी एवं निर्दलीय उम्मीदवार चकत अबोह ने निर्दलीय उम्मीदवार अजेत होमतोक को 1887 वोटों के अंतर से हराया।

उधर, हिमाचल प्रदेश में विधानसभा की दो सीटों पर हुए उपचुनावों में दोनों पर ही भाजपा ने बृहस्पतिवार को जीत दर्ज कर ली। राज्य में पच्छाड और धर्मशाला सीटों पर उपचुनाव हुए थे।

पच्छाड सीट पर भाजपा की रीना कश्यप ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी और कांग्रेस उम्मीदवार गंगू राम मुसाफिर को 2808 वोटों के अंतर से हराया।

धर्मशाला में भाजपा प्रत्याशी विशाल नेहरिया ने 6,673 मतों के अंतर से अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी एवं निर्दलीय उम्मीदवार राकेश कुमार को हरा दिया।

गुजरात में अल्पेश ठाकोर हारे

प्रधानमंत्री मोदी के गृह राज्य गुजरात में भाजपा और कांग्रेस ने तीन-तीन सीटों पर जीत दर्ज की। कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हुए ओबीसी नेता अल्पेश ठाकोर राधनपुर से हार गये। उन्हे कांग्रेस उम्मीदवार रघुभाई देसाई ने करीब चार हजार वोटों के अंतर से हराया।

वहीं, बायड और थारड में भी कांग्रेस उम्मीदवार विजयी रहे। जबकि खेलारू, लुनावाडा और अमराईवाडी सीटों पर भाजपा ने जीत दर्ज की।  

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)

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