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चक्का जाम: पंजाब, हरियाणा, राजस्थान समेत देशभर में किसानों ने दिखाई एकजुटता, दिल्ली में 50 समर्थक हिरासत में

लगभग सभी जगह ‘चक्का जाम’ के दौरान पूरी तरह शांति बनी रही और किसानों ने प्रदर्शन कर अपनी एकजुटता और ताक़त का एहसास कराया। मध्य दिल्ली में किसानों के समर्थन में प्रदर्शन करने के आरोप में 50 लोगों को पुलिस ने हिरासत में लिया है।
चक्का जाम

तीन कृषि क़ानूनों और अन्य मुद्दों को लेकर किसान यूनियूनों के आह्वान पर आज देशभर में तीन घंटे का चक्का जाम किया गया। इस दौरान पूरी तरह शांति बनी रही और किसानों ने प्रदर्शन कर अपनी एकजुटता और ताक़त का एहसास कराया। चक्का जाम का सबसे ज़्यादा असर पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में नज़र आया। बिहार, महाराष्ट्र, कर्नाटक से भी व्यापक आंदोलन की ख़बर है।

आज के चक्का जाम से दिल्ली, यूपी और उत्तराखंड को अलग रखा गया था। यूपी और उत्तराखंड में किसानों ने कई जगह अधिकारियों को अपनी मांग से संबंधित ज्ञापन सौंपे।

हालांकि किसानों के 'चक्का जाम' के आह्वान के समर्थन में कथित रूप से प्रदर्शन करने के लिए मध्य दिल्ली के शहीदी पार्क के पास 50 व्यक्तियों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया।

किसान यूनियनों ने सोमवार को घोषणा की थी कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग समेत प्रदर्शन स्थलों के आसपास के इलाकों में इंटरनेट पर पाबंदी लगाने, अधिकारियों द्वारा आंदोलनकारियों को प्रताड़ित किये जाने और अन्य मुद्दों को लेकर वह छह फरवरी दोपहर 12 बजे से तीन बजे तक देशव्यापी चक्का जाम करेंगे, जिस दौरान विरोधस्वरूप राष्ट्रीय और राजकीय राजमार्ग अवरुद्ध किया जाएगा।

पंजाब और हरियाणा में किसानों सड़कें अवरुद्ध कीं

चंडीगढ़: आज राष्ट्रव्यापी 'चक्का जाम' के दौरान पंजाब और हरियाणा में किसानों ने कई जगह सड़कें अवरुद्ध कर दीं।

विभिन्न किसान निकायों से जुड़े प्रदर्शनकारी किसानों ने विभिन्न स्थानों पर राजकीय और राष्ट्रीय राजमार्गों को अवरुद्ध कर दिया, जिसके कारण लंबा जाम लग गया।

भारतीय किसान यूनियन (एकता उग्रहां) के महासचिव सुखदेव सिंह कोकरिकलां ने कहा कि वे पंजाब के संगरूर, बरनाला और बठिंडा समेत 15 जिलों के 33 स्थानों पर सड़कें अवरुद्ध कर रहे हैं।

इससे पहले सुबह के समय किसानों ने दोनों राज्यों में चक्का जाम के लिये प्रदर्शन स्थलों पर एकत्रित होना शुरू कर दिया।

अंबाला के निकट शंभू में पंजाब-हरियाणा सीमा पर एक प्रदर्शनकारी ने कहा, 'बुजुर्ग और युवा चक्का जाम में हिस्सा लेने के लिये यहां एकत्रित हुए हैं।'

राजस्थान में किसानों ने अनेक जगह चक्काजाम किया

जयपुर:  केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहीं किसान यूनियनों के समर्थन में किसानों ने राजस्थान में शनिवार को अनेक जगह 'चक्का जाम' किया।

राज्य के गंगानगर, हनुमानगढ़, धौलपुर व झालावाड़ सहित अनेक जगह पर किसानों द्वारा चक्काजाम के समाचार हैं जहां किसान मुख्य सड़कों या राजमार्गों पर धरने पर बैठ गए।

राज्य में किसानों के इस चक्काजाम को विभिन्न किसान संगठनों के साथ-साथ कांग्रेस ने भी समर्थन दिया है।

कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने ट्वीट किया, ‘‘आंदोलनरत किसानों द्वारा आज दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक राष्ट्रीय व राज्य राजमार्ग चक्काजाम करने के आह्वान का राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी समर्थन करती है। सभी कांग्रेसजनों से निवेदन है कि इस शांतिपूर्ण चक्काजाम को सफल बनाने के लिए आवश्यक कदम उठाएँ।'’

वाम दलों ने भी इस चक्का जाम आंदोलन में भाग लिया। किसान नेता अमराराम ने कहा कि किसानों की ताकत के आगे मोदी सरकार को झुकना ही पड़ेगा और तीनों काले कानूनों को वापस लेने होंगे I

बिहार में भी व्यापक असर

बिहार में विपक्षी महागठबंधन खासतौर से वाम दलों ने किसानों के चक्का जाम को पूरा समर्थन दिया। बेगूसराय बिहार में रेलवे स्टेशन के निकट NH 31 पर अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के अह्वाण पर चक्का जाम किया गया।

किसानों के ‘चक्का जाम’ के मद्देनजर दिल्ली की सीमाओं पर सुरक्षा कड़ी रही

दिल्ली पुलिस ने शनिवार को आहूत राष्ट्रव्यापी ‘चक्का जाम’ के कारण पैदा हो सकने वाले हालात से निपटने के लिए अर्द्धसैन्य बलों समेत हजारों कर्मियों को तैनात किया और शहर के सभी सीमा बिंदुओं पर सुरक्षा कड़ी कर दी।

हालांकि संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने शुक्रवार को कहा था कि दिल्ली, उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखंड में शनिवार को चक्का जाम के दौरान मार्गों को बंद नहीं किया जाएगा। मोर्चा ने साफ किया था कि किसान देश के अन्य हिस्सों में शांतिपूर्ण तरीके से तीन घंटे के लिए राष्ट्रीय एवं राज्य राजमार्गों को बाधित करेंगे।

लेकिन फिर भी दिल्ली पुलिस ने शहर और सीमाओं पर सुरक्षा कड़ी करने और सतर्कता बढ़ाने समेत अतिरिक्त कदम उठाए।

लाल किले एवं आईटीओ समेत राष्ट्रीय राजधानी के अहम स्थानों पर बलों को तैनात किया गया। लाल किले और आईटीओ पर 26 जनवरी को ट्रैक्टर परेड के दौरान हिंसा हुई थी।

पुलिस प्रदर्शन स्थलों पर कड़ी नजर रखने के लिए ड्रोन कैमरों का इस्तेमाल कर रही है।

पुलिस ने प्रदर्शन स्थलों पर बहुस्तरीय अवरोधक लगाने, कंटीली तारें लगाने और सड़कों पर कीलें लगाने समेत कई कदम उठाए हैं, जिनकी काफी आलोचना भी हुई है।

अधिकारियों ने बताया कि बलों के खिलाफ अफवाह फैलाने वालों पर नजर रखने के लिए सोशल मीडिया की सामग्री पर भी नजर रखी जा रही है।

दिल्ली में कई मेट्रो स्टेशनों के प्रवेश और निकास द्वार बंद किए गए

इसके अलावा किसान यूनियनों के 'चक्का जाम' के मद्देनजर शनिवार को दिल्ली के कई प्रमुख मेट्रो स्टेशनों पर प्रवेश और निकास द्वार अस्थायी रूप से बंद कर दिए गए।

डीएमआरसी ने कई ट्वीट कर यात्रियों को सूचित किया कि कई स्टेशनों को बंद कर दिया गया है।

इसने ट्वीट किया, "मंडी हाउस, आईटीओ और दिल्ली गेट के प्रवेश/निकास द्वार बंद हैं।" बाद में की गई ट्वीट में कहा गया कि विश्ववद्यालय स्टेशन के प्रवेश और निकास द्वार भी बंद कर दिए गए हैं।

डीएमआरसी ने कहा, "लाल किला, जामा मस्जिद, जनपथ और केंद्रीय सचिवालय के प्रवेश/निकास द्वार बंद हैं। इंटरचेंज सुविधा उपलब्ध है।"

किसानों के समर्थन में प्रदर्शन करने के आरोप में 50 व्यक्ति हिरासत में लिये गए

किसानों के 'चक्का जाम' के आह्वान के समर्थन में कथित रूप से प्रदर्शन करने के लिए शनिवार को मध्य दिल्ली के शहीदी पार्क के पास 50 व्यक्तियों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया।

देशहित में किसानों का सत्याग्रह, पूर्ण समर्थन: राहुल

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने किसान संगठनों की ओर से आहूत ‘चक्का जाम’ का समर्थन करते हुए शनिवार को कहा कि अन्नदाताओं का सत्याग्रह देश हित में है और तीनों कृषि कानून राष्ट्र के लिए घातक हैं।

उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘ अन्नदाता का शांतिपूर्ण सत्याग्रह देशहित में है - ये तीन क़ानून सिर्फ़ किसान-मज़दूर के लिए ही नहीं, जनता व देश के लिए भी घातक हैं। पूर्ण समर्थन!’’

राहुल गांधी ने पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी को लेकर भी केंद्र सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘मोदी सरकार ने देश और घर, दोनों का बजट बिगाड़ दिया है।’’

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)

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