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कोरोना पर भारी चुनावी बुखार: सांवेर में शिवलिंग वितरण के बाद कलश यात्राएं जारी

सांवेर विधानसभा क्षेत्र में भीड़-भाड़ वाले सियासी आयोजनों में महामारी से बचाव के दिशा-निर्देशों के कथित उल्लंघन की तस्वीरें लगातार सामने आ रही हैं। गैर सरकारी संगठनों ने चुनाव आयोग से तुरंत दखल देने की मांग की है।
कलश यात्राएं जारी
 इंदौर में कलश यात्रा। फोटो साभार : दैनिक भास्कर

इंदौर (मध्यप्रदेश): देश में कोविड-19 से सबसे ज्यादा प्रभावित जिलों में शामिल इंदौर के सांवेर विधानसभा क्षेत्र में भीड़-भाड़ वाले सियासी आयोजनों में महामारी से बचाव के दिशा-निर्देशों के कथित उल्लंघन की तस्वीरें लगातार सामने आ रही हैं। इन आयोजनों से कोरोना वायरस संक्रमण का प्रकोप बढ़ने का अंदेशा जताते हुए गैर सरकारी संगठनों ने चुनाव आयोग से तुरंत दखल देने की मांग की है।

सांवेर, सूबे के उन 27 विधानसभा क्षेत्रों में शामिल है जहां आने वाले दिनों में उप चुनाव होने हैं। ये उप चुनाव बेहद अहम हैं क्योंकि इनके नतीजे तय करेंगे कि सूबे में सत्ता की बागडोर भाजपा के ही पास रहती है या सरकार में कांग्रेस वापसी करती है।

गैर सरकारी संगठन "जन स्वास्थ्य अभियान मध्यप्रदेश" के सह समन्वयक अमूल्य निधि ने सोमवार को "पीटीआई-भाषा" से कहा, "सोशल मीडिया पर हर रोज वायरल होने वाली तस्वीरों से स्पष्ट है कि सांवेर क्षेत्र में आगामी उप चुनाव के मद्देनजर जारी सियासी आयोजनों में कोविड-19 से बचाव के दिशा-निर्देशों का खुलेआम उल्लंघन हो रहा है।"

उन्होंने प्रशासन पर राजनीतिक दलों पर प्रभावी नकेल नहीं कस पाने का आरोप लगाते हुए कहा, "मतदाताओं के स्वास्थ्य के मद्देनजर चुनाव आयोग को सांवेर के बेलगाम राजनीतिक आयोजनों का तुरंत संज्ञान लेना चाहिये और दोषी लोगों के खिलाफ उचित कदम उठाने चाहिये।"

सांवेर क्षेत्र में भीड़-भाड़ वाले सियासी आयोजन की ताजा तस्वीरें 250 गांवों में भाजपा की निकाली जा रही "नर्मदा कलश यात्राओं" की हैं। इन यात्राओं में सैकड़ों ग्रामीण महिलाएं अपने सिर पर नर्मदा नदी के जल से भरा कलश रखकर जूलूस के रूप में चलती दिखायी दे रही हैं। यात्रा में शामिल महिलाएं ढोल की थाप पर समूह में नृत्य करती भी नजर आ रही हैं।

इससे पहले, जुलाई में श्रावण मास के दौरान कांग्रेस सांवेर क्षेत्र के गांवों में "हर-हर महादेव, घर-घर महादेव" अभियान के तहत हजारों शिवलिंग बांट चुकी है। कांग्रेस सूत्रों ने बताया कि पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ इस क्षेत्र में 13 सितंबर को पार्टी की किसान-मजदूर यात्रा की शुरूआत करने जा रहे हैं।

चुनाव आयोग ने कोरोना वायरस संक्रमण काल में आम चुनावों और उप चुनावों को लेकर अगस्त में विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किये थे। इनमें कहा गया था कि संबंधित राजनीतिक दल सुनिश्चित करेंगे कि हरेक चुनावी जमावड़े में मास्क, सैनिटाइजर, थर्मल स्कैनिंग आदि साधनों का उपयोग किया जाये।

सांवेर क्षेत्र में इन दिशा-निर्देशों के पालन की स्थिति के बारे में पूछे जाने पर अनुविभागीय मजिस्ट्रेट (एसडीएम) राधेश्याम मंडलोई ने दावा किया कि ये दिशा-निर्देश उप चुनाव की आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद अमल में आयेंगे।

राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के वफादार समर्थकों में गिने जाने वाले प्रदेश के जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट को सांवेर उप चुनाव में भाजपा का टिकट मिलना तय है। उधर, कांग्रेस की ओर से पूर्व लोकसभा सांसद प्रेमचंद बौरासी "गुड्डू" की उम्मीदवारी पक्की मानी जा रही है।

सांवेर में चुनावी जीत के लिये एड़ी-चोटी का जोर लगा रहे सिलावट और गुड्डू गुजरे दो महीने के दौरान खुद कोरोना वायरस संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं। हालांकि, इलाज के बाद दोनों प्रतिद्वन्द्वी नेता इस महामारी से उबर चुके हैं।

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