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दिल्ली एमसीडी चुनाव: मतदान समाप्त, 1,349 उम्मीदवारों की क़िस्मत का फ़ैसला 7 दिसंबर को

शाम साढ़े पांच बजे तक दिल्ली के सभी वार्डों में करीब 50 फ़ीसदी मतदान हुआ। वहीं शाम चार बजे तक 45 प्रतिशत से अधिक मतदान दर्ज किया गया। मतगणना के लिए दिल्ली राज्य चुनाव आयोग ने 42 केंद्र बनाया है।
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फ़ोटो साभार: पीटीआई

दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के सभी 250 वार्ड के लिए आज सुबह आठ बजे से मतदान शुरू हुआ।

शाम साढ़े पांच बजे तक दिल्ली के सभी वार्डों में करीब 50 फ़ीसदी मतदान हुआ। वहीं शाम चार बजे तक 45 प्रतिशत से अधिक मतदान दर्ज किया गया। दोपहर 2.30 बजे तक 30 प्रतिशत मतदान हुआ था, जबकि दोपहर 12.30 बजे तक 18 फ़ीसदी मतदान दर्ज किया गया। सुबह साढ़े 10 बजे तक नौ प्रतिशत मतदान हुआ। मतों की गिनती सात दिसंबर को होगी। मतगणना के लिए दिल्ली राज्य चुनाव आयोग ने 42 केंद्र बनाया है।

इस चुनाव में आम आदमी पार्टी (आप), भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) तथा कांग्रेस के बीच त्रिकोणीय मुक़ाबला है।

एमसीडी चुनाव में 1.45 करोड़ से अधिक मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल करने के योग्य रहे। चुनाव में कुल 1,349 उम्मीदवार मैदान में थे। कुल 1.45 करोड़ मतदाताओं में पहली बार मतदान करने वाले 9,50,000 युवा शामिल अपने मताधिकार का इस्तेमाल करने को योग्य रहे।

राज्य निर्वाचन आयोग के अधिकारियों की ओर से साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली में मतदाताओं की कुल संख्या 1,45,05,358 है, जिसमें 78,93,418 पुरुष, 66,10,879 महिलाएं और 1,061 ट्रांसजेंडर हैं।

परिसीसन की क़वायद और उत्तर, दक्षिण और पूर्वी दिल्ली नगर निगमों को मिलाकर एकीकृत एमसीडी बनाने के बाद यह पहला चुनाव था। एकीकृत एमसीडी 22 मई से अस्तित्व में आई।

आज यहां हुआ मतदान गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए हुए पहले चरण के मतदान से तीन दिन बाद और दूसरे चरण के मतदान से एक दिन पहले हुआ।

एमसीडी को 1958 में स्थापित किया गया था। 2012 में तत्कालीन मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के कार्यकाल के दौरान इसे तीन हिस्सों- उत्तर, दक्षिण और पूर्वी दिल्ली नगर निगमों में बांट दिया गया था। हालांकि, इस साल फिर से तीनों को एकीकृत कर दिया गया।

राज्य चुनाव आयुक्त विजय देव द्वारा चार नवंबर को एमसीडी चुनाव की तारीख़ की घोषणा के साथ ही दिल्ली में आदर्श आचार संहिता तत्काल प्रभाव से लागू हो गई थी।

‘आप’ और भाजपा दोनों को भरोसा है कि वे चुनावों में विजयी होंगी, जबकि कांग्रेस खोया हुआ अपना जनाधार हासिल करने की कोशिश कर रही है।

चुनाव से पहले दिल्ली में ‘आप’ और भाजपा के बड़े नेताओं ने प्रचार किया और गलियों में घूम कर अपनी पार्टी के उम्मीदवार के लिए वोट मांगे।

राज्य चुनाव आयोग के अधिकारियों ने कहा था कि चुनाव अधिकारी और उसकी टीम रविवार को होने वाले इस मतदान के लिए पूरी तरह तैयार हैं और सुरक्षा बलों की तैनाती के लिए पर्याप्त इंतज़ाम किए गए हैं।

आयोग ने शुक्रवार को कहा था कि उसने सुगमता से मतदान कराने के लिए पूरी व्यवस्था कर ली है।

दिल्ली में फरवरी 2020 में हुए दंगों के बाद नगर निगम का यह पहला चुनाव था और अधिकारियों की ओर साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, 493 स्थानों पर 3360 बूथ को संवेदनशील घोषित किया गया था।

एमसीडी चुनाव सुगम तरीक़े से कराने के लिए क़रीब 40,000 पुलिसकर्मी, 20,000 होमगार्ड और अर्द्धसैनिक तथा राज्य सशस्त्र पुलिस बलों की 108 कंपनी को तैनात की गई थी।

68 मतदान केंद्रों को मॉडल मतदान केंद्र बनाया गया था, जबकि 68 को ‘पिंक’ मतदान केंद्र बनाया गया था।

साल 2017 में हुए निकाय चुनाव में भाजपा ने कुल 270 वार्ड में से 181 में जीत हासिल की थी। प्रत्याशियों के निधन के कारण दो सीट पर मतदान नहीं हो सका था। ’आप’ ने 48 और कांग्रेस ने 27 वार्ड में जीत दर्ज की थी। 2017 में 53 फ़ीसदी मतदान हुआ था।

मतदाता सूची से नाम गायब होने से कई लोग हुए मायूस

दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) चुनाव के लिए खजूरी खास के एक मतदान केंद्र पर मतदाताओं की सूची उलट-पलट रहे 19 वर्षीय पुनीत कुमार रविवार को पहली बार मतदान करने के लिए उत्साहित थे, लेकिन सूची से अपना नाम नदारद मिलने पर वह निराश हो गए।

निराश और हताश पुनीत ने कहा, ‘‘ मैं यहां अपना वोट डालने आया था। मैंने देखा कि सूची में मेरा नाम नहीं है। अधिकारियों को कुछ अता पता नहीं है। मैं पिछले कुछ घंटों से खड़ा हूं लेकिन कोई मेरी मदद नहीं कर रहा है। ’’

उत्तर-पूर्वी दिल्ली और कई अन्य क्षेत्रों में लोगों ने शिकायत की कि मतदाता सूची में उनके नाम का उल्लेख नहीं किया गया था, जिस कारण वे मतदान नहीं कर सके।

कांग्रेस की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष अनिल कुमार उन लोगों में शामिल थे, जो सूची से अपना नाम गायब होने के कारण मतदान नहीं कर सके।

अनिल कुमार ने पूर्वी दिल्ली के दल्लूपुरा में एक मतदान केंद्र पर कहा, ‘‘मेरा नाम न तो मतदाता सूची में है और न ही हटाई गई सूची में। मेरी पत्नी ने मतदान किया है।’’

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद मनोज तिवारी ने आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) के इशारे पर उनके उत्तर-पूर्वी दिल्ली निर्वाचन क्षेत्र के मौजपुर और यमुना विहार इलाकों में सैकड़ों मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से काट दिए गए हैं।

मनोज तिवारी ने मौजपुर वार्ड में संवाददाताओं से कहा, ‘‘ मैंने इस संबंध में राज्य चुनाव आयुक्त से बात की है और उनके पास शिकायत दर्ज कराई है। अगर जरूरत पड़ी तो हम यहां चुनाव रद्द करने की मांग करेंगे।’’

उन्होंने कहा कि वह संबंध में कानूनी विकल्प भी तलाश करेंगे।

नुसरा जहां (62) वोट डालने के लिए भजनपुरा के एक मतदान केंद्र पर पहुंचीं, लेकिन उन्हें बताया गया कि उनका नाम सूची में नहीं है।

उन्होंने अधिकारियों से फिर से जांच करने का अनुरोध किया लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। परेशान नुसरा जहां ने अधिकारियों पर घटिया काम करने का आरोप लगाते हुए अपना गुस्सा निकाला।

नुसरा जहां ने कहा, ‘‘ मैंने कई चुनावों में मतदान किया है और अब यह पहली बार है जब मुझे बताया गया है कि मेरा वोट यहां नहीं है।’’

नुसरा जहां ने कहा, ’’मुझे नहीं पता कि ऐसा क्यों किया गया है। मैंने उनसे स्पष्टीकरण मांगा, लेकिन वे स्पष्टीकरण नहीं दे सके। अब मुझे बिना वोट डाले वापस जाना होगा। यह अधिकारियों की गलती है।’’

कृष्णा नगर (पूर्वी दिल्ली) में रेयान अपनी पत्नी के साथ वोट डालने पहुंचे। लेकिन 30 वर्षीय रेयान मतदान नहीं कर सके, क्योंकि उनका नाम सूची में नहीं था।

(न्यूज़ एजेंसी भाषा इनपुट के साथ)

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