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दिल्ली हिंसा : बीजेपी नेता मोहसिन अली की कार जली मिली, लाश की शिनाख्त नहीं

दिल्ली में सीएए के विरोध और समर्थन को लेकर उत्तरपूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा के दौरान दंगाइयों ने यूपी बीजेपी के एक नेता की कार में आग लगा दी। कार के पास से एक डेडबॉडी भी मिली है लेकिन उसकी शिनाख्त नहीं हो सकती है। अब उसका डीएनए करना होगा।
Delhi violence

दिल्ली : दिल्ली में सीएए के विरोध और समर्थन को लेकर उत्तरपूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा के दौरान दंगाइयों ने यूपी बीजेपी नेता मोहसिन अली की कार जला दी है। उनकी मौत की भी आशंका है लेकिन अभी उनकी बॉडी की शिनाख्त नहीं हो पाई है।

मोहसिन (23) नोएडा सेक्टर-5 में रहते थे। सोनिया विहार के ग्रीन गार्डन में जनरेटर का कारोबार था। 25 फरवरी दोपहर 2 बजे मोहसिन ग्रीन गार्डन जनरेटर सही करने गए थे,जिसके बाद से ही मोहसिन का कोई पता नहीं है। माहौल खराब होने की सूचना मिलने पर जब परिवार वालों ने मोहसिन को कॉल किया तो उनका मोबाइल ऑफ मिला।

मोहसिन के चाचा अब्दुल माजिद निजामी कहते हैं, 'परिवार के लोग मोहसिन को तलाशते हुए सोनिया विहार इलाके में पहुंचे जहां उनकी कार जली हुई मिली। लेकिन मोहसिन कहीं नहीं मिले। इसके बाद इलाके के सभी अस्पतालों और मॉर्चरी तक मोहसिन की तलाश हुई। सभी जानकारों के पास फोन भी किया। लेकिन कोई सुराग नहीं मिला। 26 फरवरी की रात करावल नगर थाने से कॉल आई, मॉर्चरी में आकर मोहसिन की शिनाख्त करने की बात कही। पुलिस के कहने पर मॉर्चरी में गए। पुलिस जिसे मोहसिन बता रही है। वह मोहसिन नहीं है।'

परिवार के लोगों के मुताबिक पुलिस को मोहसिन की कार के पास से एक डेडबॉडी भी मिली है लेकिन वह इतनी बुरी तरह से जल गई है कि उसकी शिनाख्त नहीं हो सकती है। अब उनका डीएनए करना होगा।

mohsin twitter.JPG

मोहसिन अली यूपी भाजपा के अल्पसंख्यक मोर्चे से जुड़े हुए भी थे। उनके सोशल मीडिया प्रोफाइल पर भाजपा के कई नेताओं के साथ फोटोज भी हैं। हालांकि परिवारवालों का कहना है कि बीजेपी का कोई भी नेता अब तक मदद के लिए सामने नहीं आया है।

चाचा निजामी कहते हैं, 'मोहसिन बीजेपी से जुड़े हुए थे। वह अच्छा काम कर रहे थे लेकिन सत्ताधारी दल का कोई भी सदस्य मोहसिन की तलाश में हमारी मदद के लिए अब तक सामने नहीं आया है। परिवार के लोग अस्पताल और थाने का चक्कर काट रहे हैं।'

गौरतलब है कि हिंसा के दौरान दंगाइयों ने भारतीय जनता पार्टी के एक और नेता व उनके रिश्तेदारों के घरों को भी निशाना बनाया। भाजपा के अल्पसंख्यक मोर्चे के जिला उपाध्याक्ष अख्तर रज़ा और उनके तीन रिश्तेदारों के भागीरथ विहार स्थित घर को बीती 25 फरवरी को जला दिया गया।

रज़ा ने बताया, “मंगलवार शाम चार-पांच बजे से ही भीड़ जुटनी शुरू हो गई थी। करीब सात-आठ बजे भीड़ ने धार्मिक उन्मादी नारे लगाए और हमले करने शुरू कर दिए। भीड़ ने मेरा और रिश्तेदारों के तीन घर जला दिये।”

उन्होंने कहा “ मैने पुलिस को कॉल की थी लेकिन पुलिस ने कहा कि भीड़ तो सभी जगह इकट्ठा हो रही है। पुलिस ने हमसे कहा कि आप डरो नहीं कुछ नहीं होगा।” रजा ने कहा, “दंगाई ज्यादातर बाहर के थे, लेकिन कुछ कॉलोनी के भी थे। इसी गली में मुस्लिमों के 19 घर हैं और दंगाइयों ने एक भी घर को नहीं छोड़ा।”

भाजपा नेता ने कहा, “हम किसी तरह से जान बचा कर भागे हैं। परिवार में 12-13 लोग हैं। जब हम कार में जान बचा के भाग रहे थे तो गाड़ी पर पथराव भी किया गया।” उन्होंने कहा "मैने कई परिचित पुलिस अधिकारियों से भी कई बार बात की। अफसरों ने कहा अख्तर जी पुलिस बल कम है और दंगाई बहुत ज्यादा हैं। पुलिस बल का आना संभव नहीं है।”

भाजपा की ओर से संपर्क करने के सवाल पर रज़ा ने कहा, पार्टी की तरफ से कोई संपर्क नहीं किया गया है। साथ ही उन्होंने कहा “मैंने पार्टी के जिस भी नेता से बात की तो वहां से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है। कहा कि प्राथमिकी होनी चाहिए। इंसाफ मिलना चाहिए, लेकिन उनकी ओर से कोई फोन नहीं आया न कोई राहत आई।”

उन्होंने कहा, भाजपा से ताल्लुक है और शायद भविष्य में भी रहे। रज़ा ने कहा, अब हालांकि गुजारिश यही है कि हमें न्याय मिले।गौरतलब है कि उत्तरपूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा में अब तक 42 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 200 से अधिक लोग घायल हैं। हिंसा के सिलसिले में दिल्ली पुलिस ने अब तक 254 प्राथमिकी दर्ज की है और 903 लोगों को गिरफ्तार किया है या हिरासत में लिया है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी।

(एजेंसी इनपुट के साथ)

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