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किसान आंदोलन: दिल्ली पुलिस ने सिंघु बॉर्डर सीमा पर किसानों को हटाने के लिए आंसू गैस के गोले दागे

केंद्र सरकार के तीन कृषि क़ानूनों का विरोध करने के लिए दिल्ली बढ़ने की कोशिश कर रहे किसानों को रोकने के लिए पुलिस ने हर सीमा पर भारी बैरिकेडिंग कर रखी है।
किसान आंदोलन
Image courtesy: Dainik Prabhat

केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ ‘दिल्ली चलो’ मार्च के तहत सिंघु बॉर्डर पर पहुंचे किसानों के एक समूह को तितर-बितर करने के लिए दिल्ली पुलिस ने शुक्रवार को आंसू गैस के गोले दोगे। दिल्ली और हरियाणा को जोड़ने वाले सिंघु बार्डर पर आंसू गैस के गोले दागे गए। पुलिस के एक अधिकारी ने कहा, ‘हम किसानों को प्रदर्शन करने से रोकने के लिए आंसू गैस के गोलों का इस्तेमाल कर रहे हैं। हम उन्हें यह भी बता रहे हैं कि कोविड-19 वैश्विक महामारी के मद्देनजर किसी प्रकार की रैली करने या धरना देने की अनुमति नहीं है।’

अधिकारी ने कहा, ‘उन्हें अनुमति नहीं दी गई और अगर उन्होंने दिल्ली में दाखिल होने की कोशिश की तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।’ सीमा पर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है और रेत से भरे ट्रक तथा पानी के टैंक भी वहां तैनात हैं। प्रदर्शनकारियों को शहर में प्रवेश करने से रोकने के लिए सिंघु बॉर्डर पर बाड़ लगाने के लिए कांटेदार तार का भी उपयोग किया जा रहा है।

तीस से अधिक किसान संगठनों का प्रतिनिधित्व करने वाले पंजाब के किसानों ने घोषणा की थी कि वे लालडू, शंभू, पटियाला-पिहोवा, पातरां-खनौरी, मूनक-टोहाना, रतिया-फतेहाबाद और तलवंडी-सिरसा मार्गों से दिल्ली की ओर रवाना होंगे। सभी सीमाओं पर तनाव कायम है। ‘दिल्ली चलो’ मार्च के लिए किसान अपनी ट्रैक्टर-ट्रॉलियों पर राशन और अन्य आवश्यक सामान के साथ एकत्रित हो गए हैं।

हरियाणा सरकार ने किसानों को प्रदर्शन के लिए एकत्रित होने से रोकने के लिए कई इलाकों में सीआरपीसी की धारा 144 भी लागू कर दी है। किसान नये कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि नये कानून से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की व्यवस्था समाप्त हो जाएगी।

पुलिस ने स्टेडियमों को अस्थायी जेल में बदलने की मांगी इजाजत

किसानों के ‘दिल्ली चलो’ मार्च के मद्देनजर दिल्ली पुलिस ने आप सरकार से शहर के नौ स्टेडियमों को अस्थायी जेल के तौर पर इस्तेमाल करने की अनुमति मांगी है। सरकारी सूत्रों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।

सूत्र ने बताया, ‘किसान मार्च को देखते हुए दिल्ली पुलिस ने दिल्ली सरकार से नौ स्टेडियमों को अस्थायी जेल के रूप में इस्तेमाल करने की इजाजत मांगी है जहां हिरासत में लिए गए तथा गिरफ्तार किए गए किसानों को रखा जा सके।’

यूपी के किसान भी हाइवे जाम करेंगे

भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा है कि शुक्रवार, 27 नवंबर को उत्तर प्रदेश के किसान सड़कों पर उतरेंगे और प्रदेश के सभी राष्ट्रीय राजमार्ग जाम करेंगे।

राकेश टिकैत ने कहा है किसान अपने ट्रैक्टर के साथ, खाने-पीने का सामान लेकर हाईवे पर आएं। कृषि क़ानून के विरोध में हम देश के किसानों के साथ हैं ये पूरे देश के किसानों की मांग है।

सरकार एमएसपी को सरकार कानून का हिस्सा बनाए अब तभी किसान सड़कों से हटेगा वरना किसान सड़कों पर आएगा और दिल्ली जाएगा।

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)

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