ग़ाज़ियाबाद: श्मशान घाट हादसे में तीन गिरफ़्तार, प्रशासन के खिलाफ़ लोगों का फूटा गुस्सा!
उत्तर प्रदेश के ग़ाज़ियाबाद जिले के मुरादनगर में हुए श्मशान घाट हादसे में पुलिस ने अब तक तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने नगरपालिका की कार्यकारी अधिकारी निहारिका सिंह, जूनियर इंजीनियर चंद्रपाल और सुपरवाइजर आशीष को गिरफ्तार कर लिया है। हालांकि आरोपी ठेकेदार अभी भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है। इस मामले में अब तक 25 लोगों की मौत की खबर है तो, वहीं करीब 20 लोग घायल बताए जा रहे हैं।
बता दें कि मुरादनगर के इस श्मशान घाट में गलियारे की छत डालने का काम इसी साल अक्तूबर में शुरू हुआ था। इसकी लागत लगभग 55 लाख बताई जा रही है तो वहीं इसे करीब पंद्रह दिन पहले ही इसे जनता के लिए खोला गया था। कई मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अभी इसका लोकार्पण भी नहीं हुआ है। ऐसे में लेंटर का गिरना सरकार और प्रशासन पर गंभीर सवाल खड़े करता है।
क्या है पूरा मामला?
प्राप्त जानकारी के मुताबिक ये घटना मुरादनगर के उखलारसी की है। अधिकारियों का कहना है कि रविवार, 3 जनवरी को एक शव के अंतिम संस्कार में शामिल होने आए लोग भारी बारिश के बीच एक गलियारे की छत के नीचे जाकर खड़े थे, तभी छत गिर गई।
मीडिया में आई खबरों में बताया जा रहा है कि ढाई माह पहले झोपड़ी नुमा गैलरी का निर्माण कराया गया था। आरोप है कि सरिया को छोड़ निर्माण में घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया गया। गैलरी ढहते ही निर्माण सामग्री चूरे में तब्दील हो गई।
एनडीआरएफ, पुलिस और पीएसी ने करीब पांच घंटे का रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर मलबे में दबे लोगों को बाहर निकाला। घायलों को विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।
परिजनों का क्या कहना है?
एनडीटीवी की ख़बर के अनुसार एक रिश्तेदार ने कहा, ‘‘यह शेल्टर अभी एक-दो महीने पहले ही बना था। पहली बारिश के बाद ही यह ढह गया। ठेकेदार को तत्काल सलाखों के पीछे डाला जाना चाहिए।''
इस हादसे में दिल्ली के अरविंद कुमार की भी मौत हो गयी। उसके बड़े भाई राकेश कुमार ने कहा, ‘‘ हमारे लिए सब खत्म हो गया। मैंने अपने भाई को उसके मोबाइल पर फोन किया। किसी अन्य ने फोन उठाया और मुझे छत ढह जाने की सूचना दी। मैं घटनास्थल पर पहुंचा। मलबे से उसका शव निकालने में दो घंटे लगे। हमने उसे अस्पताल पहुंचाया लेकिन उसे शीघ्र ही मृत घोषित कर दिया गया।''
प्रशासन क्या कह रहा है?
ग़ाज़ियाबाद के पुलिस अधीक्षक अभिषेक वर्मा ने बताया कि 20 घायलों में से आठ की हालत नाजुक है और उनका इलाज अलग-अलग अस्पतालों में किया जा रहा है। वर्मा ने कहा, “कॉरिडोर लगभग 25 फीट लंबा था और प्रथम दृष्टया ऐसा लगता है कि भारी बारिश की वजह से यह नीचे आ गया।”
ज़िलाधिकारी अजय शंकर पांडे ने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर मंडल आयुक्त मेरठ व एडीजी मेरठ मामले की जांच कर रहे हैं। उनकी जांच रिपोर्ट आने के बाद मामले में एफआईआर दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
एसपी ग्रामीण डॉ. ईरज राजा के अनुसार तीन लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा रहा है इसके बाद आगे की विधिक कार्रवाई होगी। आरोपियों पर आईपीसी धारा 304 (गैर इरादतन हत्या), 337 (किसी व्यक्ति को खतरा पहुंचाने वाला कार्य करना), 338 (किसी की व्यक्तिगत सुरक्षा को खतरा पैदा करने वाली चोट पहुंचाने वाला कार्य करना), 409 (धन का गबन व सरकारी कर्मचारी द्वारा विश्वास का आपराधिक हनन), 427 (बुरी मंशा, जिससे आर्थिक नुकसान हो) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।
सरकार क्या कर रही है?
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हादसे के कारणों की जांच के आदेश देते हुए रिपोर्ट तलब की है। प्रदेश सरकार ने मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख रुपये की आर्थिक मदद देने और घायलों के उचित इलाज कराने की घोषणा की है।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित कई नेताओं ने इस हादसे पर दुख जताया है।
विपक्ष ने लगाया सरकारी भ्रष्टाचार का आरोप!
मुरादनगर में हुए श्मशान घाट हादसे के बाद विपक्ष ने भी सरकार पर निशाना साधा है। आम आदमी पार्टी और राष्ट्रीय लोकदल ने निर्माण में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है। प्रियंका गांधी ने मृतकों के परिजनों के प्रति अपनी शोक संवेदनाएं व्यक्त की, तो वहीं सपा ने पीड़ित परिवार के सदस्यों को तत्काल सहायता पहुंचाने की मांग की।
प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस घटना पर ट्वीट करते हुए लिखा, “उत्तर प्रदेश के ग़ाज़ियाबाद के मुरादनगर में श्मशान घाट की छत गिरने से अब तक 17 लोगों की मौत, एक बेहद दुखद हादसा है। श्रद्धांजलि! सरकार इसकी उच्च स्तरीय जाँच करवाए और मृतकों के परिवारों को 25 लाख का मुआवज़ा दे।”
उप्र के ग़ाज़ियाबाद के मुरादनगर में श्मशान घाट की छत गिरने से अब तक 17 लोगों की मौत, एक बेहद दुखद हादसा है। श्रद्धांजलि!
सरकार इसकी उच्च स्तरीय जाँच करवाए और मृतकों के परिवारों को 25 लाख का मुआवज़ा दे।
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) January 3, 2021
आम आदमी पार्टी की प्रदेश इकाई की तरफ से हुए ट्वीट में कहा गया कि श्मशान घाट निर्माण में भी दलाली खाई गई है। साथ में घटना स्थल से जुड़े फोटो भी शेयर किए।
प्रियंका गांधी वाड्रा ने अमर उजाला की एक खबर शेयर करते हुए लिखा, “मुरादनगर में हुए ह्रदय विदारक हादसे की खबर मन को आहत करने वाली है। शोकाकुल परिवारों के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त कीं। भगवान उन्हें यह दुख सहने की शक्ति दे।”
रालोद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जयंत चौधरी ने कहा, “शोकाकुल परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं। सार्वजनिक प्रयोग में आने वाले निर्माण की खराब गुणवत्ता बढ़ रहे भ्रष्टाचार को दर्शाती है, जिस बोझ के नीचे जनता दब रही है।”
मुरादनगर, गाजियाबाद श्मशान घाट में छत गिरने से 10 की मौत, कई चोटिल हैं।दुखद खबर है।सभी शोकाकुल परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करता हूँ।
सार्वजनिक प्रयोग में आने वाले निर्माण की ख़राब गुणवत्ता बढ़ रहे भ्रष्टाचार को दर्शाती है जिस बोझ के नीचे जनता दब रही है!
— Jayant Chaudhary (@jayantrld) January 3, 2021
सरकार का मुआवज़ा नाकाफ़ी!
गौरतलब है कि रविवार को हुई इस घटना पर सोमवार को लोगों में प्रशासन के खिलाफ भारी आक्रोश देखने को मिल रहा है। मेरठ तिराहे से मुराद नगर तक भीषण जाम लग गया है तो वहीं आंदोलनरत किसान भी इस हादसे में मारे गए लोगों के प्रति अपनी श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं।
हालांकि मृतकों के परिजन सरकार के दो लाख के मुआवज़े को नाकाफी बताकर 15 लाख रुपये और एक सरकारी नौकरी की मांग कर रहे हैं। वे शवों को अलग-अलग जगह रख प्रदर्शन भी कर रहे हैं। परिजनों ने गाज़ियाबाद-मेरठ हाइवे जाम कर दिया है, जिसमें स्थानीय लोग भी उनका साथ देते नज़र रहे हैं।
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