सरकार अपनी अल्पसंख्यक विरोधी नीति का खुलेआम प्रदर्शन कर रही : चिदंबरम
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने मौलाना आजाद नेशनल फेलोशिप रद्द करने के फैसले को लेकर शनिवार को केंद्र पर निशाना साधा। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार अपनी अल्पसंख्यक विरोधी नीति का खुलेआम प्रदर्शन कर रही है।
लोकसभा में इस सप्ताह की शुरुआत में एक सवाल के लिखित जवाब में अल्पसंख्यक मामलों की मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा था, ‘‘उच्च शिक्षा के लिए मौलाना आजाद नेशनल फेलोशिप (एमएएनएफ) जैसी विभिन्न फेलोशिप योजनाएं पहले से ही चल रही हैं। इसलिए सरकार ने 2022-23 से एमएएनएफ को रद्द करने का फैसला लिया है।’’
चिदंबरम ने सिलसिलेवार ट्वीट कर कहा, ‘‘अल्पसंख्यक छात्रों के लिए मौलाना आजाद नेशनल फेलोशिप और विदेश में पढ़ने के वास्ते शैक्षिक कर्ज पर दी जाने वाली सब्सिडी रद्द करने के पीछे सरकार का बहाना पूरी तरह से तर्कहीन और मनमाना है।’’
MGNREGA overlaps PM KISAN. Old Age
Pension overlaps MGNREGA in the case of old workers. There are dozens of such overlapping schemes— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) February 4, 2023
पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री ने पूछा कि ‘‘पहले से ही कई योजनाएं’’ चलने की बात स्वीकार करने के बावजूद क्या अल्पसंख्यक छात्रों के लिए केवल यही फेलोशिप और सब्सिडी थी, जो अन्य योजना के जैसी थी।
चिदंबरम ने कहा, ‘‘मनरेगा, पीएम-किसान की तरह है। वृद्ध श्रमिकों के मामले में वृद्धावस्था पेंशन मनरेगा की तरह है। कई ऐसी दर्जनों योजनाएं हैं।’’
उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार अल्पसंख्यक छात्रों का जीवन अधिक मुश्किल बनाने के लिए अधिक तेजी से काम कर रही है।
कांग्रेस नेता ने ट्वीट किया, ‘‘सरकार अपनी अल्पसंख्यक विरोधी नीति का खुलेआम प्रदर्शन कर रही है, मानो कि वह कोई सम्मान की बात हो। शर्मनाक।’’
(समाचार एजेंसी भाषा इनपुट के साथ)
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