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कोविड-19 महामारी के लिए सरकार की गलत नीतियां दोषीः सीपीआईएम

कोविड-19 के चलते जान गंवाने वाले लोगों के लिए दो मिनट का मौन रखा गया और सरकार से कोविड-19 से जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों को 20-20 लाख रुपए मुआवजा देने की मांग के साथ साथ परिवार के एक-एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की मांग की गई।
सीपीआईएम

कोविड-19 को लेकर मौजूदा हालात के मद्देनजर बिहार के वैशाली जिला के सीपीआई (एम) भगवानपुर अंचल कमेटी की वर्चुअल मीटिंग अंचल कमेटी के सचिव मदन मोहन शर्मा के आवास पर की गई। इस बैठक में पार्टी के नेता व कार्यकर्ता शामिल हुए। इस बैठक में कोविड-19 महामारी में जान गंवाने वाले लोगों को श्रद्धांजलि दी गई और सरकार से उनके परिजनों को मुआवजा देने की मांग की गई। बैठक में शामिल नेताओं ने सरकार की गलत नीतियों को दोषी ठहराया।

इस महामारी में असमय मृत्यु के शिकार बने पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सीताराम येचुरी के पुत्र आशीष येचुरी एवं लालगंज के कांग्रेस के पूर्व विधायक भरत प्रसाद सिंह व उनकी पत्नी तथा किसान नेता चौधरी अजीत सिंह, वैशाली जिला के दिवंगत अधिवक्ताओं सहित देश के तमाम कोविड-19 के शिकार लोगों को श्रद्धांजलि दी गई। इस वर्चुअल कार्यक्रम में शामिल नेताओं ने इस कोविड-19 महामारी के लिए सरकार की गलत नीतियों को दोषी ठहराया। उन्होंने कहा कि सरकारी अस्पतालों में बेड की उपलब्धता न होने तथा ऑक्सीजन की कमी के लिए पूरी तरह सरकार जिम्मेदार है। नेताओं ने एक स्वर में सरकार से मांग की कि तमाम लोगों को बिना देर किए हुए कोरोना की रोकथाम के लिए वैक्सीन की सुविधा निशुल्क उपलब्ध कराई जाए।

इस वर्चुअल मीटिंग में शामिल होने वाले में बिहार राज्य किसान सभा के वैशाली जिला अध्यक्ष अधिवक्ता संजीव कुमार, किसान नेता महेश राय, पैक्स अध्यक्ष सिकंदर राय, ट्रेड यूनियन नेता राजेंद्र पटेल, विजय महाराज, भारत की कम्युनिस्ट पार्टी के जिला सचिव राज नारायण सिंह, कांग्रेस लीगल सेल के प्रदेश उपाध्यक्ष अधिवक्ता मुकेश रंजन, सेवानिवृत्त सैनिक केशव सिंह सहित संगठन से जुड़े हुए दर्जनों लोगों ने भाग लिया। इस मौके पर कोविड-19 के चलते जान गंवाने वाले लोगों के लिए दो मिनट का मौन रखा गया और सरकार से कोविड-19 से जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों को 20-20 लाख रुपए मुआवजा देने की मांग के साथ साथ परिवार के एक-एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की मांग की गई।

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