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गुजरात : कैबिनेट मंत्री अर्जुन सिंह चौहान पर दुष्कर्म का आरोप, क्या सरकार से होंगे बाहर?

एक के बाद एक बीजेपी नेताओं पर शोषण-उत्पीड़न के मामले पार्टी के महिलाहितैषी होने के दावे को कटघरे में खड़ा करते हैं। और इन सब मामलों में बीजेपी महिला नेताओं की चुप्पी ज़्यादा दुखद लगती है।
 Arjun Singh Chauhan

संसद में इन दिनों 'महिला विरोधी' बयान और महिलाओं के प्रति अमर्यादित व्यवहार को लेकर बहस गर्म है। एक ओर भारतीय जनता पार्टी नवनिर्वाचित राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को लेकर कांग्रेस को महिला विरोधी बता रही है, तो वहीं कांग्रेस सदन में सोनिया गांधी के घेराव को अमर्यादित और महिला विरोधी व्यवहार बताकर बीजेपी से माफ़ी की मांग कर रही है। इन सबके बीत गुजरात के कैबिनेट मंत्री अर्जुन सिंह चौहान पर एक महिला का रेप करने का गंभीर आरोप लगा है। अर्जुन सिंह गुजरात के ग्रामीण विकास मंत्री और खेड़ा जिले के महेमदावाद से विधायक हैं।

बता दें अर्जुन सिंह चौहान पर रेप का यह आरोप उन्हीं की पार्टी बीजेपी के एक पूर्व सरपंच ने लगाया है। उन्होंने खेड़ा के डीएसपी ऑफिस में मंत्री के खिलाफ एक शिकायत अर्जी दी है। इसमें आरोप लगाया है कि अर्जुन सिंह जब बीजेपी के जिलाध्यक्ष थे, उसी समय अपने पद का गलत इस्तेमाल करते हुए उन्होंने पूर्व सरपंच की पत्नी के साथ रेप किया था। हाल ही में एक के बाद एक बीजेपी नेताओं पर शोषण-उत्पीड़न के मामले पार्टी के महिला हितैषी होने के दावे को कटघरे में जरूर खड़ा करते हैं। हालांकि इन सब मामलों में ज्यादा दुखद बीजेपी महिला नेत्रियों की चुप्पी है, जो महिला नेतृत्व के नाते भी कई गंभीर सवाल खड़े करती है।

बीते हफ्ते ही महाराष्ट्र बीजेपी नेता श्रीकांत देशमुख के खिलाफ एक महिला नेे बलात्कार का आरोप लगाया था। कुछ दिन पहले सोशल मीडिया पर महिला के साथ बीजेपी नेता का एक वीडियो वायरल होने के बाद श्रीकांत देशमुख को पार्टी के सोलापुर जिलाध्यक्ष का पद छोड़ना पड़ा था। इससे पहले अरुणाचल प्रदेश ks बीजेपी विधायक लोकम तसर पर बलात्कार का आरोप लगा था। फिलहाल तसर इस मामले में अंतरिम अग्रिम जमानत पर हैं।

क्या है पूरा मामला?

न्यूज वेबसाइट 'द क्विंट' की एक रिपोर्ट के मुताबिक हलदरवास गांव के एक पूर्व सरपंच ने बुधवार, 27 जुलाई को डीएसपी को दिए अपने आवेदन में कहा कि उसकी पत्नी 2015 में अर्जुन सिंह के संपर्क में आई थी। उस वक्त वो बीजेपी की जिला समिति अध्यक्ष थीं।

शिकायत में कहा गया, "उन्होंने (अर्जुन सिंह) मेरी पत्नी को तालुका पंचायत उम्मीदवार के रूप में नॉमिनेट किया और वह निर्वाचित हो गईं। 2016 से 2021 के बीच उसे अर्जुन सिंह ने कैंपेन के नाम पर अलग-अलग जगहों पर बुलाया और उसका रेप किया। अर्जुन सिंह दूसरे ताकतवर लोगों के साथ भी पत्नी को सोने के लिए मजबूर कर रहे थे।"

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पूर्व सरपंच ने शिकायत में कहा है कि मंत्री के डर के कारण उसकी पत्नी घर छोड़ कर चली गई हैं। व्यक्ति ने एक और गंभीर आरोप लगाया कि कोविड लॉकडाउन के दौरान अर्जुन सिंह ने उसकी पत्नी को डेढ़ महीने तक किसी जगह पर बंद करके रखा था। शिकायत में कहा गया है कि उसने अपनी पत्नी को शिकायत करने के लिए कहा, लेकिन पत्नी ने मंत्री के डर से शिकायत करने के बजाय घर छोड़ना ज्यादा उचित समझा।

पूर्व सरपंच ने दावा किया है कि दो महीने से उसकी पत्नी घर छोड़कर दूसरे गांव में रह रही ह। खेड़ा के एसपी ने भी कहा कि पुलिस रेप और बंधक बनाने के आरोपी की जांच करेगी। मंत्री अर्जुन सिंह चौहान ने अब तक अपने खिलाफ लगे आरोपों पर कोई जवाब नहीं दिया है।

रिपोर्ट के मुताबिक मामले पर खेड़ा जिले के एसएसपी ने कहा है कि वो इस मामले में मिली शिकायत की जांच कर रहे हैं। उन्होंने अर्जी देने वाले शख्स से पूछताछ भी की है। एसएसपी ने बताया कि अगर ठोस सबूत मिलते हैं तो इस मामले में जरूर शिकायत दर्ज की जाएगी।

बीजेपी मंत्रियों और विधायकों पर लगते आरोप

गौरतलब है कि ये कोई पहला मामला नहीं है जब बीजेपी के मंत्री या विधायक पर दुष्कर्म का कोई आरोप लगा हो। इससे पहले भी कई मंत्री और विधायक इन आरोपों से घिर चुके हैं। पूर्व केंद्रीय एम जे अकबर और प्रिया रमानी के मामले को भला कौन भूल सकता है। मीटू के तहत लगे यौन उत्पीड़न के आरोप में चौतरफा घिरे अकबर को मजबूरन अपना मंत्री पद तक छोड़ना पड़ा था। एमजे अकबर के अलावा पूर्व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री रह चुके स्वामी चिन्मयानंद पर भी रेप के आरोप लग चुके हैं।

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर तो आरोप साबित तक हो चुके हैं। सेंगर के अलावा हरिद्वार की ज्वालापुर सीट से बीजेपी विधायक सुरेश राठौर पर भी रेप का आरोप बीजेपी की ही एक महिला नेता ने लगाया था। साल 2020 में यूपी के ही जिला भदोही से बीजेपी विधायक रवीन्द्रनाथ त्रिपाठी समेत उनके परिवार के छह लोगों पर एक महिला ने कई महीनों तक रेप करने का आरोप लगाया था। इसके अलावा मध्यप्रदेश के पन्ना जिले से बीजेपी नेता सतीश मिश्रा पर अपनी ही 17 साल की नाबालिग बेटी से रेप करने का आरोप लगा था। सतीश मिश्रा आरएसएस के प्रमुख प्रदेश कार्यकर्ता भी हैं।

राजनीति और महिलाओं का शोषण

बहरहाल, दूसरे दलों के कई नेताओं ने भी बीते सालों में महिलाओं के प्रति बेहूदा बयानबाज़ी की है, कईयों पर गंभीर मामले भी दर्ज हैं तो कुछ सजा भी पा चुके हैं। लेकिन ये सब एक ही पितृसत्तात्मक और मनुवादी सोच के शिकार हैं, जिसका झंडा आगे लेकर चलने का आरोप बीजेपी पर लगता रहा है। बहुत बीजेपी नेता और संघ कार्यकर्ता तो सीधे तौर पर मनुवादी सोच पर गर्व करते देखे गए हैं। राजनेता अक्सर अपने बयानों से कभी महिलाओं की बॉडी शेमिंग करते नज़र आते हैं तो कभी बलात्कार जैसे गंभीर अपराध को मामूली बताने या पीड़ित को प्रताड़ित करने की कोशिश करते दिखते हैं। जिसस तरह बार-बार राजनीति से महिला विरोधी बयान अब सामान्य बात हो गई है, उसी तरह नेताओं और मंत्रियों पर रेप और उत्पीड़न के आरोप भी अब सामान्य होते जा रहे हैं। हालांकि ये बेहद शर्मिंदगी की बात है कि जिस पर लोग भरोसा कर के वोट देते हैं, एक बेहतर समाज के निर्माण के लिए, वही उसे खोखला करने में सबसे आगे हैं।

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