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दैनिक भास्कर और भारत समाचार चैनल के परिसरों पर आयकर विभाग ने मारे छापे, लोगों ने कहा डराने की साज़िश

"...सरकार की छापेमारी इसलिए हुई है क्योंकि उसने “कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान सरकार की अक्षमता की सही तस्वीर देश के सामने रखी थी।”
दैनिक भास्कर और भारत समाचार चैनल के परिसरों पर आयकर विभागने मारे छापे, लोगों ने कहा डारने की साज़िश

आयकर विभाग ने दो प्रमुख मीडिया समूहों - ‘दैनिक भास्कर’ और उत्तर प्रदेश के हिंदी समाचार चैनल ‘भारत समाचार’ के विभिन्न शहरों में स्थित परिसरों पर बृहस्पतिवार को छापे मारे।

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि दैनिक भास्कर के मामले में छापेमारी भोपाल, जयपुर, अहमदाबाद और कुछ अन्य स्थानों पर की जा रही है।

उन्होंने बताया कि टीवी समाचार चैनल भारत समाचार समूह और उसके प्रवर्तकों एवं कर्मचारियों के लखनऊ स्थित परिसरों पर इसी तरह से छापेमारी की गई।

विभाग या उसके नीति निर्माण निकाय केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) से छापेमारी के संबंध में किसी तरह की आधिकारिक जानकारी नहीं मिली है।

सूत्रों ने बताया कि भास्कर समूह के खिलाफ की गई कार्रवाई में समूह के प्रवर्तकों के मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में स्थित आवासीय स्थानों पर भी छापे मारे जाना शामिल है।

दोनों मीडिया संगठनों ने देश में सरकार के कोविड-19 प्रबंधन की काफी कड़ी आलोचना की थी और अप्रैल-मई में देश को बुरी तरह प्रभावित करने वाली वैश्विक महामारी की दूसरी लहर के दौरान इस विषय पर कई खबरें की थीं।

दैनिक भास्कर समूह विभिन्न राज्यों से हिंदी और गुजराती में समाचार-पत्रों के संस्करण प्रकाशित करता है।

दैनिक भास्कर ने बाद में एक ट्वीट कर कहा सरकार सच्ची पत्रकारिता से डर गई है। उसने अपने ट्वीट में लिखा- “सच्ची पत्रकारिता से डरी सरकार: गंगा में लाशों से लेकर कोरोना से मौतों के सही आंकड़े देश के सामने रखने वाले भास्कर ग्रुप पर सरकार की दबिश”।

भारत समाचार टीवी ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर कहा कि “उसके प्रधान संपादक ब्रजेश मिश्रा, प्रदेश प्रमुख वीरेंद्र सिंह और कुछ कर्मचारियों के घरों तथा चैनल के कार्यालय” में छापेमारी की जा रही है।

चैनल की तरफ से बताया गया, "आयकर विभाग की टीम उत्पीड़ित करने के एजेंडे के साथ सुबह से ही यहां छापेमारी कर रही है। हमारे प्रधान संपादक ब्रजेश मिश्रा ने कहा है कि चाहे जितना भी परेशान किया जाए, भारत समाचार हमेशा सच्चाई के साथ खड़ा रहेगा।"

दैनिक भास्कर समूह की मूल कंपनी ‘डी बी कॉर्प लिमिटेड’ की वेबसाइट पर उपलब्ध सूचना के मुताबिक समूह की मौजूदगी 12 राज्यों में हैं और यह हिंदी, गुजराती तथा मराठी में समाचार-पत्रों के 65 संस्करण एवं 211 उप संस्करण प्रकाशित करती है।

यह सात राज्यों में 30 रेडियो केंद्रों का भी संचालन करती है और छह वेब पोर्टल तथा चार मोबाइल फोन ऐप के साथ इसकी ऑनलाइन उपस्थिति भी है।

दैनिक भास्कर ने बाद में अपनी वेबसाइट पर एक संदेश पोस्ट किया कि आयकर विभाग की टीमों ने दिल्ली, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात और राजस्थान में उसके कार्यालयों पर छापे मारे।

उसने कहा कि उसके खिलाफ सरकार की छापेमारी इसलिए हुई है क्योंकि उसने “कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान सरकार की अक्षमता की सही तस्वीर देश के सामने रखी थी।”

समूह ने कहा कि छापेमारी उसके कई कर्मचारियों के घरों पर की गई, छापे मारने वालों ने कार्यालय में मौजूद लोगों के मोबाइल फोन जब्त कर लिए और उन्हें बाहर निकलने की अनुमति नहीं दी।

इसने कहा, “छापेमारी कर रहे अधिकारियों ने कहा कि यह प्रक्रिया का हिस्सा है और उन्हें पंचनामा की कार्यवाही पूरी होने के बाद छोड़ा जाएगा।”

दैनिक भास्कर ने कहा कि रात्रि पाली में काम कर रही डिजिटल टीम को साढ़े बारह बजे दोपहर में छोड़ा गया। साथ ही कहा कि आयकर टीमों में कोई महिला सदस्य नहीं थी जब उसने भोपाल और अहमदाबाद डिजिटल शाखा के उसके कार्यालयों पर छापे मारे जहां महिला कर्मचारी मौजूद थीं।

उसने कहा कि टीम के वरिष्ठ आयकर अधिकारियों ने इन छापों के पीछे के कारण अब तक स्पष्ट नहीं किए हैं।

कांग्रेस नेता एवं राजस्थान के मुख्मंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि “दैनिक भास्कर समाचार-पत्र और भारत समाचार चैनल पर छापेमारी मीडिया की आवाज को दबाने की खुली कोशिश है।”

उन्होंने ट्वीट किया, “मोदी सरकार अपनी जरा भी आलोचना बर्दाश्त नहीं कर सकती। अपनी फासीवादी मानसिकता के चलते, भाजपा लोकतांत्रिक ढांचे में सच्चाई को देखना नहीं चाहती है।’’

गहलोत ने कहा, ‘‘ ऐसी कार्रवाई कर मोदी सरकार मीडिया को दबाकर संदेश देना चाहती है कि यदि गोदी मीडिया नहीं बनेंगे तो आवाज कुचल दी जाएगी।’’

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कथित कर चोरी के लिए मीडिया समूह दैनिक भास्कर के खिलाफ आयकर की छापेमारी पर बृहस्पतिवार को निशाना साधते हुए कार्रवाई को लोकतंत्र को कुचलने का “क्रूर प्रयास” और सच सामने लाने वाली आवाजों को दबाने की कोशिश करार दिया।

बनर्जी ने कहा कि ये छापेमारी देश में कोविड-19 स्थिति के ‘‘कुप्रबंधन” के बारे में खबरें देने का नतीजा है।

उन्होंने ट्वीट किया, “पत्रकारों और मीडिया संगठनों पर हमला लोकतंत्र को कुचलने की एक और क्रूर कोशिश है। दैनिक भास्कर ने बहादुरी से बताया कि कैसे नरेंद्र मोदी जी पूरे कोविड संकट को गलत तरीके से संभाला और वैश्विक महामारी के प्रकोप के बीच देश को उसके सबसे भयानक दिनों की तरफ ले गए।”

तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ने कहा, “मैं इस प्रतिशोधी कार्रवाई की कड़ी निंदा करती हूं जिसका मकसद सच सामने लाने वाली आवाजों को दबाना है। यह घोर उल्लंघन है जो लोकतंत्र के सिद्धांतों को कमजोर करता है। मीडिया में काम कर रहे हर व्यक्ति से मजबूत बने रहने की अपील करती हूं। साथ मिलकर हमें इन तानाशाह ताकतों को कामयाब नहीं होने देना है।”

कांग्रेस नेता एवं मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने ट्विटर पर कहा कि आयकर विभाग के अधिकारी समूह के करीब छह परिसरों पर “मौजूद हैं”। इनमें राज्य की राजधानी भोपाल में प्रेस कॉम्प्लेक्स में स्थित समूह का कार्यालय भी शामिल है।

सिंह ने ट्वीट किया, “पत्रकारिता पर मोदी शाह का प्रहार!! मोदी शाह का एक मात्र हथियार आईटी ईडी सीबीआई। मुझे विश्वास है अग्रवाल बंधु डरेंगे नहीं। दैनिक भास्कर के विभिन्न ठिकानों पर आयकर जांच शाखा की छापामार कार्रवाई शुरू....प्रेस कॉम्प्लेक्स सहित आधा दर्जन स्थानों पर मौजूद है आयकर की टीम।”

छापेमारी पर प्रतिक्रिया देते हुए, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि ये “मीडिया को डराने के प्रयास” हैं।

उन्होंने एक ट्वीट में कहा, “उनका संदेश साफ है कि जो कोई भी भाजपा सरकार के खिलाफ बोलेगा, उसे बख्शा नहीं जाएगा। ऐसी सोच बहुत खतरनाक है। हर किसी को इसके खिलाफ आवाज उठानी चाहिए।”

केजरीवाल ने कहा, “ये छापेमारी फौरन रुकनी चाहिए और मीडिया को स्वतंत्र रूप से काम करने देना चाहिए।”

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने मीडिया समूह ‘दैनिक भास्कर’ के खिलाफ आयकर छापेमारी को लेकर बृहस्पतिवार को केंद्र सरकार पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि वह केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल डराने-धमकाने के लिए कर रही है।

माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने ट्वीट किया, ‘‘मोदी सरकार का छापा राज काम नहीं करेगा। सच्चाई को सामने आने से डराने और रोकने की कोशिश हो रही है लेकिन गंगा में तैरते शवों की तरह मोदी सरकार कुछ छिपा नहीं सकती। डराने-धमकाने के लिए केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग निंदनीय है।’’

दैनिक भास्कर के कार्यालयों पर आयकर विभाग के आधी रात को पड़े छापे प्रेस की स्वतंत्रता पर हमला ही नहीं है बल्कि आपातकाल से भी बदतर स्थितियों का स्पष्ट संकेत है।
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव जसविंदर सिंह ने प्रेस को जारी विज्ञप्ति में कहा है कि जब संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही चल रही हो, और  पैगसस जासूसी कांड से लेकर कोरोना की मौतों तक मे सरकार घिरी हो, तब आयकर विभाग के यह छापे सिर्फ विभागीय कार्यवाही ही नही है, यह प्रतिरोध और अभियक्ति की आवाज को दबाने की मोदी सरकार की उच्च स्तरीय साजिश का हिस्सा है। जो साबित करता है कि भाजपा की मोदी सरकार किस तरह जनतंत्र का गला घोंटना चाह रही है।

माकपा ने सरकार की इस हरकत की निंदा करते हुए उसे याद दिलाया है कि जनता ने आपातकाल थोपने वालों को भी सबक सिखाया था और भाजपा और उसकी सरकार के अपराधों की सजा भी जनता उसे जरूर देगी। 
माकपा ने हर जनतंत्र प्रेमी को मोदी सरकार की इस तानाशाही पूर्ण कायराना हरकत के खिलाफ एकजुट होने की भी अपील की है।

इसी तरह कई वरिष्ठ पत्रकार और अन्य लोगों ने भी सोशल मीडिया पर लिखा की सरकार ने मीडिया की आवाज़ दबाने के लिए इस तरह की कार्रवाई की है। ट्विटर पर ये खबर सुबह से ही टॉप ट्रेंड रहा है।

(समाचार एजेंसी भाषा इनपुट के साथ)

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