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जेएनयू हिंसा: राजनीतिक दलों ने मामले की न्यायिक जांच की मांग की

कांग्रेस और लेफ्ट के नेताओं ने विश्वविद्यालय परिसर में हुई हिंसा के लिए केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। वहीं, बीजेपी ने मामले में राजनीति नहीं करने की सलाह दी है।
JNU
Image courtesy: Indian express

नई दिल्ली: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय हिंसा की सभी राजनीतिक दलों ने निंदा की है। मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने जेएनयू में हमला करने वालों को संरक्षण देने का सोमवार को आरोप लगाया और कहा कि इस मामले की न्यायिक जांच होनी चाहिए।

पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने संवाददाताओं से कहा, 'मोदी जी और अमित शाह जी ने छात्रों पर दमन चक्र चलाकर नाजी शासन की याद 90 साल बाद दिला दी। जिस तरह से छात्रों, छात्राओं और शिक्षकों पर हमला किया गया और जिस प्रकार पुलिस मूकदर्शक बनी रही, वह दिखाता है कि देश में प्रजातंत्र का शासन नहीं बचा है।'

उन्होंने कहा, 'युवा प्रजातंत्र और संविधान पर हमले के खिलाफ आवाज उठाते हैं तो उनकी आवाज दबाई जाती है। जान लीजिए मोदी, युवाओं की आवाज नहीं दबने वाली है। सरकार प्रायोजित आतंकवाद और गुंडागर्दी नहीं चलने वाली है।"

सुरजेवाला ने कहा, 'ऐसा लगता है कि मोदी और अमित शाह की सरकार के रूप में नाजी शासन आ गया है। इन गुंडों का ताल्लुक भाजपा और एबीवीपी से था। यह सब कुलपति की मूक सहमति से हो रहा था। यब सब अमित शाह के मौन समर्थन से हुआ।' उन्होंने कहा, 'हम मोदी जी, अमित शाह जी, भाजपा और एबीवीपी की कड़ी निंदा करते है।'

सुरजेवाला ने कहा, 'सरकार प्रायोजित आतंकवाद और गुंडागर्दी के लिए अमित शाह जिम्मेदार हैं। अमित शाह जी, आपकी किसी जांच पर भरोसा नहीं है क्योंकि इस गुंडागर्दी को आपका संरक्षण हासिल था।'

उन्होंने कहा, 'हमारी मांग है कि न्यायिक जांच हो। उच्चतम न्यायालय अथवा दिल्ली उच्च न्यायालय के किसी वर्तमान न्यायधीश से जांच कराई जाए। इसी से सच्चाई सामने आएगी।'

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में रविवार रात हुई हिंसा पर निराशा जाहिर की और कहा कि यह उस डर को दिखाती है जो ‘हमारे देश को नियंत्रित कर रही फासीवादी ताकतों को’ छात्रों से लगता है।

उन्होंने ट्वीट किया, “नकाबपोश लोगों द्वारा जेएनयू छात्रों और शिक्षकों पर किया गया नृशंस हमला चौंकाने वाला है जिसमें कई गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। हमारे देश को नियंत्रित कर रही फासीवादी ताकतें, बहादुर विद्यार्थियों की आवाज से डरती हैं। जेएनयू में आज हुई हिंसा उस डर को दर्शाती है।”

कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा जेएनयू परिसर में हुई हिंसा में घायल छात्रों से मुलाकात करने के लिए दिल्ली के एम्स पहुंचीं। उन्होंने ट्वीट किया,‘‘अब मोदी-शाह के गुंडे हमारे विश्वविद्यालयों में उपद्रव कर रहे हैं, हमारे बच्चों में भय फैला रहे हैं, जिन्हें बेहर भविष्य की तैयारियों में लगे होना चाहिए...इस जख्मों को बढ़ाते हुए भाजपा नेता मीडिया में ऐसा दिखा रहे हैं कि जेएनयू में हिंसा करने वाले उनके गुंडे नहीं थे।  

स्वराज अभियान के प्रमुख योगेंद्र यादव पर जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) परिसर के बाहर रविवार को कथित तौर पर हमला किया गया। यादव ने कहा कि वहां गुंडागर्दी को रोकने के लिए कोई नहीं था और उन्हें मीडिया से बात नहीं करने दिया गया।

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने घटना पर स्तब्धता जताते हुए कहा कि अगर विश्वविद्यालयों के अंदर ही छात्र सुरक्षित नहीं रहेंगे तो देश प्रगति कैसे करेगा। केजरीवाल ने ट्वीट किया, ‘उपराज्यपाल से बात की और उनसे अनुरोध किया कि व्यवस्था बनाये रखने के लिए पुलिस को निर्देश दें। उन्होंने विश्वास दिलाया कि वह हालात पर करीब से नजर रख रहे हैं और सभी जरूरी कदम उठा रहे हैं।’

मुख्यमंत्री के ट्वीट के कुछ ही समय बाद बैजल ने हिंसा की निंदा करते हुए कहा कि उन्होंने पुलिस को कानून व्यवस्था बनाये रखने के लिए सभी जरूरी कदम उठाने का निर्देश दिया है।

माकपा नेता सीताराम येचुरी ने हिंसा के लिए जेएनयू प्रशासन और एबीवीपी को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने इसे हिंदुत्व के एजेंडे का विरोध करने वाले छात्रों पर नियोजित हमला करार दिया।  

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने जेएनयू में छात्रों और शिक्षकों पर हमले की निंदा की और इसे लोकतंत्र के लिए शर्मनाक बताया।

जेएनयू में हुई हिंसा की निंदा करते हुए भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के महासचिव डी राजा ने सोमवार को मांग की कि गृहमंत्री अमित शाह देश के सामने स्पष्ट करें कि देश के इस प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय में क्या हुआ।

राजा ने कहा कि यह ‘कायराना फासीवादी हमला’ जेएनयू के नाम को बदनाम करने की साजिश का हिस्सा है और यह उन लोगों पर हमले को सही ठहराता है, जो सरकार की नीतियों का विरोध करते हैं।  उन्होंने कहा कि पार्टी मांग करती है कि जेएनयू के शिक्षकों एवं विद्यार्थियों को पर्याप्त सुरक्षा दी जाए।
 
पवार ने जेएनयू छात्रों पर हुए हमले को ‘अलोकतांत्रिक’ बताया

राकांपा अध्यक्ष शरद पवार ने दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के छात्रों पर हुए हमले की निंदा की और इसे “अलोकतांत्रिक कृत्य” करार दिया। पवार ने ट्वीट किया, “जेएनयू छात्रों एवं प्रोफेसरों पर कायराना लेकिन नियोजित हमला किया गया। मैं गुंडागर्दी और हिंसा के इस अलोकतांत्रिक कृत्य की कड़ी निंदा करता हूं।” उन्होंने कहा, “लोकतांत्रिक मूल्यों एवं विचारों को दबाने के हिंसक तरीकों का इस्तेमाल कभी सफल नहीं होगा।”

केंद्रीय मंत्रियों एस. जयशंकर, सीतारमण ने जेएनयू हिंसा की निंदा की

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय परिसर में रविवार की शाम हुई हिंसा की निंदा की। दोनों ही मंत्री जेएनयू के पूर्व छात्र हैं। सीतारमण ने कहा कि सरकार चाहती है कि विश्वविद्यालय छात्रों के लिए सुरक्षित स्थान रहें।

Horrifying images from JNU — the place I know & remember was one for fierce debates & opinions but never violence. I unequivocally condemn the events of today. This govt, regardless of what has been said the past few weeks, wants universities to be safe spaces for all students.

— Nirmala Sitharaman (@nsitharaman) January 5, 2020

जयशंकर ने ट्वीट किया, “जेएनयू में जो हुआ उसकी तस्वीरें देखीं। हिंसा की स्पष्ट तौर पर निंदा करते हैं। यह विश्वविद्यालय की संस्कृति एवं परंपरा के पूरी तरह खिलाफ है।”

सीतारमण ने ट्वीट किया, “जेएनयू से बहुत ही खौफनाक तस्वीरें सामने आईं हैं - वह जगह जिसे मैं जानती हूं और ऐसी जगह के तौर पर याद करती हूं जिसे निर्भीक चर्चाओं एवं विचारों के लिए याद किया जाता था, लेकिन हिंसा कभी नहीं। मैं आज हुई हिंसा की स्पष्ट तौर पर निंदा करती हूं। यह सरकार, पिछले कुछ हफ्तों में जो कुछ कहा गया उसके बावजूद, चाहती है कि विश्वविद्यालय सभी छात्रों के लिए सुरक्षित रहें।”

ओवैसी ने ‘जेएनयू के बहादुर विद्यार्थियों’ के साथ एकजुटता प्रकट की

एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में हुई हिंसा के बाद वहां के विद्यार्थियों के साथ सोमवार को एकजुटता व्यक्त की और कहा कि ‘क्रूर हमला’ विद्यार्थियों को दंडित करने के लिए है क्योंकि उन्होंने ‘उठ खड़े होने की जुर्रत’ की।

हैदराबाद के सांसद ने ट्वीट किया, ‘जेएनयू के बहादुर विद्यार्थियों के साथ एकजुटता के लिए । यह क्रूर हमला जेएनयू विद्यार्थियों को दंडित करने लिए है क्योंकि उन्होंने उठ खड़े होने की जुर्रत की। यह इतना बुरा है कि केंद्रीय मंत्री भी असहाय की तरह ट्वीट कर रहे हैं। मोदी सरकार को जवाब देना चाहिए कि कि पुलिसकर्मी गुंडों का पक्ष क्यों ले रहे हैं।’

जेएनयू में हुई हिंसा की न्यायिक जांच हो: मायावती

दिल्ली स्थित जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में रविवार रात हिंसा की घटना को शर्मनाक बताते हुए बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने घटना की न्यायिक जांच की मांग की है। मायावती ने सोमवार सुबह ट्वीट किया, "जेएनयू में छात्रों एवं शिक्षकों के साथ हुई हिंसा अति-निन्दनीय एवं शर्मनाक। केन्द्र सरकार को इस घटना को अति-गम्भीरता से लेना चाहिये। साथ ही इस घटना की न्यायिक जांच हो, तो यह बेहतर होगा।"

केरल, पंजाब के मुख्यमंत्रियों ने की निंदा

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय हिंसा की केरल और पंजाब के मुख्यमंत्रियों ने निंदा की है। केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने हिंसा की निंदा करते हुए इसे नाजियों के तरीके का हमला करार दिया।

विजयन ने फेसबुक पोस्ट में कहा कि छात्रों पर हमला ‘असहिष्णुता का एक भयावह प्रदर्शन है’। उन्होंने कहा कि संघ परिवार को अपनी ‘शैतानी योजना’ को खत्म करना चाहिए ताकि विश्वविद्यालयों को रक्तपात से बचाया जा सके। उन्होंने कहा, ‘जेएनयू में छात्रों और शिक्षकों पर नाजियों के तरीके का हमला करने वाले देश में अशांति और हिंसा पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं.... हमलावर आतंकवादियों की तरह घातक हथियारों के साथ परिसर में घुसे।’

उन्होंने कहा कि एबीवीपी कार्यकर्ताओं के घायल छात्र संघ अध्यक्ष को ले जा रही एम्बुलेंस को रोकने की खबरें, उनकी दंगा करने की हद को दर्शाता है।  उन्होंने कहा, ‘संघ परिवार को अपनी शैतानी योजना को खत्म करना चाहिए ताकि विश्वविद्यालयों को रक्तपात से बचाया जा सके।’

वहीं, पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने हिंसा को बर्बर और अत्याचारी करार दिया और इसके लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। सिंह ने ट्वीट किया, ‘जेएनयू में यकीनन स्थिति निंयत्रण से बाहर है। दिल्ली पुलिस इस प्रमुख विश्वविद्यालय में कुछ मुट्ठी भर गुंडों द्वारा फैलाई जा रही अशांति के खिलाफ मूक दर्शक नहीं बन सकती। यह बर्बर, अत्याचारी है और इसे लोहे की छड़ों से ही निपटने की जरूरत है।’

जेएनयू हिंसा मामले की न्यायिक जांच हो: सपा

समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में छात्रों और शिक्षकों से हुई मारपीट की कड़ी निन्दा करते हुए इसकी न्यायिक जांच की मांग की है।

अखिलेश ने रविवार देर रात 'ट्वीट' किया, 'जेएनयू में जिस तरह नकाबपोश अपराधियों ने छात्रों और अध्यापकों पर हिंसक हमला किया है, वह बेहद निंदनीय है। इस विषय में तत्काल उच्च स्तरीय न्यायिक जांच होनी चाहिये।' उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा कि जेएनयू में छात्रों और शिक्षकों पर हुआ हमला यह दिखाता है कि सरकार डर दिखाकर राज करने के लिये किस हद तक गिर सकती है।

पटनायक ने जेएनयू के छात्रों पर हुए हमले की निंदा की

ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने नयी दिल्ली स्थित जवाहर लाल नेहरु विश्वविद्यालय में छात्रों पर हुए हमले की सोमवार को निंदा करते हुए घटना पर हैरानी जताई है। पटनायक ने ट्वीट किया, ‘जेएनयू में हिंसक हमले की सूचना से सकते में हूं। लोकतंत्र में हिंसा के लिए कोई स्थान नहीं है और छात्रों पर ऐसे हमलों की एक आवाज में निंदा की जानी चाहिए।’

उन्होंने कहा, ‘कानून प्रवर्तन एजेंसियों से अनुरोध करता हूं कि वे दोषियों को पकड़ने के लिए कड़ी कार्रवाई करें और घायल छात्रों के जल्दी स्वस्थ होने की कामना करता हूं।’

जेएनयू हमले से स्पष्ट हुआ कि असली दंगाई कौन है: भाकपा(माले)

भाकपा (माले) की उत्तर प्रदेश इकाई ने दावा किया है कि रविवार रात जेएनयू में पुलिस की उपस्थिति में ‘‘एक भाजपा नेता के साथ नकाबपोश गुंडों के हिंसक हमले’’ से स्पष्ट हो गया है कि असली दंगाई कौन हैं।

भाकपा (माले) के राज्य सचिव सुधाकर यादव ने कहा कि जेएनयू में छात्रों एवं शिक्षकों पर ‘एबीवीपी के नेतृत्व में’ चेहरा छुपाये गुंडों के प्राणघातक हमले के खिलाफ भाकपा (माले) सोमवार को अन्य संगठनों एवं नागरिकों के साथ मिल कर उत्तर प्रदेश समेत देशभर में विरोध कर रही है।

विश्वविद्यालयों को राजनीति का अड्डा नहीं बनने देंगे: निशंक

मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा है कि विश्वविद्यालयों को राजनीति का अड्डा नहीं बनने दिया जायेगा। निशंक ने विपक्षी दलों पर विश्वविद्यालयों को राजनीति का अड्डा बनाने का प्रयास करने का आरोप लगाते हुए कहा, ‘विश्वविद्यालय ज्ञान अर्जन का केंद्र हैं, जहां देश के भविष्य का निर्माण होता है। हम उन्हें राजनीति का अड्डा नहीं बनने दे सकते।'

शैक्षणिक संस्थानों को राजनीति का अखाड़ा नहीं बनाया जाना चाहिए: स्मृति ईरानी

दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में हुई हिंसा का जिक्र करते हुए केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने सोमवार को कहा कि परिसरों को ‘राजनीति का अखाड़ा’ नहीं बनाया जाना चाहिए। पत्रकारों ने ईरानी से जेएनयू परिसर में हिंसा के बारे में पूछा, जिस पर उन्होंने कहा, ‘मैंने पहले भी कहा था और अब भी दोहरा रही हूं कि शैक्षणिक संस्थानों को राजनीति का अखाड़ा नहीं बनाया जाना चाहिए क्योंकि इससे हमारे विद्यार्थियों की जिंदगी और प्रगति प्रभावित होती है।’

अमेठी की सांसद ने कहा, ‘मैं आशा करती हूं कि विद्यार्थियों को राजनीतिक मोहरे की तरह इस्तेमाल नहीं किया जाएगा।’

अभिनेताओं, फिल्मकारों ने की जेएनयू में हिंसा की निंदा

बॉलीवुड अभिनेताओं स्वरा भास्कर, शबाना आजमी, मोहम्मद जीशान अयूब एवं तापसी पन्नू और फिल्मकारों अर्पणा सेना एवं हंसल मेहता ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में हिंसा की निंदा की है और दिल्ली पुलिस से हस्तक्षेप करने की अपील की है।

स्वरा ने इस संबंधी वीडियो संलग्न करते हुए ट्वीट किया, ‘सभी दिल्लीवासियों से महत्वपूर्ण अपील है कि जेएनयू परिसर में कथित रूप से एबीवीपी के नकाबपोश गुंडों के हमले रोकने के लिए सरकार एवं दिल्ली पुलिस पर दबाव बनाने के लिए कृपा बाबा गंगनाथ मार्ग पर जेएनयू परिसर के मुख्य द्वार के बाहर बड़ी संख्या में एकत्र हों।’

उन्होंने परिसर में उनके अभिभावकों की सुरक्षा को लेकर चिंता व्यक्त की। स्वरा भास्कर की मां इरा भास्कर जेएनयू में प्रोफेसर हैं। स्वरा के वीडियो पर आजमी ने कहा कि वह हिंसा से स्तब्ध हैं और उन्होंने अपराधियों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की अपील की।

आजमी ने ट्वीट किया, ‘क्या यह वाकई हो रहा है? मैं भारत में नहीं हूं और यह दु:स्वप्न लगता है। जेएनयू में हिंसा होने के बाद 20 छात्रों को एम्स में भर्ती कराया गया है। छात्रों एवं शिक्षकों को पीटा गया। यह अत्यंत निंदनीय है। अपराधियों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की जानी चाहिए।’ अपर्णा ने आरोप लगाया कि जेएनयू छात्रों को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के गुंडों ने पीटा।

उन्होंने कहा, ‘आप कब तक कन्नी काटते रहेंगे? या आपमें ताकत ही नहीं है? हां, मैं उदारवादी हूं। हां, मैं धर्मनिरपेक्ष हूं। और यदि यह विकल्प है तो मुझे इस पर गर्व है। शर्मनाक। एबीवीपी और पुलिस को शर्म आन चाहिए जो उनकी मदद कर रहे हैं और उन्हें उकसा रहे हैं।’

तापसी ने परिसर में स्थिति कथित रूप से दर्शाने वाला एक वीडियो के साथ ट्वीट किया, ‘हम जिस जगह के बारे में समझते हैं कि वहां हमारे भविष्य को आकार दिया जा रहा है, ऐसी जगह में इस प्रकार के हालात हैं। इसे ऐसे जख्म दिए जा रहे हैं, जो हमेशा रहेंगे। अपूरणीय नुकसान।’

जीशान ने भी ट्वीट किया, ‘दरवाजे और सड़कें बंद करके उन्होंने गुंडों को खुली छूट दे दी। अपने मित्रों एवं संबंधियों, हर व्यक्ति से कहिए कि वे वहां एकत्र हों।’ उन्होंने कहा, ‘ओखला और जामिया में मौजूद मित्र शाहीन बाग जाएं। जेएनयू में हमला ध्यान भटकाने के लिए किया गया और वे रात में निश्चित ही शाहीन बाग पर हमला करेंगे।’

निर्देशक अनुराग कश्यप ने जेएनयू में हिंसा के कई वीडियो रिट्वीट किए। लेखिका कनिका ढिल्लों ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से इस मामले में हस्तक्षेप करने को कहा। निर्देशक नीरज घेवन ने पुलिस से छात्रों की मदद करने की अपील की।

इसके अलावा फिल्मकार विनोद कापड़ी, फिल्मकार एवं संगीतकार विशाल भारद्वाज, निर्देशक बेजॉय नाम्बियार, अभिनेत्री रिचा चड्ढा, निर्देशक अनुभव सिन्हा, निर्देशक अनुराग बसु और अभिनेत्री रेणुका शहाणे ने भी इस घटना की निंदा की।

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)

 

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