NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu
image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
आंदोलन
मज़दूर-किसान
भारत
राजनीति
झारखंड-बिहार: आंदोलनकारी किसानों के समर्थन में बढ़ता वामपंथी दलों-जन संगठनों समेत पूरे विपक्ष का जन अभियान!
6 दिसंबर को झारखंड की राजधानी रांची में किसानों द्वारा आहूत 8 दिसंबर के भारत बंद के समर्थन में सभी वामपंथी दलों तथा झारखंड मुक्ति मोर्चा समेत अन्य कई सामाजिक संगठनों ने अल्बर्ट एक्का चौक पर संयुक्त प्रदर्शन कर आंदोलनकारी किसानों के प्रति एकजुटता जाहिर की
अनिल अंशुमन
07 Dec 2020
झारखंड-बिहार

देश के किसानों का लोकप्रिय प्रतीक बन चुके राजधानी दिल्ली की सीमा पर केंद्र सरकार की किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ निरंतर जारी किसानों के आंदोलन के समर्थन में झारखंड और बिहार में वामपंथी दलों–जन संगठनों के साथ साथ गैर भाजपायी सभी विपक्षी दलों का भी सड़कों का अभियान निरंतर जारी है।

6 दिसंबर को झारखंड की राजधानी रांची में किसानों द्वारा आहूत 8 दिसंबर के भारत बंद के समर्थन में सभी वामपंथी दलों तथा झारखंड मुक्ति मोर्चा समेत अन्य कई सामाजिक संगठनों ने अल्बर्ट एक्का चौक पर संयुक्त प्रदर्शन कर आंदोलनकारी किसानों के प्रति एकजुटता जाहिर की। इसके माध्यम से केंद्र की मोदी सरकार द्वारा खेती – किसानी को कॉर्पोरेट कंपनियों गुलाम बनाए जाने की नीतियों व साज़िशों के खिलाफ भारत बंद को जोरदार रूप से सफल बनाने का आह्वान किया।

6 दिसंबर की ही शाम को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी अपने ट्वीट में भारत बंद का समर्थन करते हुए लिखा है कि झामुमो परिवार भी इसका सक्रिय समर्थन करेगा। हमारे मेहनती किसान देश की आन बान शान हैं। देश के मालिक को मजदूर बनाने की केंद्र की सरकार के षड्यंत्र के खिलाफ झारखंड में भी उलगुलान होगा।

देश के आन-बान-शान हैं हमारे मेहनती किसान।

देश के मालिक को मजदूर बनाने के केंद्र सरकार के षड्यंत्र के खिलाफ़ झारखण्ड में भी होगा उलगुलान।

किसान अन्नदाताओं के पक्ष में झारखण्ड मुक्ति मोर्चा परिवार 8 दिसंबर को भारत बंद का पूर्ण समर्थन करता है।

— Hemant Soren (घर में रहें - सुरक्षित रहें) (@HemantSorenJMM) December 6, 2020

5 दिसंबर को प्रदेश के वामपंथी दलों के पूर्वघोषित आह्वान के तहत झारखंड के विभिन्न प्रखण्ड मुख्यालयों पर विरोध प्रदर्शन कर स्थानीय प्रशासन के माध्यम से केंद्र सरकार को ज्ञापन दिया गया। कई स्थानों पर चक्का जाम अभियान चलाकर सड़कों पर प्रतिवाद कार्यक्रम हुए। जिसके तहत रांची, रामगढ़ , गिरिडीह , कोडरमा , बोकारो , पूर्वी सिंहभूम तथा गढ़वा – पलामू ज़िला के कई प्रखण्डों के विरोध कार्यक्रमों में मोदी सरकार का पुतला भी जलाया गया। कोयलांचल के भी कई इलाकों में किसानों के समर्थन में कार्यक्रम संगठित किए गए।

image

8 दिसंबर के भारत बंद को सफल बनाने हेतु वामपंथी दलों द्वारा आम जनता के नाम विशेष अपील जारी करते हुए कहा गया कि–मोदी सरकार की जिन किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ 26 नवंबर 2018 को देश भर के 500 से भी अधिक किसान संगठनों के आह्वान पर करोड़ों किसानों ने आंदोलन किया था, आज वही संघर्ष दिल्ली की सीमा पर आ गया है। मौजूदा केंद्र की सरकार ने राज्य सरकारों के अधिकार क्षेत्र में दखलंदाज़ी करते हुए तीनों कृषि कानून तथा बिजली (संशोधन) बिल 2020 लाया है। जो इस देश के संघीय ढांचे के लिए बेहद खतरनाक है । कॉर्पोरेट घरानों के इशारे पर केंद्र सरकार किसानों का दमन जारी रखते हुए वार्ता का नाटक कर रही है। इसलिए आइये , किसानों के जारी संघर्ष के साथ अपनी एकजुटता कायम करें और देश के अन्नदाता के हितों की रक्षा के लिए आंदोलन तेज़ करें!

image

बिहार में सभी वामपंथी दलों के साथ साथ राष्ट्रीय जनता दल समेत महागठबंधन के सभी दलों ने भी 8 दिसंबर के भारत बंद का सक्रिय समर्थन किया है। किसानों के आंदोलन के समर्थन में 5 दिसंबर को पटना गांधी मैदान के बाहर बिहार विधान सभा नेता प्रतिपक्ष के नेतृत्व में महागठबंधन द्वारा धराना भी दिया गया।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए तेजस्वी यादव ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा लाये गए किसान विरोधी नए कृषि क़ानूनों के खिलाफ किसानों के जारी आंदोलन के पक्ष में पूरा विपक्ष एकजुट है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और बिहार दौरे पर आए RSS प्रमुख मोहन भगवत की आलोचना करते हुए कहा कि जब तक मोदी सरकार नए काले कृषि क़ानूनों को वापस नहीं ले लेती है, हम किसानों के आंदोलन के साथ पूरी मजबूती से खड़े रहेंगे ।                                   

खबर है कि प्रशासन ने धरना में शामिल तेजस्वी यादव समेत सभी नताओं – कार्यकर्ताओं पर प्रतिबंधित क्षेत्र में कार्यक्रम करने का मुकदमा कर दिया है। उधर राजद प्रवक्ता ने सरकार व प्रशासन पर आरोप लगाया है कि कार्यक्रम गांधी मैदान स्थित गांधी जी के स्मारक परिसर में होना था। जिसके लिए एक दिन पहले ही प्रशासन के पास विधिवत अनुमति पत्र भेजा गया था। लेकिन समय रहते उस पर कोई सकारात्मक संज्ञान नहीं लिया गया और जब महागठबंधन के लोग कार्यक्रम की तैयारी हेतु दरी – माइक लेकर पहुंचे तो पुलिस के जरिये गांधी मैदान के सभी प्रवेश द्वारों को सील कर जाने रोक दिया गया। तब मजबूर होकर गेट नंबर 4 के सामने यह कार्यक्रम किया गया।

प्रदेश सरकार के भाजपा – जदयू नेताओं द्वारा इस कार्यक्रम में सोशल डिस्टेन्सिंग का पालन नहीं किए जाने के आरोप के खिलाफ भी काफी प्रतिक्रियाएँ हो रहीं हैं।

image

5 दिसंबर को ही सभी वामपंथी दलों के आह्वान पर पूरे बिहार में किसानों के आंदोलन से एकजुटता जाहिर करते हुए उनके समर्थन में जगह जगह सड़क व रेल जाम किया गया।

कटिहार के बलरामपुर में माले विधायक दल नेता महबूब आलम और भोजपुर में माले विधायक सुदामा प्रसाद व मनोज मंज़िल के नेतृत्व में चक्का – जाम अभियान चलाया गया। वहीं कई स्थानों पर मोदी सरकार का अर्थी जुलूस निकाल कर राष्ट्रव्यापी पुतला दहन अभियान को भी पूरे जोशो खरोश के साथ सफल बनाया गया।

मीडिया में जारी खबरों के अनुसार किसानों के आंदोलन को कई सामाजिक व किसान संगठनों के आलवे बैंक और मजदूर – कर्मचारी संगठनों और यूनियनों द्वारा समर्थन दिया जाना भी जारी है।

image

पटना स्थित विभिन्न बैंक यूनियनों में प्रमुख एआईबीओसी, एआईबीओ तथा आईएनबीओसी ने आंदोलनकारी किसानों से अपनी एकजुटता व्यक्त की है। उक्त यूनियनों ने बयान जारी कर कहा है कि किसानों का संघर्ष न केवल नए कृषि क़ानूनों को निरस्त्र करने बल्कि आवश्यक वस्तु अधिनियम में संशोधन और जन विरोधी बिजली बिल 2020 के भी खिलाफ है और यह पूरी तरह से जायज है।

image

सोशल मीडिया में जहां देश के किसानों पर मोदी सरकार द्वारा थोपे गए किसान विरोधी कृषि क़ानूनों के विरोध करते हुए आंदोलनकारी किसानों के समर्थन और नित नए नए पोस्टों की भरमार है। वहीं लेखक – कवि – कलाकर और उनके राष्ट्रीय संगठनों के भी समर्थन बयान, कवितायें और गीत भी खूब वायरल हो रहें  हैं। जिनमें ये कहा जा रहा है कि – तय करो किस ओर हो ! ... भारत अभी भी किसानों का देश है ... ये हमारी और आपकी लड़ाई है ... खोलो आँखें फंस ना जाना तुम सुनहरे जाल में , भेड़िये भी घूमते हैं आदमी की जाल में ... !                   इतना तो तय है कि जिस भारत के मूलाधार यहाँ के किसान हैं, वो यूं ही सड़कों पर नहीं आते और डटकर खड़े होते हैं , जब इनके साथ और समर्थन में देश के अन्य तबकों के लोग भी खड़े हो रहें हैं तो यह बात भी अतिशयोक्ति नहीं होगी कि – पहले तो चिंगारियाँ दीखती थीं अब हर तरफ़ है आग का ही सिलसिला ....!

इसे भी पढ़ें : किसानों को धन्नासेठों के हाथों मज़दूर बना देना चाहती है मोदी सरकार : कन्हैया कुमार

Jharkhand
Bihar
farmers protest
Farm bills 2020
left parties
Opposition support of farmers
Narendra modi
BJP
Nitish Kumar
Hemant Soren

Trending

देश के संघीय ढांचे के ख़िलाफ़ है वैक्सीन वितरण फार्मूला
कार्टून क्लिक: धीरे-धीरे बोल कोई सुन न ले...
अब इकॉनमी आप के भरोसे
भारत एक मौज : कोरोना की दूसरी लहर, ऑक्सीजन की कमी और असंवेदनशील सरकार
क्यों फ्री में वैक्सीन मुहैया न कराना लोगों को मौत के मुंह में धकेलने जैसा है?
चिंता: देश में कोरोना के फिर 3 लाख से ज़्यादा नए मामले, 2,263 मरीज़ों की मौत

Related Stories

कोरोना संकट: रहना नहिं देस बिराना है!
शंभूनाथ शुक्ल
कोरोना संकट: रहना नहिं देस बिराना है!
23 April 2021
प्रधानमंत्री देश के नाम अपने संबोधन में अब लॉकडाउन को राज्यों की ज़िम्मेदारी बता रहे हैं। जिस काम को उन्हें बहुत पहले करना था, वह वे आज कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने कोविड-19 की मौजूदा स्थिति पर 10 राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक की
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट/भाषा
प्रधानमंत्री ने कोविड-19 की मौजूदा स्थिति पर 10 राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक की
23 April 2021
नयी दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कोविड-19 की ताजा लहर में सबसे अधिक प्रभावित 10 राज्यों के मुख्यमंत्रियों के स
लखनऊ
सरोजिनी बिष्ट
लखनऊ: हर तस्वीर डराती है... हर मंज़र रुलाता है... अब तो सब्र ने भी साथ देना छोड़ दिया!
23 April 2021
लखनऊ: सरकार दावे तो लाख करती थी लेकिन त्रासदी के इस दौर में सारे सरकारी दावों की पोल खुल गई। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार का तो यहां

Pagination

  • Previous page ‹‹
  • Next page ››

बाकी खबरें

  • मप्र: जबलपुर में ऑक्सीजन खत्म होने से पांच कोरोना वायरस मरीजों की मौत
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट/भाषा
    मप्र: जबलपुर में ऑक्सीजन खत्म होने से पांच कोरोना वायरस मरीजों की मौत
    23 Apr 2021
    भोपाल में बुधवार को 137 शवों को अंतिम संस्कार कोविड-19 के प्रोटोकॉल के मुताबिक किया गया, जबकि उस दिन भोपाल जिले में सरकारी आंकड़ों के अनुसार मात्र पांच लोगों की ही मौत इस महामारी से बताई गई है।
  • भारत एक मौज
    न्यूज़क्लिक टीम
    भारत एक मौज : कोरोना की दूसरी लहर, ऑक्सीजन की कमी और असंवेदनशील सरकार
    23 Apr 2021
    भारत एक मौज के इस एपिसोड में, संजय राजौरा कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के दौरान चरमराई स्वास्थ्य व्यवस्था के निजी अनुभव के बारे में बात कर रहे हैं। वह बता रहे हैं कि कैसे देश के नेताओं ने अपना सारा…
  • आइशी घोष
    भाषा
    वाम का गढ़ माने जाने वाले जमूरिया क्षेत्र में त्रि-कोणीय मुकाबला, माकपा से आइशी हैं मैदान में
    23 Apr 2021
    तृणमूल की लहर के बावजूद इस सीट पर पिछले दो चुनावों में माकपा उम्मीदवार जहांआरा खान को जीत मिली है। इस बार पार्टी ने छात्र नेता और युवा चेहरे को मैदान में उतारा है।
  • मोदी के साथ बैठक के दौरान केजरीवाल के भाषण के टीवी पर प्रसारण से केंद्र ख़फ़ा, सीएमओ ने खेद जताया
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट/भाषा
    मोदी के साथ बैठक के दौरान केजरीवाल के भाषण के टीवी पर प्रसारण से केंद्र ख़फ़ा, सीएमओ ने खेद जताया
    23 Apr 2021
    आज जब पूरे देश में कोरोना को लेकर त्राहि-त्राहि मची हुई है और सरकारों पर एक पूरे साल में कोई भी व्यवस्था ठीक न करने का आरोप है, केंद्र सरकार पारदर्शिता बरतने की बजाय गोपनीयता पर ज़ोर दे रही है।
  • कोरोना संकट: रहना नहिं देस बिराना है!
    शंभूनाथ शुक्ल
    कोरोना संकट: रहना नहिं देस बिराना है!
    23 Apr 2021
    ज़ाहिर है देश में कोरोना से लड़ने की रणनीति विफल रही। सच बात तो यह है कि भारत के कर्णधार न लोकतांत्रिक पूंजीवादी देशों की सरकारों से कुछ सबक़ ले पाए न जनवादी गणतंत्र देशों की सरकारों से।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें