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कर्नाटक:  सेक्स वीडियो मामले में ‘पीड़ित महिला को प्रताड़ित’ किया जा रहा है!

इस वीडियो कांड में बीजेपी विधायक और पूर्व मंत्री रमेश जारकीहोली पर कथित रूप से महिला को सरकारी नौकरी का लालच देकर उसके साथ शोषण करने का गंभीर आरोप लग रहा है।
कर्नाटक:  सेक्स वीडियो मामले में ‘पीड़ित महिला को प्रताड़ित’ किया जा रहा है!

कर्नाटक में उपचुनावों के बीच सेक्स, सीडी और सियासत का कॉकटेल लगातार ज़ोर पकड़ रहा है। वायरल ‘सेक्स वीडियो’ में कथित रूप से पीड़ित दिखाई दे रही महिला ने रविवार, 5 अप्रैल को पुलिस पर पक्षपातपूर्ण रवैए का आरोप लगाया है। बेंगलुरु के पुलिस आयुक्त कमल पंत को लिखे पत्र में शिकायतकर्ता महिला ने दावा किया है कि उससे कई बार पूछताछ की गई लेकिन आरोपी को केवल एक बार पूछताछ के लिए बुलाया गया और उसे तीन घंटे में ही छोड़ दिया गया।

आपको बता दें कि इस वीडिया कांड में बीजेपी विधायक और पूर्व मंत्री रमेश जारकीहोली पर कथित रूप से महिला को सरकारी नौकरी का लालच देकर उसके साथ शोषण करने का गंभीर आरोप लग रहा है। इन आरोपों के बाद तो कर्नाटक सरकार चौतरफा सवालों के घेरे में आ ही चुकी है। साथ ही जारकीहोली को जल संसाधन मंत्री के पद से इस्तीफ़ा भी देना पड़ा है।

क्या है पूरा मामला?

इस पूरे मामले में कथित रूप से पीड़ित महिला ने मीडिया में सार्वजनिक किए गए अपने पत्र में कहा, “इस पूरी प्रक्रिया को देखने के बाद मैं असमंजस में हूं कि मैं पीड़ित हूं या आरोपी।”

महिला ने आरोप लगाया कि एसआईटी ने आरोपी से मात्र तीन घंटे तक पूछताछ की और उसे बिना किसी पाबंदी के जाने दिया जबकि उससे लगातार पूछताछ की जा रही है।

पत्र में महिला द्वारा आरोप लगाया गया, “रमेश जारकीहोली ने अपनी शिकायत में मेरे नाम का उल्लेख नहीं किया है, इसके बावजूद पुलिस ने उस स्थान पर छापेमारी की जहां मैं किराए पर रहती हूं और सरकार के दबाव में मुझे आरोपी के रूप में पेश करने के लिए सभी सबूत नष्ट कर दिए।”

महिला के वकील ने कहा कि उन्होंने ई्मेल के जरिये पुलिस आयुक्त को पत्र भेजा है लेकिन जरूरत पड़ी तो उसकी प्रति भी भेजी जाएगी।

आख़िर सेक्स सीडी का मामला क्या है?

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक कर्नाटक के कुछ लोकल मीडिया चैनल्स पर 2 मार्च 2021 के दिन एक वीडियो चली, जिसमें राज्य के एक मंत्री एक महिला के साथ आपत्तिजनक हालत में दिख रहे थे। जैसे ही ये फुटेज सामने आया, कर्नाटक की सरकार और उस मंत्री के ऊपर कई सारे सवाल उठने लगे। पुलिस तक भी ये मामला गया।

दिनेश कल्लाहल्ली नाम के एक सोशल एक्टिविस्ट ने पुलिस से मंत्री रमेश के खिलाफ शिकायत की। एक्टिविस्ट  के मुताबिक महिला को सरकारी नौकरी का लालच देकर उसके साथ ये सब किया गया, फिर बाद में नौकरी देने से मंत्री मुकर गए। शिकायत दर्ज करवाने के बाद बेंगलुरू के क्यूबन पार्क पुलिस स्टेशन के सामने उन्होंने मीडिया से बातचीत कर पूरा मामला बताया।

दिनेश ने कहा, “मैंने रमेश जारकीहोली के खिलाफ एक युवा लड़की का यौन शोषण करने के मामले में पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। पहले पुलिस कमिश्नर को इस बारे में मैंने बताया, तो उन्होंने मुझे क्यूबन पार्क पुलिस के पास शिकायत ले जाने को कहा। ये एक संवेदनशील मामला है।”

उन्होंने कहा, “परिवार ने मदद के लिए मुझसे संपर्क किया था। वो अकेले नहीं लड़ सकते। मैं सोशल एक्टिविस्ट हूं इसलिए वो मेरे पास आए। उनका कहना है कि मंत्री जी ने लड़की से वादा किया था कि KPTCL (कर्नाटक पावर ट्रांसमिशन कॉर्पोरेशन लिमिटेड) में उसकी सरकारी नौकरी लगवा देंगे। उसे इस नौकरी का लालच दिया था। लेकिन बाद में वो अपनी बातों से पीछे हट गए। अब ये परिवार न्याय चाहता है। मैंने इस मुद्दे पर सबसे पहले अपने वकील से मुलाकात की। फिर उनकी सलाह पर पुलिस कमिश्नर के पास गया और उन्हें सीडी सौंपी. मैं चाहता हूं कि सच्चाई सामने आए।”

इस संबंध में बेंगलुरू सेंट्रल के डीसीपी  अनुचेत ने जानकारी दी कि पुलिस ने दिनेश की शिकायत पर रमेश के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है।

रमेश जारकीहोली ने क्या कहा?

इस स्कैंडल में नाम आने के बाद जारकीहोली ने इस्तीफा देते हुए अपने पत्र में लिखा है, “मेरे ऊपर जो आरोप लगे हैं वो सच से कोसो दूर हैं। स्पष्ट जांच की ज़रूरत है. मैं निर्दोष साबित होऊंगा और मुझे इस पर पूरा भरोसा है। मैं नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे रहा हूं। अपील करता हूं कि इसे स्वीकार करें।”

इस्तीफे के पहले भी जारकीहोली का एक बयान सामने आया था। इसमें उन्होंने कहा था कि उन्होंने न वीडियो देखा है और न देखेंगे। मंत्री के मुताबिक, उन्होंने कभी भी किसी से नौकरी का वादा नहीं किया था।

‘इंडियन एक्सप्रेस’ की रिपोर्ट के मुताबिक, सीएम येदियुरप्पा ने जारकीहोली के इस्तीफे के पहले पार्टी के साथियों के साथ इस मुद्दे पर मीटिंग की थी। तब सरकारी सूत्रों के ज़रिए ये पता चला था कि जारकीहोली का पक्ष सुनकर ही इस्तीफे पर फैसला लिया जाएगा। उधर, केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने इस मुद्दे पर कहा था कि अगर आरोप सच हैं तो ये शर्म की बात है।

रमेश जारकीहोली के भाई बालाचंद्रा जारकीहोली ने भी इस मुद्दे पर मीडिया से बात की है। बालाचंद्रा जो खुद भी बीजेपी विधायक हैं उन्होंने कहा है, “शिकायत में महिला का नाम मेंशन नहीं किया है। न तो ये बताया गया है कि घटना किस जगह की है। इस तरह की शिकायत मिलना अपने आप में गलत है। प्रभावित पार्टी को खुद शिकायत करनी चाहिए। कोई मिडलमेन नहीं होना चाहिए। मैंने सीएम से अपील की है कि इस मामले को सीबीआई  या सीआडी को सौंपें। सीडी किसने जारी की? लड़की कौन है? उसके पीछे कौन है? अगर वो यानी रमेश दोषी पाए गए तो मैं खुद उनसे कहूंगा कि वो राजनीति से रिटायर हो जाएं।”

मालूम हो कि इस सेक्स वीडियो के अलावा रमेश जारकीहोली और उस महिला का एक कथित ऑडियो क्लिप भी सामने आया है। इसमें जारकीहोली कर्नाटक के सीएम बीएस येदियुरप्पा को भ्रष्ट कहते सुनाई दे रहे हैं। साथ ही कांग्रेस नेता और पूर्व सीएम सिद्धारमैया को अच्छा बता रहे हैं।

विपक्षी दल कांग्रेस ने येदियुरप्पा सरकार पर उठाए सवाल

इस मामले के सामने आने के बाद से ही कर्नाटक में राजनीतिक तनाव लगातार बढ़ता दिख रहा है। कांग्रेस के नेता कर्नाटक में येदियुरप्पा की अगुवाई वाली बीजेपी  सरकार से तीखे सवाल कर रही है।

पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस नेता सिद्धारमैया ने बीजेपी सरकार को अब तक की सबसे भ्रष्ट सरकार कहते हुए पूरे मामले की जांच उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश की निगरानी में करने की मांग की है।

उन्होंने संवाददाताओं से कहा, “सरकार के प्रभाव की वजह से एसआईटी तथ्यों को बाहर नहीं लाएगी, इसलिए उच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जांच कराई जानी चाहिए।”

वैसे जारकीहोली की राजनिति भी कम दिलचस्प नहीं है!

रमेश जारकीहोली कर्नाटक की राजनीति का काफी बड़ा नाम हैं। उत्तरी कर्नाटक के बेलगाम इलाका, जहां 17 अप्रैल को लोकसभा सीट के लिए उपचुनाव होने हैं, उनका काफी दबदबा है। रमेश का परिवार भी पॉलिटिक्स में काफी सक्रिय है। रमेश खुद छह बार विधायक रह चुके हैं। फिलहाल गोकाक विधानसभा सीट से विधायक हैं।

वैसे उन्होंने अपनी राजनीति की शुरुआत कांग्रेस पार्टी के साथ की थी और 2019 तक वे कांग्रेस में ही थे। रमेश कर्नाटक में कांग्रेस और जनता दल (सेक्युलर) यानी जेडीएस की सरकार गिराने के लिए ज़िम्मेदार माने जाते हैं। 2018 के विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस और जेडीएस  ने मिलकर सरकार बनाई थी तब एचडी कुमारस्वामी सीएम बने थे।

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, रमेश जारकीहोली के कर्नाटक कांग्रेस के मौजूदा प्रेसिडेंट डीके शिवकुमार के साथ तब रिश्ते सही नहीं चल रहे थे। दोनों के बीच बेलगाम में किसका कंट्रोल होगा, इस सवाल पर तनाव चल रहा था। शायद यही वजह थी कि 2019 में जारकीहोली कांग्रेस और जेडीएस के 17 विधायकों के साथ बीजेपी  में शामिल हो गए थे। इससे कांग्रेस और जेडीएस की सरकार गिर गई और बीजेपी  ने सरकार बना ली थी। फिर खाली हुई सीटों में उपचुनाव हुए और रमेश दोबारा विधायक चुनकर आए।

सेक्स, सीडी और सियासत का कॉकटेल 

गौरतलब है कि कर्नाटक की राजनीति में इस सीडी कांड के बाद एक अलग ही बवाल मचा हुआ है। खबरों की माने तो जारकीहोली बार-बार एसआईटी के बुलावे के बावजूद जांच टीम के समक्ष प्रस्तुत होने से बच रहे हैं। कोरोना का शिकार होने के कारण वे आज यानी 5 अप्रैल को एक बार फिर जांच टीम के सामने पेश नहीं हो सके।

हालांकि ये कोई पहला मामला नहीं है, जब किसी राजनीति के धुरंधर पर इस तरह का कोई आरोप लगा हो,इससे पहले भी कई नेताओं के नाम इस तरह के सीडीकांड में आ चुके हैं। कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी से लेकर मध्यप्रदेश के वित्त मंत्री रहे राघवजी लक्खम्सी सवाला, राजस्थान के जल मंत्री महिपाल मदेरना, आंध्रप्रदेश के राज्यपाल के पद पर रहे एनडी तिवारी जैसे कई बड़े नाम इसमें शामिल हैं।

इस तरह के मामलों को कई बार नेता छवि खराब करने का जरिया बताते हैं तो वहीं कई बार भंवरी देवी जैसे मामलों में उनका खुद पीड़ित को प्रताड़ित करने वाला चेहरा उज़ागर हो जाता है। कई बार प्रतिष्ठित पद पर बैठा व्यक्ति अपने पद का इस्तेमाल शोषितों के कल्याण के लिए करता है तो वहीं कई बार ऐसे पदों का दुरुपयोग शोषण-उत्पीड़न के लिए भी होते देखा गया है। यूपी का कुलदीप सिंह सेंगर मामला हो, कठुआ में सांभाजी भीड़े के समर्थन में रैली या फिर एमजे अकबर की प्रिया रमानी के खिलाफ 97 वकीलों की फौज हो ये सब राजनीति के हथियार से महिलाओं को प्रताड़ित करने की कहानी बयां करते हैं।

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