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देश के कई राज्यों में ऑक्सीजन की कमी, केंद्र से तत्काल क़दम उठाने की मांग

मध्यप्रदेश, गुजरात, यूपी, पंजाब, दिल्ली, महाराष्ट्र और जम्मू-कश्मीर तमाम राज्यों से कोरोना मरीज़ों के लिए ऑक्सीजन की कमी की ख़बरें आ रही हैं।
कोरोना वायरस
प्रतीकात्मक तस्वीर

देश के कई राज्यों में ऑक्सीजन की कमी की ख़बरें आ रही हैं। इस कोरोना काल में ऑक्सीजन की कमी मरीज़ों के लिए जानलेवा बन रही है। अभी दो दिन पहले ख़बर थी कि मध्य प्रदेश में ऑक्सीजन न मिलने से चार मरीजों की मौत हो गई। गुजरात में ऑक्सीजन की कमी के कारण मरीजों को दूसरे अस्पताल भेजा रहा है। वहीं, लॉकडाउन में किल्लत शुरू होने के बाद यूपी, पंजाब, दिल्ली व छत्तीसगढ़ के कुछ शहरों मे कालाबाजारी के मामले सामने आए हैं। केंद्र का दावा है कि देश में पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन का उत्पादन हो रहा है।

मायावती ने अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी पर चिंता जतायी

बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने मंगलवार को कोरोना माहमारी के बीच अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी का मुद्दा उठाते हुए केंद्र से तुरंत प्रभावी कदम उठाने की मांग की।

बसपा नेता ने एक ट्वीट में कहा कि "देश में कोरोना के बढ़ते प्रकोप के बीच इस महामारी के विरूद्ध जारी संघर्ष में पीपीई किट के बाद अब खासकर यूपी, बिहार व महाराष्ट्र आदि के अस्पतालों में ऑक्सीजन के कमी अति-चिन्ता की बात है। ऐसे में केंद्र तुरंत प्रभावी कदम उठाये ताकि कोरोना से होने वाली बढ़ती मौतों को रोका जा सके।"

फारूक अब्दुला ने जम्मू के अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी को चिंताजनक बताया

नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुला ने सोमवार को कोविड-19 महामारी के बीच जम्मू के अस्पतालों में ऑक्सीजन की कथित कमी को ‘चिंताजनक’ करार दिया और दावा किया कि इस समस्या को दूर करने के लिए कोइ उल्लेखनीय प्रयास नहीं किया गया है। पार्टी की विज्ञप्ति में उनका यह बयान है।

लोकसभा में शून्य काल के दौरान केंद्रीय स्वास्थ्य हर्षवर्द्धन को जवाब देते हुए अब्दुल्ला ने पिछले एक सप्ताह से कोविड-19 के मामले में तीव्र वृद्धि से स्थिति को चिंताजनक करार देते हुए कहा, ‘‘ खबर है कि कोविड-19 के मरीजों की देखभाल कर रहे अस्पतालों में ऑक्सीजन की भारी कमी है और इससे कोरोना वायरस के गंभीर रोगियों की जान जोखिम में है। यह जानकर दुख होता है कि इस समस्या के समाधान के कोई उल्लेखनीय प्रयास नहीं किया गया है । ’’

उन्होंने यह भी कहा कि 60 जीवनरक्षक प्रणालियां काम नहीं कर रही हैं।

महाराष्ट्र में ऑक्सीजन ले जा रहे वाहनों को एंबुलेंस की तरह माना जाएगा

महाराष्ट्र सरकार ने सोमवार को आदेश जारी किया जिसके मुताबिक ऑक्सीजन ले जा रहे वाहनों को एंबुलेंस माना जाएगा ताकि कोविड-19 मरीजों का इलाज कर रहे अस्पतालों तक इस गैस की सुचारू आपूर्ति सुनिश्चित हो सके।

इस संबंध में सरकार द्वारा जारी अधिसूचना में कहा गया कि एक साल तक केवल ऑक्सीजन लेकर जा रहे वाहनों को एंबुलेंस माना जाएगा।

अधिसूचना में कहा गया, इसलिए महाराष्ट्र सरकार घोषाण करती है कि चिकित्सा जरूरतों के लिए ऑक्सीजन ले जाने के लिए अधिकृत वाहनों को ऐसी आपदा के मद्देनजर एक साल तक केवल ऑक्सीजन लदे होने पर एंबुलेंस माना जाएगा और इन वाहनों को आपातकाल सेवा या आपदा प्रबंधन ड्यूटी पर तैनात वाहनों की सुविधा मिलेगी ।’’

कोविड-19 मामले बढ़ने के बीच पंजाब ऑक्सीजन के स्थानीय उत्पादन में बढ़ोत्तरी करेगा

पंजाब में बढ़ते कोविड-19 मामलों के बीच मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने सोमवार को स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिया कि वे वर्तमान जरूरत को पूरा करने के लिए चिकित्सा ऑक्सीजन के स्थानीय उत्पादन में वृद्धि करें।

अधिकारियों ने कहा कि भविष्य के किसी भी संकट से निपटने के लिए ऑक्सीजन की कमी का सामना नहीं करना पड़े, इसके मद्देनजर यह कदम उठाया गया।

अब तक पंजाब अपनी ऑक्सीजन की आवश्यकताओं को अन्य राज्यों जैसे उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और हरियाणा से पूरा कर रहा था।

हालांकि, जैसे-जैसे मामले बढ़ रहे हैं और देश के कई हिस्सों में ऑक्सीजन की कमी की रिपोर्ट आ रही है, ऐसे में मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के भीतर ही उत्पादन के जरिए अतिरिक्त आपूर्ति उत्पन्न करने की आवश्यकता है।

एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, इस निर्णय के तहत स्वास्थ्य विभाग ने अब तक एक औद्योगिक ऑक्सीजन आपूर्तिकर्ता को पंजाब में ही ऑक्सीजन का उत्पादन करने का लाइसेंस प्रदान किया है जबकि छह पैकिंग इकाइयों को चिकित्सा उपयोग के लिए ऑक्सीजन की पैकिंग की अनुमति दी गई है।

इसके मुताबिक, भविष्य में ऑक्सीजन की मांग में वृद्धि होने पर अन्य राज्यों से होने वाली आपूर्ति और स्थानीय उत्पादन की सहायता से इससे निपटा जा सकेगा।

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)

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