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लखीमपुर हत्याकांड: देशभर में मनाया गया शहीद किसान दिवस, तिकोनिया में हुई ‘अंतिम अरदास’

तिकोनिया में शहीद किसानों को याद में ‘अंतिम अरदास’ कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमें किसान नेताओं के साथ विभिन्न राज्यों के किसान और भारी संख्या में अन्य आम लोग यहां पहुंचे।
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लखीमपुर खीरी में शहीद हुए किसानों की याद में आज, मंगलवार को संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर देशभर में शहीद किसान दिवस मनाया गया। इसी के साथ लखीमपुर के तिकोनिया में शहीद किसानों को याद में ‘अंतिम अरदास’ कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमें किसान नेताओं के साथ विभिन्न राज्यों के किसान और भारी संख्या में अन्य आम लोग यहां पहुंचे। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा भी इस श्रद्धांजलि कार्यक्रम में शामिल हुईं।

 संयुक्त किसान मोर्चा और भारतीय किसान यूनियन के नेताओं में राकेश टिकैत, दर्शन सिंह पाल, जोगिंदर सिंह, धर्मेंद्र मलिक शामिल हुए। इसके अलावा स्थानीय किसान नेता भी मृतकों को श्रद्धांजलि देने के लिए गांव पहुंचे।
 

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा, कांग्रेस के अन्य नेताओं के साथ कार्यक्रम स्थल पर पहुंचीं। श्रद्धांजलि देने के लिए आने वालों में समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष रामपाल सिंह यादव, डॉ. आर.ए. उस्मानी और अन्य नेता शामिल हैं। रालोद अध्यक्ष जयंत चौधरी का दिन में पहुंचने का कार्यक्रम है। पूर्व में की गयी घोषणा के मुताबिक किसी भी राजनीतिक नेता को मंच साझा करने की अनुमति नहीं दी गई।
 

विशाल मैदान पर बने मंच पर बहराइच जिले के मृतक किसान दलजीत सिंह व गुरविंदर सिंह, खीरी जिले के नछत्तर सिंह व लवप्रीत सिंह, निघासन (खीरी) के मृतक पत्रकार रमन कश्यप के परिवार किसानों व पत्रकार के फोटो लिये बठे थे। इस अवसर पर पूजा और अन्य धार्मिक अनुष्ठान भी किए गए।
 
कार्यक्रम स्थल और उसके आसपास सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए थे।

लखनऊ के आयुक्त, अपर पुलिस महानिदेशक, पुलिस महानिरीक्षक और अन्य वरिष्ठ अधिकारी तिकोनिया में तैनात हैं। कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस,पीएसी और अर्धसैनिक बलों को तैनात किया गया।


आपको बता दें कि संयुक्त किसान मोर्चा ने यूपी और देशभर के किसानों व अन्य लोगों से अपील की थी कि वह 12 अक्टूबर को तिकोनिया में शहीद किसानों की अंतिम अरदास (भोग) में सम्मिलित होकर उन्हें श्रद्धांजलि दें। इसके साथ ही सभी किसान संगठनों से अपील की गई थी कि वे इस दिन अपने-अपने स्थान पर गुरुद्वारा, मंदिर, मस्जिद, चर्च या किसी सार्वजनिक स्थल, टोल प्लाजा या मोर्चा पर शहीद किसानों के लिए विशेष प्रार्थना सभा या श्रद्धांजलि सभा आयोजित करें। इसी दिन शाम को मोमबत्ती मार्च का भी आह्वान किया गया। मोर्चा की अपील  थी कि देश के सभी न्यायप्रिय नागरिक मंगलवार, 12 अक्टूबर की शाम को पांच शहीदों की याद में पांच मोमबत्ती अपने घर के बाहर जलाएं।

उधर लखीमपुर हत्याकांड के बाद बहराइच जिले में पुलिस प्रशासन विशेष सतर्कता बरत रहा है और उच्‍चाधिकारी भी यहां पर लगातार सक्रियता बनाए हुए हैं।

गोरखपुर जोन के अपर पुलिस महानिदेशक (एडीजी) अखिल कुमार ने मंगलवार को यहां गुरुद्वारा प्रबंध समिति के अध्यक्ष और अन्य प्रमुख लोगों से मुलाकात की और दावा किया कि "लखीमपुर की दुर्भाग्यपूर्ण घटना का कोई भी प्रभाव बहराइच में नहीं है, यहां के सिख समाज सहित सभी वर्ग प्रशासन के साथ खड़े हैं।"

लखीमपुर हिंसा में मारे गये लोगों में सिख समाज से आने वाले दो किसान बहराइच जिले के रहने वाले थे।

एडीजी अखिल कुमार मंगलवार को बहराइच के मुख्य गुरुद्वारे में मत्था टेकने पहुंचे और वह गुरुद्वारा प्रबंध समिति व सिख समाज के लोगों से मिलने के बाद पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।

लखीमपुर जा रहे बहराइच के कुछ लोगों को ‘हाउस अरेस्ट’ किए जाने के संबंध में पूछे गये एक सवाल के जवाब में एडीजी ने कहा,''शासन खुद ही सब कुछ त्वरित ढंग से न्याय की दिशा में काम कर रहा है। जब भी ऐसी घटनाएं होती हैं तो कुछ अराजक तत्व मौके का फायदा उठाकर कानून व्यवस्था को खराब कर सकते हैं। इसके लिए हमें एहतियातन आवश्यक कदम उठाने ही पड़ते हैं।''

एडीजी ने कहा कि प्रदेश सरकार घटना को लेकर पूरी तरह से गंभीर है इसलिए सभी वर्गों को आश्वस्त रहने की जरूरत है। उन्होंने कहा,"पूरे जोन में त्योहारों को लेकर सजगता व सतर्कता बरती जा रही है। बहराइच में सेक्टर प्रणाली लागू करके सुरक्षाबलों की तैनाती की गयी है। हम सभी वर्गों से लगातार संपर्क बनाए हुए हैं। आज गुरुद्वारे में पहुंचकर सिख भाइयों से सौहार्दपूर्ण वातावरण में विचारों का आदान-प्रदान हुआ है।"

गौरतलब है कि लखीमपुर हिंसा में मारे गये बहराइच के दो सिख किसानों के घरों पर लगातार किसान संगठनों व राजनीतिक दलों का आना-जाना लगा हुआ है। भाजपा ने अल्पसंख्यक आयोग के प्रतिनिधिमंडल को भेजकर अपनी संवेदना जताई। किसान नेता राकेश टिकैत भी यहां आ चुके हैं। कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी, सपा प्रमुख अखिलेश यादव, बसपा महासचिव सतीश चंद्र मिश्र, आम आदमी पार्टी सांसद संजय सिंह के साथ पंजाब के तमाम नेताओं ने पीड़ित परिवारों से मिलकर संवेदना प्रकट की है।

सोमवार को बहराइच के जिलाधिकारी दिनेश चन्द्र सिंह ने मुख्य गुरुद्वारे में पहुंचकर दरबार साहिब के समक्ष मत्था टेका था व गुरुमुखी भाषा में सिखों को एक पत्र भी लिखा था।

मंगलवार को एडीजी से मुलाकात के समय गुरुद्वारा प्रबंध समिति के अध्यक्ष मनदीप सिंह वालिया, मुख्य ग्रंथी ज्ञानी विक्रम सिंह, महामंत्री भूपेंद्र सिंह सहित तमाम सिख संगत मौजूद थी।

एसकेएम के आगामी कार्यक्रम

संयुक्त किसान मोर्चा की दो मुख्य मांगें थीं। 1- केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी को मंत्रिमंडल से बर्खास्त किया जाए और द्वेष फैलाने, हत्या और षडयंत्र के आरोप में गिरफ्तार किया जाए और 2- हत्या के आरोपी मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा (मोनू) और उसके सहयोगियों (जिनमें सुमित जयसवाल और अंकित दास के नाम सामने आए हैं) को तुरंत गिरफ्तार किया जाए।

इनमें दूसरी मांग के अनुसार मंत्री का बेटा आशीष मिश्रा तो गिरफ़्तार हो चुका है और इस समय पुलिस की रिमांड पर है। लेकिन अभी पहली मांग यानी गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी की गिरफ़्तारी और बर्ख़ास्तगी की मांग वैसी ही बनी हुई है।

मोर्चा ने कहा था कि अगर 11 अक्टूबर तक उनकी मांगों को स्वीकार नहीं किया गया तो संयुक्त किसान मोर्चा देशव्यापी विरोध कार्यक्रम की शुरुआत करेगा। इन कार्यक्रमों की रुपरेखा इस प्रकार है:

(1) अंतिम अरदास के बाद लखीमपुर खीरी से शहीद किसानों के अस्थि कलश लेकर शहीद किसान यात्रा निकाली जाएगी। यह यात्रा उत्तर प्रदेश के प्रत्येक जिले और देश के प्रत्येक राज्य के लिए अलग-अलग अस्थि कलश लेकर शुरू की जाएगी। इस यात्रा का समापन हर जिले और राज्य में किसी पवित्र या ऐतिहासिक स्थान पर किया जाएगा।

(2) दशहरा के अवसर पर, 15 अक्टूबर को, किसान विरोधी भाजपा सरकार के प्रतिरूप नरेंद्र मोदी, अमित शाह और स्थानीय नेताओं के पुतले जला कर उनके झूठ का दहन किया जाएगा।

(3) 18 अक्टूबर को देश भर में सुबह 10 बजे से 4 बजे तक रेल रोको आंदोलन आयोजित किया जाएगा।

(4) 26 अक्टूबर को संयुक्त किसान मोर्चा लखनऊ में लखीमपुर कांड के विरोध में एक किसान महापंचायत का आयोजन करेगा।

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)

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(सभी तस्वीरें किसान एकता मोर्चा के ट्विटर हैंडल से साभार)

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