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लखनऊ : तमाम सख़्ती के बाद भी CAA का विरोध जारी, 19 को बड़ा आंदोलन

नागरिक संगठनों का कहना है कि पुलिस प्रशासन छात्रों के साथ इसलिए सख़्ती कर रहा है ताकि 19 दिसंबर को “संविधान बचाओ,देश बचाओ” आंदोलन से पहले एक डर का माहौल पैदा किया जा सके।
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उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ समेत पूरे प्रदेश में नागरिकता क़ानून (सीएए) के विरोध में प्रदर्शन करने वालों के ख़िलाफ़ कार्रवाई की जा रही है। लखनऊ में अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थाओं के बाहर भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। नागरिक संगठन मानते हैं कि पुलिस प्रशासन इसलिए सख़्ती कर रहा है कि 19 दिसंबर को “संविधान बचाओ, देश बचाओ” आंदोलन से पहले डर का माहौल पैदा किया जा सके।

उत्तर प्रदेश के सभी ज़िलों में सीएए के विरोध में हो रहे प्रदर्शनों को देखते हुए धारा 144 लगा दी गई है। आज 17 दिसंबर को लखनऊ विश्वविद्यालय के बाहर प्रदर्शन कर रहे छात्रों को भी पुलिस ने हिरासत में ले लिया। आज सुबह नागरिकता क़ानून के विरोध के साथ जामिया और अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के छात्रों के पक्ष में लखनऊ यूनिवर्सिटी के बाहर प्रदर्शन कर रहे छात्रों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया।

समाजवादी पार्टी छात्र सभा के छात्रों ने आज सुबह लखनऊ विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार पर जामिया और अलीगढ़ में छात्रों के साथ पुलिस द्वारा की गई बर्बरता का विरोध किया। पुलिस ने पहले उनको विरोध करने से रोका लेकिन जब छात्र नहीं माने तो क़रीब 50 छात्रों को हिरासत में ले लिया गया।

15 दिसंबर, रविवार शाम से लखनऊ में छात्र नागरिकता संशोधन क़ानून का विरोध और जामिया, अलीगढ़ यूनिवर्सिटी के छात्रों के समर्थन में प्रदर्शन कर रहे हैं। सोमवार 16 दिसंबर की सुबह नदवा कॉलेज के बाहर छात्रों और पुलिस के बीच झड़प हुई। इसके अलावा लखनऊ की इंटीग्रल यूनिवर्सिटी के बाहर भी पुलिस ने छात्रों पर बल प्रयोग किया था।

पुलिस छात्रों की झड़प के बाद नदवा कॉलेज 5 जनवरी 220 तक के लिए बंद कर दिया गया है। इसके साथ ही प्रशासन ने छात्रों को हॉस्टल छोड़ने के लिए भी कह दिया है, जिसके बाद अब तक तक़रीबन सारे हॉस्टल ख़ाली हो चुके हैं। छात्र अपने घरों को लौट रहे हैं। अब केवल विदेश से नदवा कॉलेज में पढ़ाई करने आए छात्र वहाँ मौजूद हैं।
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कॉलेज प्रशासन ने बताया कि उनको सूचना मिली है कि अपने घरों को जा रहे कुछ छात्रों को रास्ते में पुलिस ने हिरासत में लिया है। कॉलेज प्रशासन के सूत्र बताते हैं कि आगामी 19 दिसंबर को लखनऊ में होने वाली रैली से पहले सभी छात्रों को कॉलेज से हटा दिया गया है। सूत्रों के अनुसार ऐसा प्रशासन के दबाव में किया गया है, ताकि नदवा कॉलेज के छात्र 19 दिसंबर को होने वाले संविधान बचाओ देश बचाओ आंदोलन में हिस्सा न ले सकें।

इसके अलावा लखनऊ में ऑल इंडिया मजलिस इत्तेहादुल मुस्लिमीन द्वारा किए गए प्रदर्शन में नामज़द लोगों की गिरफ़्तारी भी शुरू हो गई है। इस मामले में चौक थाना क्षेत्र और ठाकुरगंज थाना क्षेत्र में 17 लोगों के ख़िलाफ़ नामज़द और तक़रीबन 580 अज्ञात लोगों के ख़िलाफ़ मुक़दमा लिखा गया था।

पार्टी के संगठन मंत्री मोहम्मद इक़बाल ने बताया कि प्रदेश भर में उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं के ख़िलाफ़ कार्रवाई की जा रही है। मोहम्मद इक़बाल बताते हैं कि अब उनकी पार्टी के नेता अजीजुल रहमान को लखनऊ पुलिस ने गिरफ़्तार कर लिया है। इसके अलावा इसरार अहमद को प्रतापगढ़ और मौलाना ज़ाकिर को मुरादाबाद से गिरफ़्तार किया गया है।

लखनऊ में प्रशासन नागरिक संगठनों से संपर्क करके 19 दिसंबर को होने वाले प्रदर्शन को रद्द करने के लिए दबाव बना रहा है। हालाँकि नागरिक संगठनों का कहना है कि वे लोकतांत्रिक ढंग से प्रदर्शन करना चाहते हैं, जो उनका संवैधानिक अधिकार भी है।इस लिए कि किसी भी क़ीमत पर 19 दिसंबर को होने वाला कार्यक्रम रद्द नहीं किया जाएगा।

रिहाई मंच के सचिव राजीव यादव ने बताया कि स्थानीय पुलिस उन पर दबाव बना रही है की नागरिकता क़ानून के ख़िलाफ़ होने वाले कार्यक्रम को रद्द कर दिया जाए। राजीव कहते हैं कि ये कार्यक्रम पूरे भारत में किया जा रहा है न केवल लखनऊ में इसलिए इसको स्थगित करना संभव ही नहीं है। उन्होंने कहा कि दूसरे ज़िले से कार्यक्रम में आ रहे लोगों पर प्रशासन द्वारा दबाव बनाया जा रहा है की वे लखनऊ में होने वाले कार्यक्रम में शामिल होने के लिए नहीं जाए।

राजीव यादव का आगे कहना है कि वे गांधी जी की तरह असहयोग आंदोलन करना चाहते हैं जो स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों का रास्ता था। जिसको अपनाकर वे देश के विभाजन करने वाले नगरिकता संशोधन क़ानून का विरोध करेंगे। उन्होंने कहा कि हमें अपने संवैधानिक अधिकार का प्रयोग करने के लिए शासन-प्रशासन और पुलिस की अनुमति लेने की ज़रूरत नहीं है।

समाजसेवी पी आर अंबेडकर कहते हैं कि नागरिकता संशोधन क़ानून देश को धर्म के नाम पर बाँटने वाला है। इसका विरोध करना आवश्यक है। इसलिए धारा 144 लगाई जाए या और कोई दमन किया जाए लेकिन अब आंदोलन नहीं रुकेगा।

उन्होंने बताया कि संविधान बचाओ-देश बचाओ आंदोलन के लिए समाजवादी पार्टी से भी संपर्क किया गया था। पी आर अंबेडकर के अनुसार समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव और उसके कार्यकर्ता भी 19 दिसंबर को लखनऊ में होने वाले प्रदर्शन में शामिल रहेंगे।

संविधान बचाओ, देश बचाओ आंदोलन के अलावा 19 दिसंबर को वामपंथी दल भी नागरिकता संशोधन क़ानून के ख़िलाफ़ प्रदर्शन करेंगे। अब वामपंथी दल के नेताओं और नागरिक संगठन इस कार्यक्रम के लिए आपस में समन्वय बनाने की कोशिश कर रहे हैं ताकि सभी लोग मिलकर एक जुटता के साथ नागरिकता क़ानून का विरोध करें।

कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ़ इंडिया (मार्क्सवादी) के नेता डाक्टर प्रदीप शर्मा बताते हैं कि 19 दिसम्बर के प्रदर्शन में सभी वाम दल शामिल रहेंगे। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी लोकतांत्रिक मूल्यों पर विश्वास नहीं करती है, इसलिए प्रदेश भर में छात्रों की और प्रदर्शनकारियों की गिरफ़्तारी की जा रही है। डाक्टर प्रदीप शर्मा के अनुसार योगी आदित्यनाथ सरकार अभिव्यक्ति की आज़ादी को कुचलना चाहती है।

लखनऊ में होने जा रहे प्रदर्शन में रिहाई मंच के अलावा साझी दुनिया आदि भी शामिल रहेंगे।

साझी दुनिया की सचिव डॉक्टर रूप रेखा वर्मा बताती हैं कि 19 दिसंबर को होने वाला प्रदर्शन शांतिपूर्ण ढंग से किया जाएगा। उनका कहना है कि नागरिक संगठनों की नाराज़गी आरएसएस और भारतीय जनता पार्टी की विभाजनकारी नीतियों से है, जिसका नतीजा नागरिकता संशोधन क़ानून है।

लखनऊ यूनिवर्सिटी के पूर्व कुलपति रूप रेखा वर्मा बताती हैं कि सभी लोगों से अपील की गई है कि प्रदर्शन में शांति बनाए रखें। उन्होंने कहा कि सरकार बंदूक और डंडे के बल पर किसी ग़ैर-संवैधानिक क़ानून को स्वीकार नहीं करवा सकती है।

संविधान बचाओ देश-बचाओ आंदोलन में सक्रिय अमीक़ जामेई कहते हैं कि 19 दिसम्बर का आंदोलन नागरिकता संशोधन क़ानून के खिलाफ़ जनता का प्रतिरोध होगा। 19 दिसंबर को जनता सड़क पर शांतिपूर्ण ढंग से सरकार के विरोध अपना विरोध दर्ज कराएगी। उन्होंने बताया कि इन 19 दिसंबर को शहीद अश्फाक उल्लाह ख़ान और राम प्रसाद बिस्मिल की बरसी है इसी लिए आंदोलन के लिए इस दिन को चुना गया है।

उल्लेखनीय है कि लखनऊ के सभी अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थाओं को पुलिस ने घेर लिया है। प्रसिद्ध शिया डिग्री कॉलेज जहाँ शताब्दी वर्ष समारोह मनाया जा रहा है, उसे भी प्रशासन ने क़िले में तब्दील कर दिया है। इसके अलावा इस्लामिया डिग्री कॉलेज, मुमताज़ हुसैन डिग्री कॉलेज आदि के बाहर भी भारी पुलिस बल तैनात है। वहीं लखनऊ की ऐरा मेडिकल यूनिवर्सिटी के बाहर भी छात्रों ने नागरिकता संशोधन क़ानून के विरोध में प्रदर्शन किया। छात्र इस क़ानून को ग़ैर संवैधानिक तरीक़े से बनाया गया क़ानून बता रहे थे। छात्रों ने केंद्र सरकार से माँग की कि इस विभाजनकारी क़ानून वापस लिया जाए।

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