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जेएनयू और एएमयू पर सांसद संजीव बालियान के बेतुके बयान

सांसद संजीव बालियान ने बुधवार को मेरठ के शताब्‍दी नगर में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह की मौजूदगी में रैली को संबोधित करते हुए कहा कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश के छात्रों को जेएनयू, जामिया मिल्लिया इस्लामिया और अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सटी (एएमयू) में 10% आरक्षण दे दिया जाए तो वहां लोग ‘टुकड़े-टुकड़े’ का नारा लगाना भूल जाएंगे। पश्चिमी उत्तर प्रदेश वाले उनका इलाज कर देंगे।
संजीव बालियान

नागरिकता संशोधन कानून पर केंद्रीय मंत्री और मुजफ्फरनगर के सांसद डाॅ. संजीव बालियान ने बेतुका बयान दिया है। उन्होंने कहा कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश के छात्रों को जेएनयू, जामिया मिल्लिया इस्लामिया और अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सटी (एएमयू) में 10% आरक्षण दे दिया जाए तो वहां लोग ‘टुकड़े-टुकड़े’ का नारा लगाना भूल जाएंगे। पश्चिमी उत्तर प्रदेश वाले उनका इलाज कर देंगे। बालियान बुधवार को मेरठ के शताब्‍दी नगर में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह की मौजूदगी में रैली को संबोधित कर रहे थे।

बालियान ने कहा- ‘‘8 हजार छात्र जेएनयू, 8 हजार जामिया व एएमयू में हैं, जहां विरोध हो रहा है। उनसे ज्यादा छात्र तो हमारे मेरठ कॉलेज में ही हैं, जो सीएए और एनआरसी का समर्थन कर रहे हैं। एएमयू और जामिया विश्वविद्यालय में जो विरोध कर रहे हैं, वह सब राजनीति के तहत हो रहा है।’’

राजनाथ ने कहा- सीएए हमारा वादा, हमने पूरा किया

रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने रैली में कहा- ‘‘सीएए हमारा वादा था, जिसे हमने पूरा किया। हमने कोई अपराध नहीं किया, लेकिन इसे हिंदू और मुसलमान के नजरिए से देखा जा रहा है। हमारे प्रधानमंत्री धर्म के आधार पर नहीं, इंसानियत के आधार पर सोचते हैं।’’ राजनाथ ने विपक्षी दलों पर सीएए के खिलाफ दुष्प्रचार करने का आरोप लगाया। सिंह ने कहा- जो मुसलमान भारत का नागरिक है, कोई मां का लाल उसे छू नहीं पाएगा।

इशारो- इशारों में संजीव बालियान कहना क्या चाह रहे हैं? क्या वो यह कह रहे हैं देश का स्थापित और प्रतिष्ठित जवाहर लाल नेहरू विश्वविधालय में भारत विरोधी गतिवधियां होती है ? अगर वह कह रहे हैं तो उनकी बात बेतुकी ही नहीं देशविरोधी भी है। अपने ही देश के छात्रों के लिए सार्वजनिक मंच से नफरत भरा   बयान देना, समाज में नफरत फ़ैलाने जैसा है। और सार्वजनिक मंच से नफरत फ़ैलाने की मंशा से की गयी भाषणबाजी कानून की नजरों में देशविरोधी  गतिवविधियों के अंतरगत आती है। उसके बाद अपने ही देश के एक समुदाय को अपने देश के छात्रों के प्रति उकसाना भी देशविरोधी गतिविधियों में आता है।  

(समाचार एजेंसी भाषा इनपुट के साथ )

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