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मध्य प्रदेश: बेरोज़गारों का 'भर्ती सत्याग्रह', सरकार के लिए ख़तरे की घंटी!

सीएम शिवराज सिंह चौहान ने खुद एक लाख सरकारी भर्तियों का ऐलान किया था। ऐसे में युवा सड़कों पर पूछ रहे हैं कि क्या ये वादा महज़ चुनावी नीति का हिस्सा भर थे, या फिर सरकार अपने ऐलान पर अमल ही करना भूल गई।
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"भूखे भजन न हो गोपाला, काम धंधा तो चाहिए, रोज़गार तो चाहिए। चाहिए कि नहीं चाहिए, सच बताओ। जिंदगी बिना रोज़गार के नहीं चल सकती और इसलिए इस महीने से हर महीना रोज़गार दिवस के रूप में मनाया जाएगा।"

ये लाइनें मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के इस साल 25 फरवरी को दिए भाषण की हैं। इससे पहले पिछले साल 30 अक्टूबर को मध्य प्रदेश की शिवराज सिंह चौहान सरकार ने ऐलान किया था की चुनावों से पहले 1 साल में एक लाख सरकारी भर्तियां की जाएंगी। बैकलॉग के कोई पद खाली नहीं छोड़े जाएंगे। हालांकि इन तमाम वादों और दावों के बीच इंदौर में आज युवा बीते हफ्तेभर से भर्ती सत्याग्रह कर रहे हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या इन बेरोज़गारों से नौकरी को लेकर किया सरकारी वादा महज़ चुनावी नीति का हिस्सा भर थे, या फिर सरकार अपने ऐलान पर अमल ही करना भूल गई।

बता दें कि मध्य प्रदेश के हजारों युवा एक बार फिर से सड़कों पर हैं और इस बार वे नए-नए तरीके जैसे नुक्कड़ नाटक, वीर रस से भरी कविताएं, संगीत के माध्यम से बेरोजगारी की समस्या बयां कर रहे हैं, इसके साथ ही ताली-थाली बजाने का कार्यक्रम भी रखा गया है, ताकि सरकार उनकी बात को सुने। इस बार युवा लंबी लड़ाई लड़ने का मन बना चुके हैं और बीते 21 सितंबर से ही राज्य के विभिन्न हिस्सों में सत्याग्रह आंदोलन कर रहे हैं।

क्या है इन युवा अभ्यर्थियों की मांग?

भोलाराम उस्ताद चौराहे के पास दीनदयाल पार्क के सर्विस रोड पर टेंट लगाकर बैठे बेरोजगार युवा रोज अलग-अलग गतिविधियां कर सरकार का ध्यान अपनी और आकर्षित करने में लगे हैं। हाथों में तख्तियां लिए प्रदर्शन कर रहे ये तमाम परीक्षाओं के अभ्यार्थियों की प्रमुख मांग है कि पिछले कई सालों से रुकी हुई सभी भर्ती प्रक्रियाओं को तत्काल पूरा किया जाए। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग यानी (MPPSC) की 2019, 2020 और 2021 की भर्तियां जल्द से जल्द पूरी की जाएं। इसके अलावा उन्होंने व्यापम के एक लाख पदों (जिसमें एसआई, पटवारी, कॉन्स्टेबल, एग्रीकल्चर इत्यादि शामिल हैं) को तत्काल भरने की मांग भी की है।

इस प्रदर्शन की अगुवाई कर रहे राष्ट्रीय शिक्षित युवा संघ स जुड़े नौजवानों ने न्यूज़क्लिक से बातचीत में कहा कि सरकार के रोज़गार दिवस के ऐलान के बावजूद अब तक किसी के हाथ कोई रोज़गार नहीं आया है। इसलिए सभी बेरोज़गार युवा यहां बेरोजगारी की समस्या का समग्र समाधान निकालने के लिए मध्य प्रदेश रोजगार कानून बनाने की मांग कर रहे हैं। उनकी ये भी कहना है कि वे इस मामले को लेकर सिर्फ मुख्यमंत्री से ही बात करेंगे और लिखित आदेश भी सीएम का ही मानेंगे।

प्रदर्शनकारियों का कहना है कि अभी इंदौर में अनिश्चितकालीन भर्ती सत्याग्रह चल रहा है, यदि सरकार उनकी मांगों को नहीं मानती है तो वे भोपाल तक पदयात्रा करेंगे और भोपाल में भी अनिश्चितकालीन आंदोलन करेंगे।

भर्ती सत्याग्रह में शामिल एक युवा ने कहा कि इंदौर में फिलहाल MPPSC, व्यापम, शिक्षक-पुलिस भर्ती वाले सब एक साथ धरने पर हैं। सबकी एक ही मांग है सालों से अटकी भर्तियों को पूरा किया जाए और नई भर्तियां निकाली जाएं। सरकार संविदा भर्ती पर रोक लगाए और रोजगार पोर्टल बनाए, जिससे सभी जानकारियां सभी को आसानी से उपलब्ध हो सके। इसके अलावा भर्ती कैलेंडर भी जारी हो, जिससे नियमित भर्तियों पर चेक रखा जा सके।

एक अन्य युवा ने बताया कि इस सत्याग्रह को खत्म कराने के लिए प्रशासन की तिकड़मबाजी भी जारी है। विद्युत सप्लाई बाधित करने के बाद सत्याग्रहियों को पुलिस ने नोटिस भेजकर धमकानो की कोशिश की है। भंवरकुआं पुलिस थाने की ओर से सत्याग्रहियों को भेजे गए नोटिस में पुलिस ने काल्पनिक स्थिति का वर्णन करते हुए कहा है कि आप 20 हजार रुपए का बॉन्ड भरें। पुलिस ने इस बात की संभावना जताई है कि सत्याग्रह कर रहे युवा किसी अज्ञात पक्ष के साथ झड़प कर सकते हैं जिससे शांति भंग हो सकती है।

युवाओं के मुताबिक ये सब ऊपर के निर्देश पर हो रहा है। सरकार नहीं चाहती कि कोई प्रदर्शन करे। प्रशासन हमारी आवाज को दबाने के लिए जो षड्यंत्र चाहे कर ले, लेकिन हमें रोक नहीं सकती। हमें धरने से हटाने का एक ही विकल्प है... "भर्तियां शुरू करो"। नोटिस आना के बाद युवाओं ने "मूंगफली में दाना नहीं, शिवराज हमारा मामा नहीं" के नारे भी लगाए।

विपक्ष का सरकार पर निशाना

इस मामले में मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष कमलनाथ ने कहा कि वे प्रदर्शनकारी छात्रों के साथ खड़े हैं और सरकार से मांग करते हैं की बेरोजगारी की समस्याओं पर सुनवाई हो। उन्होंने अपने एक ट्वीट में कहा, "मध्यप्रदेश के इंदौर में MPPSC के हजारों अभ्यर्थियों द्वारा अनिश्चितकालीन "भर्ती सत्याग्रह आंदोलन" किया जा रहा है। मुझे इन बच्चों की चिंता है, इनके भविष्य की चिंता है, इनके माता-पिता के सपनों की चिंता है। मैं इन बच्चों के साथ खड़ा हूं और सरकार से मांग करता हूं कि जल्द से जल्द इनकी सभी मांगों को सुना जाए और उनका त्वरित निराकरण किया जाए।"

गौरतलब है कि हाल ही में शिवराज सरकार के भीतर चल रही धांधली की कुछ रिपोर्ट्स सामने आईं थी। कुपोषण को खत्म करने के लिए बांटे जाने वाले भोजन में बड़ा घोटाला की खबर थी, इससे पहले व्यापम पहले ही शिवराज सरकार की किरकिरी करवा चुका है। ऐसे में अब युवाओं का सड़क पर उतरना आने वाले चुनावों मेंं विपक्ष को एक और मुद्दा दे सकता है।

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