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मोदी ‘सुरक्षा चूक’ मामला : वायरल वीडियो से बीजेपी ही कठघरे में

फ़िरोज़पुर रैली की खाली कुर्सियों की तस्वीरों के बाद अब वायरल हुए वीडियो ने बीजेपी को ही कठघरे में खड़ा कर दिया है। उधर, सुप्रीम कोर्ट सुरक्षा चूक मामले में सोमवार को आगे की सुनवाई करेगा।
मोदी ‘सुरक्षा चूक’ मामला : वायरल वीडियो से बीजेपी ही कठघरे में

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फ़िरोज़पुर दौरे के दौरान कथित चूक के मामले में सुप्रीम कोर्ट सोमवार को आगे की सुनवाई करेगा, लेकिन इस बीच एक वीडियो भी सामने आया है जिसमें दिख रहा है कि फ़िरोज़पुर के रास्ते में जहां मोदी का काफिला रुका था वहां उसके करीब पहुंचने वाले लोग भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का झंडा लिए हुए थे और मोदी ज़िंदाबाद के नारे लगा रहे थे।

यह वीडियो वायरल हो गया है और इसे किसान एकता मोर्चा ने भी शेयर किया है। हालांकि न्यूज़क्लिक इस वीडियो की स्वतंत्र तौर पर पुष्टि नहीं कर सकता। लेकिन बताया जा रहा है कि काफिले के नज़दीक पहुंचने वाले लोग भाजपा के ही कार्यकर्ता थे। जबकि रास्ते पर धरना देने वाले लोग वहां से करीब एक किलोमीटर दूर बैठे थे। 

इस तरह का वीडियो पहले दिन भी बाहर आया था, लेकिन वह काफी दूर से लिया गया था और धुंधला था। अब जो वीडियो आया है वो बिल्कुल साफ और करीब से लिया गया है। इसमें साफ देखा जा सकता है कि किस तरह भाजपा का झंडा लिए लोग जय-जयकार करते हुए प्रधानमंत्री मोदी के काफिले के नज़दीक हैं।

 

कहा जा रहा है कि लखीमपुर खीरी की तरह ही सोशल मीडिया के जरिये रास्ता रोकने का सच सामने आ रहा है। रैली की सच पहले ही तस्वीरों के माध्यम से सामने आ चुका है जिसमें ज़्यादातर कुर्सियां खाली पड़ी हैं। इस सबके बाद विपक्ष और किसान संगठन भाजपा पर और हमलावर हो गए हैं।

 

किसानों ने सवाल किया है कि अगर ये लोग प्रदर्शनकारी थे तो ये मोदी जिंदाबाद के नारे क्यों लगा रहे थेइनके हाथों में BJP का झंडा क्यों थाअगर पंजाब पुलिस ने इन्हें नही रोकातो फिर केंद्र सरकार के अधीन आने वाली SPG सुरक्षा ने इन्हें गाड़ी के करीब क्यों आने दिया?

उधर सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल को पंजाब सरकारराज्य की पुलिस तथा केन्द्रीय एजेंसियों से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हालिया पंजाब दौरे से जुड़े सुरक्षा इंतजामों से संबंधित रिकॉर्ड ‘‘तत्काल’’ हासिल करने का शुक्रवार को निर्देश दिया।

समाचार एजेंसी भाषा की ख़बर के अनुसार प्रधान न्यायाधीश एनवी रमणन्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ ने पंजाब और केन्द्र सरकार की ओर से पेश अधिवक्ताओं से कहा कि प्रधानमंत्री के दौरे पर हुई चूक की जांच के लिए गठित समितियों से कहें कि वे ‘‘सोमवार तक कोई कार्रवाई ना करे’’। इस मामले में सोमवार को आगे सुनवाई की जाएगी।

पीठ ने कहा, ‘‘ दोनों पक्षों के वकीलों की बात सुन ली है। दलील पर गौर करने के बादयह ध्यान में रखते हुए कि यह प्रधानमंत्री की सुरक्षा और अन्य मुद्दों से संबंधित है...सबसे पहलेहमें पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल को संबंधित रिकॉर्ड तत्काल हासिल करने का निर्देश देना उचित प्रतीत होता है। ’’

पीठ ने पंजाब सरकारराज्य की पुलिसअन्य केन्द्रीय एजेंसियों तथा राज्य एजेंसियों को सहयोग करने और सम्पूर्ण प्रासंगिक रिकॉर्ड तुरंत रजिस्ट्रार जनरल को उपलब्ध कराने का भी निर्देश दिया।

पीठ इस मामले में अब 10 जनवरी को आगे सुनवाई करेगी।

शीर्ष अदालत लॉयर्स वॉइस’ की उस याचिका पर सुनवाई कर रही थीजिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में चूक की गहन जांच और भविष्य में इसकी पुनरावृत्ति ना होयह सुनिश्चित करने का अनुरोध किया गया है।

गौरतलब है कि पंजाब में बुधवार को प्रदर्शनकारियों द्वारा नाकेबंदी करने के कारण प्रधानमंत्री का काफिला फिरोजपुर में फ्लाईओवर पर कुछ देर तक फंसा रहा था। इसके बाद वह एक रैली सहित किसी भी कार्यक्रम में शामिल हुए बिना पंजाब से दिल्ली लौट गए थे।

प्रधान न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ बृहस्पतिवार को इस प्रकरण को लेकर दायर याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई करने के लिए तैयार हो गई थी।

याचिका में सुरक्षा बंदोबस्त से जुड़े सूबतों को संरक्षित करनेअदालत की निगरानी में जांच और कथित चूक के लिए जिम्मेदार पंजाब सरकार के अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है।

लॉयर्स वॉइस’ के उपाध्यक्ष बिजन कुमार सिंह द्वारा दायर याचिका में बुधवार की घटना को ‘‘ प्रधानमंत्री की सुरक्षा को भंग करने और राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डालने की पूर्व नियोजित साजिश’’ करार दिया गया है।

अधिवक्ता संदीप सिंह के माध्यम से दायर याचिका में सिंह ने कहा है, ‘‘ देश के प्रधानमंत्री की सुरक्षा और आवाजाही के संबंध में प्रतिवादी संख्या 1, 2 और 3 (राज्य सरकारमुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक) की ओर से गंभीर एवं जानबूझकर की गई चूक का संज्ञान लें।’’

याचिका में बठिंडा के जिला न्यायाधीश को यह निर्देश देने का भी अनुरोध किया गया कि वह दौरे के संबंध में पंजाब पुलिस की गतिविधियों और तैनाती से संबंधित सभी आधिकारिक दस्तावेज तथा सामग्री जल्द से जल्द एकत्र करें और इस अदालत के समक्ष पेश करें।

याचिका में केन्द्रीय गृह मंत्रालय को राज्य के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक के खिलाफ विभागीय कार्रवाई शुरू करने का निर्देश देने का भी अनुरोध किया गया है।

याचिका में कहा गया, ‘‘ प्रतिवादी संख्या और प्रतिवादी संख्या 3 (मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक) की जिम्मेदारी तय करने के लिए एक रिट या निर्देश जारी करें और उन्हें निलंबित कर दें। राष्ट्रीय सुरक्षा तथा राष्ट्रीय महत्व के मुद्दों को उठाते हुएदेशभर में आवाजाही के मौलिक अधिकार और देश में नागरिकों की स्वतंत्रता की सुरक्षा के लिए... याचिकाकर्ता तत्काल हस्तक्षेप का अनुरोध करता है।’’

 

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