Skip to main content
xआप एक स्वतंत्र और सवाल पूछने वाले मीडिया के हक़दार हैं। हमें आप जैसे पाठक चाहिए। स्वतंत्र और बेबाक मीडिया का समर्थन करें।

घर, अस्पताल, जेल तक मौत का साया और क्रूरता में विदेशियों को मात देती देशी सत्ता

महामारी के दौर में भी सत्ता के संचालक अपने सोच और रवैये को नहीं बदल रहे हैं. झूठ, क्रूरता, कोताही और सिर्फ असहमति के चलते निर्दोष लोगों को सताने के उनके रवैये में तनिक भी कमी नहीं है.

महामारी के दौर में भी सत्ता के संचालक अपने सोच और रवैये को नहीं बदल रहे हैं. झूठ, क्रूरता, कोताही और सिर्फ असहमति के चलते निर्दोष लोगों को सताने के उनके रवैये में तनिक भी कमी नहीं है. इतनी भयावह महामारी में भी सरकारी स्तर पर लोगों के प्रति करुणा, सदाशयता और प्रेम नहीं दिखता, चाहे वो जेल में रखे गये 84 साल के स्टैन स्वामी हों या यूपी में पंचायत चुनाव की ड्यूटी करके कोरोना का शिकार हुए शिक्षकों के संतप्त परिजन हों! न टीका की कोई ठोस योजना दिखती है और न कोरोना की चपेट में आये गांवों को बचाने की प्रतिबद्धता! कई राज्यों में संक्रमित लोगों या मृतकों के आंकड़े छुपाने या दबाने को ही कोरोना मोर्चे पर कामयाबी का रास्ता समझ लिया गया है. टेस्टिंग ही ठप्प कर दी गई है. क्या ऐसे झूठ और नफ़रत के बल पर कोरोना को हराया जा सकेगा? HafteKiBaat के नये एपिसोड में वरिष्ठ पत्रकार Urmilesh का विश्लेषण:

अपने टेलीग्राम ऐप पर जनवादी नज़रिये से ताज़ा ख़बरें, समसामयिक मामलों की चर्चा और विश्लेषण, प्रतिरोध, आंदोलन और अन्य विश्लेषणात्मक वीडियो प्राप्त करें। न्यूज़क्लिक के टेलीग्राम चैनल की सदस्यता लें और हमारी वेबसाइट पर प्रकाशित हर न्यूज़ स्टोरी का रीयल-टाइम अपडेट प्राप्त करें।

टेलीग्राम पर न्यूज़क्लिक को सब्सक्राइब करें

Latest