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1.70 लाख करोड़ के राहत पैकेज का ऐलान: ‘देर आयद, दुरुस्त आयद’, लेकिन कितना दुरुस्त?

कोरोना संकट : कुल 1.7 लाख करोड़ रुपये के राहत पैकेज का क्रियान्वयन तत्काल प्रभाव से होगा, नकदी एक अप्रैल से डालनी शुरू होगी।
Nirmala Sitharaman

दिल्ली: कहा जाता है कि ‘देर आयद, दुरुस्त आयद’, लेकिन कितना दुरुस्त ये अभी अगले दो-तीन दिनों में पता लगेगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कारोना वायरस महामारी और उसके आर्थिक प्रभाव से निपटने को लेकर बृहस्पतिवार को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत 1.70 लाख करोड़ रुपये के राहत पैकेज की घोषणा की। यह राशि जरूरतमंदों की सहायता के लिये दी जा रही है। 

यह घोषणा अपने आप में सराहनीय है, लेकिन सबकुछ बंद हो जाने के बीच यह मदद वास्तविक ज़रूरतमंद तक किस तरह पहुंच पाती है, ये देखने वाली बात होगी। और इसे सतर्कता से जांचना होगा।

वित्त मंत्री ने राहत पैकेज में सभी श्रेणी के लोगों की सहायता को ध्यान में रखकर यह कदम उठाया है।

उन्होंने कोरोना वायरस महामारी से निपटने के लिये जुटे डाक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों के लिये 50 लाख रुपये के बीमा कवर की घोषणा भी की है।   

वहीं मनरेगा के तहत दैनिक मजदूरी 182 रुपये से बढ़ाकर 202 रुपये की गई है। इससे पांच करोड़ परिवारों को लाभ होगा।

उन्होंने यह भी कहा कि सरकार प्रधानमंत्री किसान योजना के तहत 8.69 करोड़ किसानों को अप्रैल के पहले सप्ताह में दो-दो हजार रुपये का अग्रिम भुगतान करेगी।

वित्त मंत्री ने कहा कि राशन की दुकानों से 80 करोड़ परिवारों को 5 किलो गेहूं या चावल के साथ एक किलो दाल तीन महीने के लिये मुफ्त दी जायेगी। 

सीतारमण ने तीन करोड़ गरीब वृद्धों, गरीब विधवाओं तथा गरीब दिव्यांगों को एक-एक हजार रुपये की अनुग्रह राशि देने की भी घोषणा की।

वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार ने कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिये 21 दिन के देशव्यापी लॉकडाउन से निपटने के लिये आर्थिक प्रोत्साहन पैकेज को अंतिम रूप दिया गया है।
कुल 1.7 लाख करोड़ रुपये के राहत पैकेज का क्रियान्वयन तत्काल प्रभाव से होगा। हालांकि नकदी मदद एक अप्रैल से मिलेगी।

सरकार अगले तीन महीने तक उन प्रतिष्ठानों के लिये नियोक्ता और कर्मचारी दोनों का भविष्य निधि योगदान जमा करेगी, जिनमें 90 प्रतिशत कर्मचारी 15 हजार रुपये के वेतन वाले हैं। 
 
आर्थिक राहत पैकेज की मुख्य बातें

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश पैकेज के मुख्य बिंदू इस प्रकार हैं:    

:कोरोना वायरस के संक्रमण में लोगों के इलाज में लगे डॉक्टरों, पारामेडिकल कर्मियों, चिकित्सा सेवा कर्मियों को 50 लाख रुपये प्रति परिवार का बीमा कवर दिया जायेगा। 

:राशन की दुकानों से 80 करोड़ परिवारों को अतिरिक्त 5 किलो गेहूं या चावल के साथ एक किलो दाल तीन महीने तक मुफ्त उपलब्ध कराई जायेगी।  

:जरूरतमंदों की मदद के लिये प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत 1.70 लाख करोड़ रुपये की घोषणा।

:प्रधानमंत्री किसान योजना के तहत 8.69 करोड़ किसानों को अप्रैल के पहले सप्ताह में दो-दो हजार रुपये की अग्रिम किस्त का भुगतान।

:मनरेगा के तहत दैनिक मजदूरी 182 रुपये से बढ़ाकर 202 रुपये, पांच करोड़ परिवारों को होगा लाभ।

:तीन करोड़ गरीब वृद्धों, गरीब विधवाओं तथा गरीब दिव्यांगों को एक-एक हजार रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा।

:20 करोड़ जनधन खाताधारक महिलाओं को अगले तीन महीने तक प्रति माह मिलेंगे 500 रुपये।

:उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों को अगले तीन महीने तक मुफ्त मिलेगा रसोई गैस सिलिंडर, 8.3 करोड़ गरीब परिवारों को होगा लाभ।

:63 लाख महिला स्वयंसेवी समूहों के लिए रहन- मुक्त कर्ज दोगुना कर 20 लाख रुपये किया गया, सात करोड़ परिवारों को होगा लाभ।

:कई कंपनियों के लिये अगले तीन महीने तक नियोक्ता और कर्मचारी दोनों का भविष्य निधि योगदान जमा करेगी सरकार।

:कर्मचारियों को भविष्य निधि खाते से 75 प्रतिशत जमा राशि अथवा तीन महीने के वेतन में जो भी कम हो उसे निकालने की अनुमति।

:कुल 1.7 लाख करोड़ रुपये के राहत पैकेज का क्रियान्वयन तत्काल प्रभाव से होगा, नकदी एक अप्रैल से डालनी शुरू होगी।
 
(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)

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