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विपक्ष के बहिष्कार के बीच नीतीश कुमार ने ली मुख्यमंत्री पद की शपथ

भाजपा कोटे से सात विधायकों और जनता दल (यू) कोटे से पांच विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली। इसके अलावा ‘हम’ पार्टी से संतोष कुमार सुमन और वीआईपी पार्टी के मुकेश सहनी ने भी पद एवं गोपनीयता की शपथ ली।
बिहार
Image courtesy: The Indian Express

पटना: चुनाव में धांधली का आरोप झलते हुए और विपक्ष के बहिष्कार के बीच नीतीश कुमार ने आज, सोमवार को एक बार फिर बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। दो दशक में यह सातवीं बार है जब उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ ग्रहण की।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा जैसे राजग के शीर्ष नेताओं की मौजूदगी में राजभवन में आयोजित समारोह में राज्यपाल फागू चौहान ने कुमार को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलायी ।

69 वर्षीय नीतीश कुमार के साथ भाजपा विधानमंडल दल के नेता एवं कटिहार से विधायक तारकिशोर प्रसाद, उपनेता एवं बेतिया से विधायक रेणु देवी ने भी शपथ ग्रहण की। समझा जाता है कि तारकिशोर प्रसाद और रेणु देवी को उपमुख्यमंत्री बनाया जा सकता है।

नीतीश कुमार राज्य के मुख्यमंत्री पद पर सर्वाधिक लंबे समय तक रहने वाले श्रीकृष्ण सिंह के रिकार्ड को पीछे छोड़ने की ओर बढ़ रहे हैं जिन्होंने आजादी से पहले से लेकर 1961 में अपने निधन तक इस पद पर अपनी सेवाएं दी थीं।

कुमार ने सबसे पहले 2000 में प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी लेकिन बहुमत नहीं जुटा पाने के कारण उनकी सरकार सप्ताह भर चली और उन्हें केंद्र में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में मंत्री के रूप में वापसी करनी पड़ी थी।

पांच साल बाद वह जद (यू), भाजपा गठबंधन की शानदार जीत के साथ सत्ता में लौटे और 2010 में गठबंधन के भारी जीत दर्ज करने के बाद मुख्यमंत्री का सेहरा एक बार फिर से नीतीश कुमार के सिर पर बांधा गया।

मई 2014 में लोकसभा चुनाव में जद यू की पराजय की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए उन्होंने मुख्यमंत्री पद से त्यागपत्र दे दिया लेकिन जीतन राम मांझी के बगावती तेवरों के कारण उन्हें फरवरी 2015 में फिर से कमान संभालनी पड़ी।

शपथग्रहण समारोह में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा, देवेन्द्र फडणवीस, सुशील कुमार मोदी सहित भाजपा के शीर्ष नेता मौजूद थे।

भाजपा कोटे से सात विधायकों और जनता दल (यू) कोटे से पांच विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली। इसके अलावा ‘हम’ पार्टी से संतोष कुमार सुमन और वीआईपी पार्टी के मुकेश सहनी ने भी पद एवं गोपनीयता की शपथ ली।

इस बार भाजपा से कई बड़े चेहरों को मंत्रिमंडल में स्थान नहीं मिला जिसमें सुशील कुमार मोदी, नंद किशोर यादव और प्रेम कुमार शामिल हैं ।

नीतीश कुमार मंत्रिमंडल में शपथ लेने वालों में जद(यू) कोटे से विजय कुमार चौधरी का नाम प्रमुख है। इसके अलावा सुपौल से जद(यू) विधायक बिजेन्द्र प्रसाद यादव, जद(यू) के कार्यकारी अध्यक्ष एवं विधान पार्षद अशोक चौधरी, तारापुर से विधायक मेवालाल चौधरी तथा पुलपरास से विधायक शीला कुमारी शामिल हैं ।

भाजपा के कोटे से नीतीश सरकार में वरिष्ठ नेता एवं विधान पार्षद मंगल पांडे ने शपथ ग्रहण की। पांडे पिछली सरकार में स्वास्थ्य मंत्री थे।

इसके अलावा आरा से भाजपा विधायक अमरेंद्र प्रताप सिंह तथा राजनगर से विधायक रामप्रीत पासवान ने भी शपथ ग्रहण की। रामप्रीत पासवान ने मैथिली में शपथ ली।

नीतीश सरकार में दरभंगा के जाले सीट से विधायक जीवेश कुमार ने भी मैथिली में शपथ ली।

औराई से भाजपा विधायक रामसूरत राय ने भी मंत्री पद की शपथ ली।

हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा से जीतन राम मांझी के पुत्र संतोष कुमार सुमन ने शपथ ग्रहण की । वहीं विकासशील इंसान पार्टी के प्रमुख मुकेश सहनी ने भी पद एवं गोपनीयता की शपथ ली। सहनी ने इस बार सिमरी बख्तियारपुर से चुनाव लड़ा था लेकिन वे चुनाव हार गए थे। वीआईपी पार्टी को चुनाव में चार सीटें मिलीं।

बिहार में हाल ही में सम्पन्न विधानसभा चुनाव में राजग को 125 सीटें मिलीं जिसमें नीतीश कुमार की जद(यू) को 43 जबकि भाजपा को जद(यू) से 31 सीट अधिक (74 सीट) हासिल हुईं।

उम्मीद है कि नीतीश बिहार की जनाकांक्षा को सरकार की प्राथमिकता बनाएंगे : तेजस्वी

राजद नेता तेजस्वी यादव ने सोमवार को नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने पर बधाई दी और तंज की शैली में कहा कि उन्हें उम्मीद है कि नीतीश कुर्सी की महत्वाकांक्षा की बजाय बिहार की जनाकांक्षा और सकारात्मक मुद्दों को सरकार की प्राथमिकता बनाएंगे।

तेजस्वी ने ट्वीट किया, ‘‘ आदरणीय नीतीश कुमार जी को मुख्यमंत्री ‘मनोनीत’ होने पर शुभकामनाएँ।’’

राजद नेता ने कहा, ‘‘ आशा करता हूँ कि कुर्सी की महत्वाकांक्षा की बजाय वो बिहार की जनाकांक्षा एवं राजग के 19 लाख नौकरी-रोजगार और पढ़ाई, दवाई, कमाई, सिंचाई, सुनवाई जैसे सकारात्मक मुद्दों को सरकार की प्राथमिकता बनाएंगे।’’

इससे पहले, बिहार में विपक्षी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने सोमवार शाम नीतीश कुमार के नेतृत्व में नई सरकार के शपथग्रहण समारोह का बहिष्कार किया।

राजद ने संबंधित ट्वीट में कहा, ‘‘ राजद शपथग्रहण का ‘बायकॉट’ करता है। बदलाव का जनादेश राजग के विरुद्ध है। जनादेश को 'शासनादेश' से बदल दिया गया।’’

माले ने भी किया शपथ ग्रहण कार्यक्रम का बहिष्कार

राजद की तरह ही महागठबंधन की सहयोगी भाकपा-माले ने भी नीतीश कुमार के शपथ ग्रहण कार्यक्रम का बहिष्काकर किया।

भाकपा माले के पोलित ब्यूरो की एकदिवसीय बैठक सोमवार को पार्टी राज्य कार्यालय में हुई। बैठक में पार्टी महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य समेत तमाम वरिष्ठ नेताओं ने भाग लिया।

बैठक के हवाले से पार्टी नेता व पूर्व विधायक राजाराम सिंह ने कहा कि पार्टी की पोलित ब्यूरो ने जनसवालों को चुनाव का एजेंडा सेट करने के लिए बिहार की जनता को तहेदिल से बधाई दिया। पोलित ब्यूरो ने नोट किया कि बिहार चुनाव का देशव्यापी महत्व है। इस चुनाव ने दिखलाया कि कैसे तमाम साजिशों के खिलाफ जनता के एजेंडे को चुनाव का एजेंडा बनाया जा सकता है। बंगाल, असम, तमिलनाडु व अन्य सभी चुनावों के लिए बिहार का चुनाव प्रेरक का काम करेगा. हमारी कोशिश होगी कि इन चुनावों में भी जनता के अपने जीवन के सवाल उभरकर सामने आएं और वे चुनाव का एजेंडा बने।

माले नेता धीरेन्द्र झा ने कहा कि बिहार का जनादेश भाजपा-जदयू के खिलाफ बदलाव का जनादेश है, लेकिन वोटों की हेरा-फेरी करके आज एक मैनेज्ड सरकार शपथ ले रही है। इसलिए इस सरकार के शपथ ग्रहण का हम बहिष्कार करते हैं.

माले नेताओं ने कहा कि महागठबंधन के दलों ने जिन 25 सूत्री सवालों पर अपना संकल्प पत्र पेश किया था, उसे लागू करवाने की लड़ाई हम आने वाले दिनों में मजबूती से लड़ेंगे और उसपर कार्रवाई करने के लिए बिहार सरकार को मजबूर कर देंगे।

उम्मीद है, आप राजग के मुख्यमंत्री बने रहेंगे : चिराग का नीतीश पर तंज़

लोक जनशक्ति पार्टी के नेता चिराग पासवान ने नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री बनने पर सोमवार को बधाई देते हुए तंज किया कि आशा करता हूँ, सरकार अपना कार्यकाल पूरा करेगी और आप राजग के मुख्यमंत्री बने रहेंगे।

चिराग ने अपने ट्वीट में कहा, ‘‘ आदरणीय नीतीश कुमार जी को फिर से मुख्यमंत्री बनने की बधाई। आशा करता हूँ सरकार अपना कार्यकाल पूरा करेगी और आप एनडीए के ही मुख्यमंत्री बने रहेंगे।’’

उन्होंने कहा कि चार लाख बिहारियों द्वारा बनाया गया #बिहार फर्स्ट बिहारी फर्स्ट विजन डॉक्यूमेंट आप को भेज रहा हूँ ताकी उसमें से भी जो कार्य आप पूरा कर सकें, उसे पूरा कर दें।

लोजपा नेता ने कहा, ‘‘ एक बार पुनः आपको मुख्यमंत्री बनने की और भारतीय जनता पार्टी को आप को मुख्यमंत्री बनाने के लिए बधाई।’’

गौरतलब है कि बिहार चुनाव से पहले चिराग पासवान की पार्टी लोजपा, राजग से अलग हो गई थी और अकेले चुनाव लड़ा था। लोजपा ने जद (यू) और नीतीश कुमार का विरोध किया था हालांकि भाजपा के प्रति उसका रूख नरम रहा था ।

भाजपा मनोनीत मुख्यमंत्री हैं नीतीश, थके हुए नेता हैं :प्रशांत किशोर

नयी दिल्ली: चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने सोमवार को बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में नीतीश कुमार के सातवीं बार शपथ ग्रहण करने के बाद उन पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें भाजपा ने इस पद पर ‘मनोनीत’ किया है और राज्य को कुछ और सालों तक ‘एक थके हुए और राजनीतिक रूप से महत्वहीन हो गए नेता’ के प्रभावहीन शासन के लिए तैयार रहना चाहिए।

कभी नीतीश के करीबी सहयोगी रहे किशोर को जद(यू) उपाध्यक्ष बनाया गया था लेकिन उनके स्वतंत्र और अक्सर विरोधाभासी विचारों की वजह से दोनों के रिश्तों में खटास आ गयी और उन्हें पार्टी से निकाल दिया गया।

किशोर ने ट्वीट किया, ‘‘भाजपा मनोनीत मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लेने के लिए नीतीश कुमार को बधाई। मुख्यमंत्री के रूप में एक थके और राजनीतिक रूप से महत्वहीन हुए नेता के साथ बिहार को कुछ और सालों के लिए प्रभावहीन शासन के लिए तैयार रहना चाहिए।’’

ट्विटर पर बहुत सक्रिय रहने वाले किशोर ने पिछले करीब चार महीने में यह पहला ट्वीट किया है।

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