आपातकाल विरोधी आंदोलन की तरह सीएए का विरोध जारी रहेगा: सीपीएम
नई दिल्ली: सीपीएम ने कहा है कि संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) को संसद की मंजूरी मिलने के बावजूद इस कानून का विरोध आपातकाल के खिलाफ आंदोलन की तर्ज पर जारी रहेगा।
सीपीएम के महासचिव सीताराम येचुरी ने मंगलवार को कहा कि यह दलील व्यर्थ है कि सीएए पर सवाल नहीं उठाया जा सकता क्योंकि इसे संसद के दोनों सदनों की मंजूरी मिल गयी है। उन्होंने कहा कि आपातकाल को भी संसद से मंजूरी मिलने के बाद ही लागू किया गया था।
येचुरी ने ट्वीट कर कहा, ‘हमने इसका (आपातकाल) विरोध किया और लोकतंत्र को बहाल कराया। इस संघर्ष में वे लोग भी शामिल थे जो आज सत्ता में हैं। क्या वे उस समय गलत थे? सरकार को लोगों की आवाज सुनना पड़ेगा और सीएए, एनआरसी तथा एनपीआर को वापस लेना होगा।’
We opposed CAA in Parliament. We moved for saying yes to persecuted persons, from all neighbouring countries, of any religion.
What we opposed in Parliament will also be opposed on the streets. That’s democracy.— Sitaram Yechury (@SitaramYechury) January 27, 2020
Government must listen to the people and take back CAA, NRC & NPR. (2/2) https://t.co/iyd2Ne2vMr
— Sitaram Yechury (@SitaramYechury) January 27, 2020
उन्होंने कहा, ‘हमने संसद में भी सीएए का विरोध किया था। हमने सभी पड़ोसी देशों में प्रताड़ना के शिकार हर धर्म के लोगों को सीएए में शामिल करने की बात कही थी। जिस बात का संसद में हमने विरोध किया था उसी बात का विरोध आज हम सड़कों पर भी कर रहे हैं। यही लोकतंत्र है।’
येचुरी ने कहा, ‘भाजपा और आरएसएस ‘बांटो और राज करो’ के मकसद से भारतीयों को वेशभूषा, भोजन, आस्था और अन्य आधारों पर बांटना चाहते हैं। लेकिन आज देश की ढहती अर्थव्यवस्था को दुरुस्त कर भारत को एकजुट करने की ज्यादा जरूरत है।’
येचुरी ने चुनावी बॉण्ड के बारे में कहा कि उनकी पार्टी पहले दिन से ही चुनावी बॉण्ड का विरोध कर रही है और उच्चतम न्यायालय में भी इसे चुनौती दी है। उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘इस सरकार में उच्च स्तरीय भ्रष्टाचार की जड़ में समूची योजना (चुनावी बॉण्ड) है। इसका विस्तृत ब्योरा सार्वजनिक किये जाने तक इस योजना को रद्द किया जाना चाहिये।’
(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)
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