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विपक्षी दलों ने बजट सत्र में सरकार को घेरने की रणनीति को लेकर बैठक की

इस सत्र में विपक्षी दल चीन, महंगाई, बेरोजगारी, अर्थव्यवस्था से जुड़े मुद्दों, केंद्र-राज्य संबंध आदि पर सरकार को घेर सकते हैं।
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कांग्रेस और कई अन्य विपक्षी दलों ने संसद के मौजूदा बजट सत्र में उठाये जाने वाले मुद्दों और सरकार को घेरने की रणनीति पर बृहस्पतिवार को चर्चा की। 

राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के संसद भवन स्थित कक्ष में हुई बैठक में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश, तृणमूल कांग्रेस के सुदीप बंदोपाध्याय और डेरेक ओब्रायन, द्रमुक की कनिमोई, समाजवादी पार्टी के रामगोपाल यादव, शिवसेना (उद्धव ठाकरे) के संजय राउत और कुछ अन्य दलों के नेता मौजूद थे। 

सूत्रों का कहना है कि इस सत्र में विपक्षी दल चीन, महंगाई, बेरोजगारी, अर्थव्यवस्था से जुड़े मुद्दों, केंद्र-राज्य संबंध आदि पर सरकार को घेर सकते हैं। इस बीच लोकसभा में कांग्रेस सदस्य मणिकम टैगोर ने अडाणी मामले और मनीष तिवारी ने चीन के मामले पर चर्चा की मांग करते हुए कार्यस्थगन के नोटिस दिए हैं। 

संसद का बजट सत्र मंगलवार से आरंभ हो गया है। इसका पहला चरण 14 फरवरी तक होगा। करीब एक महीने के अवकाश के बाद बजट सत्र का दूसरा चरण 12 मार्च से शुरू होगा और 6 अप्रैल तक चलेगा। 

ज्ञात हो कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा कल पेश किए गए बजट को लेकर विपक्षी पार्टियां मोदी सरकार पर हमलावर हो गईं। कांग्रेस ने इस बजट को जहां इलेक्शन स्पीच बताया वहीं सीपीआईएम ने कहा कि यह एक संकुचनशील बजट है जो केवल आर्थिक संकट को बढ़ाएगा।  

वहीं बहुजन समाज पार्टी प्रमुख मायावती ने केंद्रीय बजट पर अपनी प्रतिक्रिया में बुधवार को कहा कि लोग उम्मीदों के सहारे जीते हैं, लेकिन झूठी उम्मीदें क्यों? उन्होंने कहा कि बजट पार्टी से ज्यादा देश के लिए हो तो बेहतर होता है क्योंकि देश के 130 करोड़ गरीब, मजदूर, वंचित और किसान अपने अमृतकाल को तरस रहे हैं।
बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए अखिलेश ने बुधवार को ट्वीट किया था कि, '' भाजपा अपने बजट का दशक पूरा कर रही है, पर जब जनता को पहले कुछ न दिया तो अब क्या देगी।’’

बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा था कि बिहार को बजट से उम्मीद नहीं है। बीजेपी ने बिहार को ठगने का काम किया है। कई वादे किए लेकिन उसे पूरा नहीं किया। उन्होंने कहा कि पहले के बजट और अब के बजट में बहुत अंतर हो गया है। उन्होंने कहा कि बजट नील बटे सन्नाटा है। बिहार को इससे कुछ नहीं मिला है. जो टैक्स में छूट दिए गए हैं वो आंखों में धूल झोंकने जैसा है।

(समाचार एजेंसी भाषा इनपुट के साथ)

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