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जेपीसी की मांग स्वीकार किए जाने तक हमारा संघर्ष जारी रहेगा : विपक्ष

संसद के दोनों सदनों की बैठक अपराह्न दो बजे तक के लिए स्थगित होने के बाद राज्यसभा में कांग्रेस के उप नेता प्रमोद तिवारी ने दावा किया कि सत्तापक्ष की तरफ से जो ‘ड्रामा’ किया जा रहा है वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के इशारे के बिना नहीं हो सकता।
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नयी दिल्ली: कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों ने सरकार पर अडाणी समूह के मामले की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) गठित करने की मांग से ध्यान भटकाने के प्रयास का आरोप लगाते हुए सोमवार को कहा कि जेपीसी की मांग स्वीकार किए जाने तक उनका संघर्ष लोकतांत्रिक ढंग से जारी रहेगा।

संसद के दोनों सदनों की बैठक अपराह्न दो बजे तक के लिए स्थगित होने के बाद राज्यसभा में कांग्रेस के उप नेता प्रमोद तिवारी ने दावा किया कि सत्तापक्ष की तरफ से जो ‘ड्रामा’ किया जा रहा है वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के इशारे के बिना नहीं हो सकता।

उन्होंने यह भी कहा ‘‘भारत माता के चरणों में बैठकर जो घोटाला किया गया है, उसकी जांच के लिए जेपीसी का गठन होना जरूरी है और यह मांग देश की जनता के हित में है।’’

उन्होंने समाजवादी पार्टी के नेता राम गोपाल यादव, आम आदमी पार्टी के संजय सिंह, द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) के ए राजा और कुछ अन्य विपक्षी नेताओं के साथ संवाददाताओं से बातचीत में यह भी कहा कि विपक्षी दल राहुल गांधी के आवास पर दिल्ली के पुलिस अधिकारियों के ‘गैरकानूनी ढंग से पहुंचने’ और कई विपक्षी नेताओं के खिलाफ जांच एजेंसियों के इस्तेमाल की निंदा करते हैं।

तिवारी ने कहा, ‘‘13 मार्च से जो ड्रामा चल रहा है, वह प्रधानमंत्री के इशारे के बिना नहीं हो सकता। भारत माता के चरणों में बैठकर जो घोटाला किया गया है, उसकी जांच के लिए जेपीसी बने।’’

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘‘लाखों करोड़ रुपये के घोटाले के बावजूद हमारी जेपीसी की मांग स्वीकार नहीं कर रहे हैं। जेपीसी की जांच हुई तो भाजपा बेनकाब हो जाएगी। इसीलिए भाजपा जेपीसी के गठन की मांग नहीं मान रही है।’’

उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए प्रयास किया जा रहा है। इसी प्रयास के तहत राहुल गांधी के आवास पर गैरकानूनी ढंग से पुलिस को भेजा गया और कई विपक्षी नेताओं को एजेंसियों के जरिये आंतकित किया जा रहा है।’’

तिवारी ने कहा, ‘‘ये कितना भी डराएं, जब हम अंग्रेजों से नहीं डरे तो भाजपा क्या चीज है? जब तक जेपीसी का गठन नहीं होगा, तब तक हमारा संघर्ष लोकतांत्रिक ढंग से जारी रहेगा।’’

इससे पहले, कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों ने संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण में विभिन्न मुद्दों पर सरकार को घेरने के लिए आगे की रणनीति पर चर्चा की।

राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के संसद भवन स्थित कक्ष में हुई बैठक में खरगे के अलावा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता के सी वेणुगोपाल एवं जयराम रमेश, द्रमुक के टी आर बालू, शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के संजय राउत और कई अन्य दलों के नेता शामिल हुए।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने बजट सत्र के दूसरे चरण के पहले सप्ताह में, ब्रिटेन में पिछले दिनों दिए गए राहुल गांधी के एक बयान को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा और पार्टी के पूर्व अध्यक्ष से माफी की मांग की। इस विषय और अडाणी समूह से जुड़े मामले पर हंगामे के कारण संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही पूरे सप्ताह बाधित हुई थी।

गौरतलब है कि संसद के बजट सत्र की शुरूआत 31 जनवरी को हुई थी। इसी दिन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक में अभिभाषण दिया था। निर्धारित कार्यक्रम के मुताबिक, सत्र का दूसरा चरण 13 मार्च से शुरू हुआ और यह छह अप्रैल तक चलेगा।

(न्यूज़ एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)

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