राहुल से पूछताछ अभी बाकी है...

लंबे वक्त के बाद आख़िरकार ऐसा लग रहा है जैसे विपक्ष अभी ज़िंदा है। दिल्ली की सड़कों पर जिस तरह से कांग्रेसियों ने इकट्ठा होकर सरकार के खिलाफ हल्ला बोल किया है ये वाकई सरकार को एक चुनौती ज़रूर पेश कर रहा है। शायद ही कांग्रेस का कोई दिग्गज नेता हो जो इन दिनों दिल्ली की तुगलक रोड से लेकर कांग्रेस कार्यालय और ईडी ऑफिस के बाहर न नज़र आ रहा हो। इसमें बड़ी बात ये है कि इन सबका केंद्र हमेशा भाजपा के निशाने पर रहने वाले राहुल गांधी हैं।
ज़रिया कोई भी हो लेकिन जिस तरह से सरकारी सुरक्षा एंजेंसियों का ग़लत इस्तेमाल किया जा रहा था, आवाज़ उठानी ज़रूरी थी। इस बार कांग्रेस के सबसे बड़े नेता राहुल गांधी की बात थी। राहुल गांधी को नेशनल हेराल्ड मामले में समन भेजने के बाद अभी तक उनसे 30 घंटें से ज्यादा की पूछताछ हो चुकी है। उन्हें 17 जून को फिर से पूछताछ के लिए ईडी कार्यालय के लिए बुलाया गया है।
जिसको लेकर कांग्रेस पार्टी बार-बार आरोप लगा रही है। कांग्रेस का आरोप है कि इस मामले में किसी तरह कोई एफआईआर नहीं है, सिर्फ सुब्रमण्यम स्वामी की एक याचिका के आधार पर केंद्र सरकार राहुल गांधी को परेशान कर रही है। क्योंकि राहुल गांधी ही एक मात्र ऐसे नेता हैं, जो भाजपा के सामने मुद्दों को जिंदा रखते हैं।
राहुल गांधी से ईडी में हो रही लगातार पूछताछ से नाराज़ कांग्रेस के दिग्गज नेता, कार्यकर्ता इन दिनों सड़कों पर नज़र आ रहे हैं। पूछताछ के तीसरे कार्यकर्ता और दिग्गज नेताओं में और ज्यादा जोश नज़र आया। इस बार राहुल गांधी के पीछे-पीछे उनके समर्थन में ईडी दफ्तर पहुंचे कार्यकर्ताओं ने टायर जलाकर अपना विरोध दर्ज कराया। वहीं दूसरी ओर
दिग्गज नेताओं में शुमार रणदीप सुरजेवाला, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट, अधीर रंजन चौधरी समेत पार्टी के बड़े नेताओं ने सड़क पर पैदल चलकर सत्याग्रह किया।
बड़ी बात ये रही है कि पूछताछ के तीसरे दिन प्रदर्शनकारी कार्यकर्ताओँ में महिलाओं की संख्या ज्यादा दिखी। राहुल गांधी ज़िंदाबाद के नारे लगाते हुए महिलाओं ने ज़बरदस्त प्रदर्शन किया। पुलिस के साथ झड़प हुई, कई तस्वीरें ऐसी भी आईं जिसमें पुलिस द्वारा महिलाओं को हाथ-पैर पकड़कर खीचां जा रहा है। एक टीवी चैनल की डिबेट में बैठी कांग्रेस की प्रवक्ता रागिनी नायक ने बताया कि पुलिस ने महिलाओं को हाथ-पैर पकड़कर घसीटा है, जिससे उनके कपड़े फट गए और कईयों को चोट आई है। रागिनी ने बताया कि ख़ुद उन्हें दोनों हाथों की कोहनियों में चोट आई है और पैर में मोच भी आ गई है।
वहीं दूसरी ओर वाकई आज एक ऐसा वीडियो सामने आया जिसने लोकतंत्र को बुरी तरह से शर्मशार कर दिया। दरअसल किसी भी पार्टी के लिए उसका कार्यालय ही सब कुछ होता है, ऐसे में बिना परमिशन भारी संख्या में सुरक्षा बल कांग्रेस दफ्तर के अंदर घुस गए। जिसके बाद कार्यकर्ताओं ने विरोध किया तब वो एक शख्स को पकड़कर बाहर आ गए।
पुलिस के इस कृत्य के बाद ये कहना ग़लत नहीं होगा कि फिलहाल तानाशाही की पराकाष्ठा पार हो चुकी है। वहीं दूसरी ओर वरिष्ठ नेताओं को महिला प्रदर्शनकारियों को हिरासत में भी लिया गया। बड़े नेताओं जैसे सचिन पायलट को पुलिस देर रात तक हिरासत में लिए रही है।
बता दें कि सचिन पायलट के साथ बड़ी संख्या में उनके समर्थकों को भी पुलिस ने हिरासत में ले लिया। सचिन पायलट ने कहा है कि 'पता नहीं पुलिस कहां लेकर जा रही है, लेकिन यह लोकतंत्र के लिए गलत है। हम अपनी बात रखना चाहते हैं। अपनी पार्टी के कार्यालय में जाने से रोका जा रहा है। मैं समझता हूं। लोकतंत्र के लिए यह ठीक नहीं है।'
#WATCH Congress leader Sachin Pilot detained by police amid protests by party workers over the questioning of Rahul Gandhi by the Enforcement Directorate in the National Herald case#Delhi pic.twitter.com/smlKTJ62hS
— ANI (@ANI) June 15, 2022
बता दें कि सचिन पायलट ने ट्वीट कर लिखा है कि 'केंद्र सरकार जो नफरत और बदले की राजनीति कर रही है वह लोकतंत्र के लिए बड़ा खतरा है। असत्य, अन्याय और अनीति द्वारा सत्य को दबाने के भाजपा के प्रयास कभी सफल नहीं होंगे। सत्य राहुल गांधी जी और कांग्रेस के साथ है जो किसी भी अत्याचार के समक्ष न झुकेगा और न डरेगा।'
केंद्र सरकार जो नफरत और बदले की राजनीति कर रही है वह लोकतंत्र के लिए बड़ा खतरा है।
असत्य, अन्याय और अनीति द्वारा सत्य को दबाने के भाजपा के प्रयास कभी सफल नहीं होंगे।
सत्य @RahulGandhi जी और कांग्रेस के साथ है जो किसी भी अत्याचार के समक्ष न झुकेगा और न डरेगा।#DeshKiAawazRahul
— Sachin Pilot (@SachinPilot) June 15, 2022
साथ ही सचिन पायलट ने कहा है कि पीएम नरेंद्र मोदी तानाशाह की तरह व्यवहार कर रहे हैं। सत्ता का घमंड आ गया है। केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग कर रहे हैं लेकिन लोकतंत्र में विपक्ष की आवाज को दबाया नहीं जा सकता। राहुल गांधी लगातार भाजपा की कमियों से देशवासियों को अवगत करा रहे हैं। इसलिए पीएम मोदी घबरा गए है।
पूरे मामले पर दिल्ली पुलिस ने कहा कि कांग्रेस ने प्रदर्शन की इजाजत नहीं ली थी। कांग्रेस को इस बारे में सूचित किया गया था कि धारा 144 लगाई गई है, इसके बाद भी कार्यकर्ताओं ने हंगामा किया। इसके जवाब में कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा है कि पुलिस पर FIR दर्ज होनी चाहिए।
वहीं इससे पहले बीते मंगलवार को राहुल गांधी से पूछताछ का दूसरा दिन था। राहुल गांधी से ईडी अफसर ने पहले राउंड में चार घंटे से भी ज्यादा समय तक पूछताछ की। वहीं लंच ब्रेक के बाद करीब 6 घंटे तक सवालों की सिलसिला चलता रहा। अधिक समय तक पूछताछ चलने को लेकर एजेंसी का कहना है कि राहुल के स्टेटमेंट रिकॉर्ड करने में ज्यादा वक्त लग रहा है। राहुल गांधी कार से जांच एजेंसी के ऑफिस पहुंचे थे। उनके साथ बहन प्रियंका गांधी भी थीं। राहुल को छोड़ने के बाद प्रियंका वहां से चली गईं। दोनों दिन कांग्रेस कार्यालय के बाहर हुए हंगामे के कारण वहां धारा 144 लागू कर दी है। दूसरे दिन भी पूरा दिन कांग्रेस दफ्तर से लेकर ईडी कार्यालय तक खूब प्रदर्शन देखने को मिला था। इस दिन ख़बर आई की कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम के साथ पुलिसिया दुर्व्यवहार से उनकी पसलियों में चोट लग गई। जबकि कई कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया गया। इसमें से कई नेताओं के कपड़े फट गए तो कइयों को गहरी चोटें आईं। अपने कार्यकर्ताओं और नेताओं के जोश को ज़िंदा रखने के लिए प्रियंका गांधी ख़ुद तुगलक थाना पहुंची और हिरासत में लिए गए लोगों के साथ बैठी रहीं।
पूछताछ वाले दूसरे दिन भी कांग्रेस कार्यकर्ता पूरे जोश के साथ सड़कों पर नज़र आए। पुलिस ने इस दौरान प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए जगह-जगह बैरिकेडिंग की थी, लेकिन प्रदर्शनकारियों ने इसे तोड़ते हुए अपने प्रदर्शन को जारी रखा।
इसी बीच कांग्रेस ने आरोप लगाया कि उनके कार्यकर्ताओं को कांग्रेस मुख्यालय तक नहीं आने दिया गया क्योंकि अकबर रोड पर धारा 144 लगा दी गई थी। इसपर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि ये समझ से परे है कि यहां की पुलिस प्रशासन को सरकार की ओर से कितना बड़ा दबाव झेलना पड़ रहा है। कानून अपना काम करे, 144 लगा है तो आप हिरासत में ले लीजिए लेकिन आप पार्टी कार्यालय में आने से नहीं रोक सकते हैं, लोकतंत्र की हत्या हो रही है।
इससे पहले सोमवार को पूछताछ के पहले दिन लंच ब्रेक में राहुल मां सोनिया गांधी से मिलने सर गंगाराम हॉस्पिटल पहुंचे थे। सोमवार को उनसे करीब 9 घंटे तक पूछताछ की गई थी। राहुल कार से जांच एजेंसी के ऑफिस पहुंचे। उनके साथ प्रियंका गांधी भी थीं। राहुल को छोड़ने के बाद प्रियंका वहां से चली गईं। दोनों दिन कांग्रेस कार्यालय के बाहर हुए हंगामे के कारण वहां धारा 144 लागू कर दी है।
इसी दिन कांग्रेस कार्यालय के पास लगे बैरिकेड पर रोके जाने पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की दिल्ली पुलिस से झड़प हो गई। उन्होंने पुलिस से कहा- आप एक मुख्यमंत्री को नहीं रोक सकते हैं। लेकिन, पुलिस ने उन्हें नहीं जाने दिया। इससे पहले राहुल अपने घर से प्रियंका गांधी के साथ कांग्रेस मुख्यालय पहुंचे। जहां कांग्रेस के तमाम नेताओं ने ओपन एरिया में बातचीत की। यहां से रणनीति तैयार होने के बाद राहुल ईडी दफ्तर के लिए रवाना हुए।
इसके अलावा बैरिकेड पर रोके जाने के बाद दिल्ली कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अनिल चौधरी ने हंगामा किया। उन्होंने पुलिसकर्मियों से धक्का-मुक्की की और जोर-जोर से चिल्लाने लगे कि गोली मारो मुझे। पुलिस ने उन्हें हिरासत में लेकर वैन में बैठाया तो पुलिस और प्रधानमंत्री के खिलाफ नारेबाजी करने लगे।
पूछताछ के पहले दिन गिरफ्तार होने वाले नेताओं में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत और कांग्रेस सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला समेत कई नेता शामिल थे।
कांग्रेस के प्रदर्शन को देखते हुए दिल्ली पुलिस ने कांग्रेस मुख्यालय से ईडी ऑफिस तक का रास्ता सील कर दिया था। ईडी दफ्तर के पास थ्री-लेयर सुरक्षा घेरा है। पहले घेरे के पास ही पुलिस ने कांग्रेस का मार्च रोक लिया था। यहां कार्यकर्ताओं की पुलिस से नोकझोंक भी हुई। इससे पहले सोमवार सुबह राहुल गांधी से जांच के विरोध में प्रदर्शन कर रहे कांग्रेस कार्यकर्ताओं को दिल्ली पुलिस ने कांग्रेस मुख्यालय से हिरासत में ले लिया था।
कांग्रेस का प्रदर्शन साफ तौर पर एक रणनीति का हिस्सा नज़र आया। जिसे देखकर ये कहना ग़लत हैं पार्टी फिर से राहुल को अपने नेता के तौर पर तैयार कर रही है। वहीं राहुल की पेशी ने न सिर्फ कांग्रेसियों को इकट्ठा किया बल्कि देश के अहम मुद्दों को भी ज़ोरशोर से उठाया। आपको बता दें कि पुलिस की कार्रवाई को लेकर कांग्रेस ने सरकार को एक नोटिस भी दिया है, जिसका जवाब फिलहाल अभी तक नहीं मिला है। वहीं दूसरी ओर देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले दिनों में और कितना हंगामा देखने को मिलता है। क्योंकि इससे पहले बुधवार को जब राहुल से पूछताछ हो रही थी तब राहुल को गिरफ्तार किए जाने की अटकलें तेज़ हो गई थीं, बताया गया कि राहुल गांधी पूछताछ में सहयोग नहीं कर रहे हैं। कांग्रेसियों को जैसे ही ये खबर लगी, वे भड़क गए। उन्होंने प्रदर्शन तेज कर दिए और चेतावनी भी दी।
बता दें कि राहुल गांधी से पूछताछ के बाद ईडी अब कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से पूछताछ की तैयारी में है। 23 जुलाई को सोनिया गांधी को ईडी ऑफिस में हाजिर होना है लेकिन फिलहाल वे अस्पताल में भर्ती हैं। सूत्रों के मुताबिक अधिकारियों ने पूछताछ के सिलसिले में राय लेनी शुरू कर दी है।
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