Skip to main content
xआप एक स्वतंत्र और सवाल पूछने वाले मीडिया के हक़दार हैं। हमें आप जैसे पाठक चाहिए। स्वतंत्र और बेबाक मीडिया का समर्थन करें।

पुरानी पेंशन बहाल न करने पर रेल कर्मचारियों की काम रोकने की चेतावनी

रेल कर्मचारियों ने चेतावनी दी है कि सरकार ने यदि पुरानी पेंशन बहाल नहीं की तो वे आगामी सितंबर से काम बंद कर देंगे। इधर राज्य के कर्मचारियों ने जून 2023 में राष्ट्रव्यापी पेंशन बहाली यात्रा निकालने की घोषणा की है।
protest
दिल्ली में नेशनल मूवमेंट फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम की राष्ट्रीय कार्यकारिणी द्वारा किए गए विरोध प्रदर्शन में पुरानी पेंशन बहाली के लिए किए गए अलग-अलग राज्यों के हजारों कर्मचारी, पेंशनरों ने हिस्सा लिया था।

पुरानी पेंशन बहाली को लेकर इस समय कर्मचारी वर्ग विरोध प्रदर्शन कर रहा है। इस बीच ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन (एआईआरएफ) ने चेतावनी दी है कि सितंबर 2023 के पहले पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) को सरकार ने बहाल नहीं किया तो रेलकर्मी काम बंद कर देंगे। इसकी जवाबदेही केंद्र सरकार की होगी।

दरअसल, कुछ समय पहले राजस्थान के जोधपुर में एआईआरएफ की राष्ट्रीय वर्किंग कमेटी की बैठक हुई थी। इसमें फेडरेशन के राष्ट्रीय महामंत्री शिव गोपाल मिश्रा ने कहा है कि मानसून सत्र तक सरकार का इंतजार करेंगे। यदि पुरानी पेंशन बहाल नहीं की गई तो संसद के मानसून सत्र में दिल्ली में सभी राज्य के 5 लाख कर्मचारी जुटेंगे। तब भी सरकार ने नहीं सुनी तो सितंबर से काम बंद कर देंगे।

राजस्थान के जोधपुर में 2 और 3 मार्च को हुई एआईआरएफ की राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक को संबोधित करते राष्ट्रीय महामंत्री शिव गोपाल मिश्रा। 

इस चेतावनी के अनुरूप सभी राज्यों में फेडरेशन की इकाईयां काम कर रही है। सभी राज्यों में रेलवे यूनियन की इकाईयों के प्रमुख जोर—शोर से पुरानी पेंशन बहाली के पक्ष में माहौल बनाने के लिए जुट गए हैं। सरकार पर दबाव बनाने के लिए राज्यों के कर्मचारियों की मदद ली जा रही है। सामूहिक बैठकों और रणनीतियों के दौर शुरू हो गए हैं। मध्य प्रदेश में भी एआईआरएफ की संबद्ध वेस्ट सेंट्रल रेलवे एम्प्लाई यूनियन (डब्ल्यूसीआरईयू) के भोपाल मंडल अध्यक्ष टीके गौतम व मंडल सचिव फिलिप ओमन रेलवे यूनियन के कर्मचारी नेता राज्य के कर्मचारियों से सहयोग मांग कर एक साथ आने की अपील कर रहे हैं।

डब्ल्यूसीआरईयू के भोपाल मंडल अध्यक्ष टीके गौतम का कहना है कि एआईआरएफ के राष्ट्रीय महामंत्री के निर्देश पर एआईआरएफ की कार्य-योजना के अनुरूप भोपाल रेलवे स्टेशन के पास यूनियन कार्यालय में हम 6 मार्च को राज्य के अलग—अलग कर्मचारी संगठनों के साथ बैठे थे। बैठक में विस्तार से पुरानी पेंशन से होने वाले लाभ और नई पेंशन योजना से हो रहे नुकसानों के बारे में चर्चा हो चुकी है। आगे की कार्य-योजना के अनुरूप लगभग प्रत्येक कर्मचारी वर्ग पुरानी पेंशन बहाली के लिए संघर्ष करने के लिए तैयार है और अपने—अपने स्तर पर लड़ाईयां भी लड़ रहे हैं लेकिन सभी कर्मचारियों ने ठान लिया है कि अब एक साथ मिलकर आगे की लड़ाई लड़ेंगे और पुरानी पेंशन बहाली करा कर रहेंगे। इसके लिए मध्य प्रदेश राज्य के कर्मचारियों से आगे भी कई दौर की अलग—अलग चर्चाएं होंगी, इसकी भी कार्ययोजना बना ली है।

पुरानी पेंशन बहाली को लेकर एआईआरएफ की तैयारी

टीके के गौतम के मुताबिक एआईआरएफ की राष्ट्रीय कार्य समिति की बैठक में राष्ट्रीय महामंत्री शिवगोपाल मिश्रा ने साफ किया है कि यदि कर्मचारियों को पुरानी पेंशन नहीं दी गई तो सरकार को भुगतना पड़ेगा। सरकार मानती है कि उसके पास 2024 के लिए सिर्फ 400 दिन है, जबकि सरकारी कर्मचारियों के पास पुरानी पेंशन बहाली और भविष्य बनाने के लिए सिर्फ 300 दिन ही है। ऐसे में अब हमें बिना वक्त गवाएं सड़क पर उतर जाना होगा, क्योंकि अब हमारे पास इसके अलावा कोई विकल्प नहीं है। उन्होंने कहा कि 2024 के पहले कई राज्यों में चुनाव होने है, इसलिए वोट की चोट देने के लिए हमें अभी से वातावरण के निर्माण में जुट जाना चाहिए। पुरानी पेंशन की बहाली एक ऐसा गंभीर मसला है, जो युवा रेलकर्मियों को सामाजिक सुरक्षा देने वाला है, इसलिए इससे हम पीछे हटने वाले तो बिल्कुल भी नहीं है। उन्होंने कहा कि यह मुद्दा हमारी प्राथमिकता में शामिल है और हर बैठक में इस पर चर्चा होती है, लेकिन सरकार ध्यान नहीं दे रही है। उन्होंने दोहराया कि अब यह समय आपसी विवाद का बिल्कुल नहीं है, मुद्दा ऐसा है जिससे हर केंद्रीय कर्मचारी, राज्य कर्मचारी, शिक्षक जुड़ा हुआ है, इसलिए हमें एक झंड़े के नीचे आना ही होगा। हमारी कोशिश है कि हम इस लड़ाई को नीचे गांव, ब्लाक स्तर से लेकर राज्य और केंद्र तक ले आए। उनका कहना है कि एनपीएस के जरिए सरकारी कर्मचारियों को लूटा जा रहा है। आज पुरानी पेंशन की बात पर अर्थव्यवस्था का रोना रोया जा रहा है। एक ओर नेताओं को मनमानी पेंशन दी जा रही है और दूसरी ओर कर्मचारियों के नाम पर हमें खाली खजाना दिखाया जा रहा है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगस्त तक पेंशन बहाल नहीं हुई तो सितंबर महीने से आम हड़ताल का एलान कर दिया जाएगा।

एआईआरएफ के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. एन कन्हैया ने कहा कि अब हम सरकार के किसी बहकावे में आने वाले नहीं है। हमने देख लिया है कि जब तक हम सरकार के खिलाफ डर पैदा नहीं करेंगे, सरकार हमारी मांग पर गंभीर नहीं होगी। यदि आंदोलन और विरोध पर भी सरकार ने ध्यान नहीं दिया तो हम बैठक करके देशव्यापी आम हड़ताल का निर्णय ले सकते हैं, इसमें रेलगाड़ी समेत देश की सभी गतिविधियों को ठप कर दिया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार का विरोध करने के लिए एक एक्शन प्लान आप सभी को पहले ही भेजा जा चुका है, इसी प्लान के तहत हमें आगे बढ़ना है!

एआईआरएफ के कार्यकारी अध्यक्ष जेआर भोसले ने कहा कि जब हमारे साथियों ने हस्ताक्षर अभियान की शुरुआत की तभी कर्मचारियों की प्रतिक्रिया मिलने लगी। लोगों का कहना था कि अब लाल झंडे वाले मैदान में उतरे हैं, निश्चित रूप से ये पेंशन बहाली की लड़ाई को निर्णायक मोड़ तक ले जाएंगे। कर्मचारियों के भरोसे से यूनियन के साथियों का उत्साह बढ़ना स्वभाविक है।

28 राज्यों में पेंशन बहाली यात्रा निकाली जाएगी

इधर मध्य प्रदेश समेत 28 राज्यों से होकर पुरानी पेंशन बहाली यात्रा निकालने की तैयारी की जा रही है। यह जून 2023 से कन्याकुमारी, कश्मीर और दो अन्य राज्यों से एक साथ शुरू होगी। यह 1 माह तक चलेगी। इसमें लाखों कर्मचारी हिस्सा लेंगे। यह यात्रा नेशनल मूवमेंट फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम के नेतृत्व में निकाली जाएगी। 5 मार्च को इस संबंध में दिल्ली के नारायणदत्त तिवारी भवन में रूपरेखा पर सभी राज्यों के प्रतिनिधियों ने बातचीत की है।

दिल्ली के नारायण दत्त तिवारी भवन में 5 मार्च को नेशनल मूवमेंट फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के पदाधिकारी पुरानी पेंशन बहाली यात्रा निकालने पर चर्चा करते हुए।

नेशनल मूवमेंट फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम मध्य प्रदेश इकाई के प्रवक्ता एचएन नरवरिया ने बताया कि राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक राष्ट्रीय अध्यक्ष विजय कुमार बंधु के नेतृत्व में संपन्न हुई है। जिसमें तय किया है कि सभी राज्यों के कर्मचारी पुरानी पेंशन बहाली के लिए सामूहिक रूप से दबाव बनाएंगे। इसमें आम जनमानस का भी सहयोग किया जाएगा। इसी मकसद से यात्रा निकाले जाने पर चर्चा हुई है। इस कार्ययोजना को इसी महीने अंतिम रूप दे दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि दूसरे राज्यों में पहले से पुरानी पेंशन बहाली को लेकर कर्मचारी लामबंद हैं। लगभग प्रत्येक कर्मचारी संगठनों ने कमर कस ली हैं।

मध्य प्रदेस में आंदोलन को रोकने की कोशिश हुई तो हाईकोर्ट ने किया हस्तक्षेप

इधर मध्य प्रदेश में पुरानी पेंशन बहाली का आंदोलन जोर पकड़ता जा रहा है। लगभग प्रत्येक कर्मचारी संगठन पुरानी पेंशन बहाली के पक्ष में हैं और नई पेंशन योजना का विरोध कर रहे हैं। जब बड़े स्तर पर आंदोलन करने के लिए नेशनल मूवमेंट फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम मध्य प्रदेश इकाई के पदाधिकारियों ने भेल देशहरा मैदान में आंदोलन करने के लिए जनवरी 2023 में पुलिस से अनुमति मांगी तो नहीं दी गई। जिसके बाद पदाधिकारी हाईकोर्ट चले गए थे। हाईकोर्ट ने मामले में हस्तक्षेप किया और भोपाल के पुलिस आयुक्त् से कहा कि इन कर्मचारी व पेंशनरों की बात सुनी जानी चाहिए। जिसके बाद पुलिस ने आंदोलन की अनुमति दी और बड़े स्तर पर कर्मचारी व पेंशनरों ने 5 फरवरी को आंदोलन किया था।

भोपाल के भेल दशहरा मैदान में 5 फरवरी को नेशनल मूवमेंट फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम की मध्यप्रदेश इकाई द्वारा जन आंदोलन की शुरुआत की थी।

तब मध्य प्रदेश इकाई के अध्यक्ष परमानंद डेहरिया ने कहा, हमारी एक ही मांग है कि पुरानी पेंशन बहाल की जाए। हम 2017 से इसकी मांग करते आ रहे हैं। लेकिन अब तक सरकार ने इस तरफ कोई कार्रवाई नहीं की है। गांधीवादी तरीके से हम अपनी आवाज उठाते रहेंगे।

उनका कहना है कि वर्तमान में नेशनल पेंशन स्कीम से सेवानिवृत्त हो रहे कर्मचारियों, अधिकारियों को बहुत कम पेंशन राशि मिल रही है जिसके कारण उनकी सामाजिक आर्थिक सुरक्षा नहीं हो पाती है एवं परिवार का भरण पोषण तथा सम्मानजनक जीवन जीना मुश्किल हो रहा है।

जब विधायिका और न्यायपालिका को पुरानी पेंशन तो कार्यपालिका को क्यों नहीं

नेशनल मूवमेंट फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम के मध्य प्रदेश के प्रवक्ता एचएन नरवरिया का कहना है कि वर्तमान में विधायिका तथा न्यायपालिका दोनों पुरानी पेंशन स्कीम 1972 का लाभ ले रहे हैं तो फिर कार्यपालिका अर्थात कर्मचारी और अधिकारियों को इस योजना से वंचित क्यों रखा जा रहा है? यह भेदभाव खत्म् होना चाहिए। जब तक यह शुरू नहीं होगा, तब तक संघर्ष जारी रहेगा।

इन राज्यों ने लागू की पुरानी पेंशन योजना

उक्त् संगठन के अध्यक्ष परमानंद डेहरिया ने बताया कि छत्तीसगढ़, राजस्थान, हिमाचल, झारखंड सहित पांच राज्यों ने ओल्ड पेंशन स्कीम को लागू कर दिया है। जिसकी वजह से वहां के कर्मचारी खुश हैं। अन्य राज्यों को भी अमल करना होगा। 

अपने टेलीग्राम ऐप पर जनवादी नज़रिये से ताज़ा ख़बरें, समसामयिक मामलों की चर्चा और विश्लेषण, प्रतिरोध, आंदोलन और अन्य विश्लेषणात्मक वीडियो प्राप्त करें। न्यूज़क्लिक के टेलीग्राम चैनल की सदस्यता लें और हमारी वेबसाइट पर प्रकाशित हर न्यूज़ स्टोरी का रीयल-टाइम अपडेट प्राप्त करें।

टेलीग्राम पर न्यूज़क्लिक को सब्सक्राइब करें

Latest