अयोध्या में सुरक्षा और कड़ी, आम जनजीवन सामान्य
सुप्रीम कोर्ट द्वारा विवादित स्थल पर राम मंदिर निर्माण को हरी झंडी दिए जाने के बाद धार्मिक नगरी अयोध्या में सुरक्षा बंदोबस्त अत्यंत कड़े कर दिए गए हैं और लगभग सभी रास्तों पर बाहर के वाहनों का प्रवेश बंद है। पुलिस ने कई स्थानों पर बैरियर लगाए हैं। राजधानी लखनऊ व अन्य सभी ज़िलों में भी सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम है। हालांकि अयोध्या समेत सभी जगह आम जनजीवन सामान्य है।
अयोध्या में देवकाली पुलिस चौकी के सामने की सड़क पर बैरियर लगे हैं। यहां तैनात पुलिसकर्मियों और केंद्रीय अर्द्धसैनिक बल के जवानों ने बताया कि केवल स्थानीय वाहनों को प्रवेश दिया जा रहा है ताकि यहां रहने वालों को आवाजाही में किसी तरह की दिक्कत ना होने पाए लेकिन अयोध्या से बाहर के जो भी वाहन आ रहे हैं उन्हें आगे नहीं बढ़ने दिया जा रहा है।
जब पूछा गया कि वाहनों को क्यों रोका जा रहा है तो एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि फैसला आने के 10 मिनट के अंदर हमें निर्देश दिया गया है कि अयोध्या में बाहर के वाहनों का प्रवेश बंद कर दिया जाए।
कमोबेश ऐसी ही स्थिति अयोध्या बाईपास की थी जहां रोडवेज की बसों को भी बाईपास पर ही रोका जा रहा है और शहर में प्रवेश नहीं करने दिया जा रहा है। बसों पर सवार यात्रियों से इस बारे में बात की गई तो उन्होंने कोई शिकायत नहीं की बल्कि राम मंदिर को लेकर शीर्ष अदालत द्वारा दिए गए फैसले का स्वागत किया।
बस पर सवार यात्रियों से श्रीराम के नारे की आवाज साफ सुनाई दे रही थी। कुछ स्थानों पर लोग ‘जय श्री राम’ के नारे लगा रहे थे और पटाखे चला रहे थे।
दर्जी की दुकान चलाने वाले मोहम्मद साजिद ने पीटीआई-भाषा से कहा कि उन्हें ऐसा लगता है कि अयोध्या पर आया फैसला ‘अधूरा’ है। हालांकि उन्होंने इसके बारे में और कुछ नहीं कहा।
पंडित हरि मोहन मिश्रा, अयोध्या नगरी में मंदिरों का दर्शन करके लौटे थे। उन्होंने बताया कि भले ही वाहन ना जा रहे हों लेकिन पैदल जाने की पूरी इजाजत है। मंदिरों में पूजा-अर्चना हो रही है। फैसला आने के बाद लोगों में खुशी का माहौल है। अयोध्या की सभी दुकानें खुली हुई हैं। स्थिति सामान्य एवं शांतिपूर्ण है। लोग रोजमर्रा की तरह अपने काम में लगे हुए हैं। कहीं किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं है।
एक अन्य श्रद्धालु भरत सिंह ने प्रधान न्यायाधीश द्वारा फैसला सुनाना शुरू करने के लगभग तीस मिनट बाद, सुबह 11 बजे अस्थायी राम लला मंदिर के दर्शन किए। हनुमानगढ़ी इलाके में कुछ युवा ‘जय श्री राम’ के नारे लगा रहे थे और उनके माता-पिता ऐसा करने से मना कर रहे थे।
हनुमानगढ़ी मंदिर के महंत संजय दास ने फैसले के बाद पटाखे चलाए।
एक अन्य पुजारी महंत राजू दास ने कहा, ‘‘मैं उच्चतम न्यायालय के फैसले का स्वागत करता हूं।’’
अयोध्या में बाहर से आए वाहनों को रोका जा रहा है, इन्हीं में एक वाहन में मीडिया के लोग सवार थे। उसे भी संवदेनशील हनुमानगढ़ी मंदिर क्षेत्र से कुछ किलोमीटर पहले ही रोक दिया गया।
समाजवादी पार्टी के नेता एवं व्यापार मंडल के महासचिव रत्नाकर दुबे ने भाषा को बताया कि फैसला अत्यंत संतोषजनक है। लोगों में खुशी और उत्साह है। हम अदालत के फैसले का सम्मान करते हैं।
जब उनसे पूछा गया कि राजनीतिक दृष्टि से इस फैसले को किस तरह देखते हैं तो उनका जवाब था कि इस फैसले का राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है। उच्चतम न्यायालय ने संबंधित पक्षों की दलीलें और तथ्यों का अवलोकन करने के बाद एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया है जिससे अयोध्या की जनता में खुशी की लहर है और अब राम मंदिर के निर्माण का रास्ता साफ हो गया है। हम अदालत के फैसले का सम्मान करते हैं।
निजी टैक्सी चलाने वाले महेंद्र प्रताप ने कहा कि शहर में आने के बाद ऐसा महसूस ही नहीं हो रहा है कि कहीं किसी तरह की कोई समस्या है। लोग आम दिनों की तरह खरीदारी कर रहे हैं, घूम फिर रहे हैं।
राजधानी लखनऊ में भी सुरक्षा के चाक चौबंद उपाय किये गए हैं और शैक्षणिक संस्थान तथा ज्यादातर दुकानें बंद होने के कारण सड़कें खाली पड़ी हैं।
वैसे इसका कारण माह का दूसरा शनिवार भी है जिस कारण अधिकतर सरकारी कार्यालय बंद है ।
सुबह से ही राजधानी की सड़को और संवेदनशील स्थानों पर पुलिस और अर्धसैनिक बल गश्त लगा रहे है। सड़कों पर वाहनों का आवागमन भी कम ही है । राजधानी के केंद्र में स्थित हजरतगंज की अधिकतर दुकाने फिलहाल बंद है हालांकि चाय की दुकानों पर लोग अयोध्या के फैसले पर चर्चा करते नजर आये ।
हजरतगंज के लालबाग में चाय की दुकान चलाने वाले विनोद ने कहा ,‘'हम शांति चाहते है, मैं अपनी दुकान खोलना चाहता हूं और अपनी रोजी रोटी कमाना चाहता हूं । उम्मीद है कि फैसले के बाद सब कुछ सामान्य होगा ।''
सब्जी विक्रेता अकरम ने कहा कि वह तो अपने काम पर जाएंगे। उन्होंने कहा, ‘‘कहीं कोई तनाव नहीं है। फैसले का स्वागत है।’’
उन्होंने कहा ,‘‘ ''अगर सब कुछ ठीक रहा और लोग आयेंगे तो मैं अपनी चाय की दुकान खोलने को तैयार हूं । मैं दूध और अन्य सामान ले आया हूं और अपना काम करने के लिये पूरी तरह से तैयार हूं ।''
उत्तर प्रदेश में एहतियाती तौर पर शनिवार से सोमवार तक सभी स्कूल और कॉलेज बंद हैं। मंगलवार को गुरूनानक जयंती के कारण स्कूल बंद रहेंगे।
(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)
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