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अपने ही मृतक कर्मचारियों के परिजनों से 50 हजार रुपये ठग रही है शिवराज सरकार : माकपा

मृतक कर्मचारियों के जिन परिजनों को मुआवजा मिला भी है, वह भी पांच लाख रुपए की बजाय सिर्फ साढ़े चार लाख रुपए है। संबंधित कर्मचारी की मृत्यु के समय दाह संस्कार के समय दिए जाने वाले एक्सग्रेसिया की 50 हजार रुपए की राशि को काट कर भुगतान किया गया है।
 शिवराज सरकार

मध्य प्रदेश में राज्य सरकार ने घोषणा की थी कि कोरोना की दूसरी लहर का शिकार हुए शासकीय कर्मचारियों के परिजनों को पांच लाख रुपए मुआवजा और एक आश्रित को शासकीय सेवा में स्थाई रोजगार दिया जायेगा। परन्तु अब उस पर आरोप लग रहे है कि वो कोरोना की दूसरी लहर के शिकार हुए राज्य सरकार के कर्मचारियों के परिजनों के साथ भी धोखाधड़ी कर रही है।

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के राज्य सचिव जसविंदर सिंह ने उक्त बयान जारी करते हुए कहा है कि अभी तक राज्य सरकार ने इस घोषणा पर अमल नहीं किया है। राज्य सरकार जो कर रही है, वह पीडि़त परिवारों के जख्मों पर नमक छिड़कने जैसा है।

माकपा नेता ने कहा है कि मृतक कर्मचारियों के जिन परिजनों को मुआवजा मिला भी है, वह भी पांच लाख रुपए की बजाय सिर्फ साढ़े चार लाख रुपए है। संबंधित कर्मचारी की मृत्यु के समय दाह संस्कार के समय दिए जाने वाले एक्सग्रेसिया की 50 हजार रुपए की राशि को काट कर भुगतान किया गया है, जबकि एक्सग्रेसिया तो सरकार द्वारा मृतक के अंतिम संस्कार के लिए दी गई राशि होती है, उसे कभी भी मुआवजे या क्षति पूर्ति राशि के साथ नहीं जोड़ा जाता है।

जसविंदर सिंह ने कहा है कि कोरोना की पहली और दूसरी लहर का शिकार होने वाले समस्त कर्मचारियों के परिजनों को मुआवजा और एक आश्रित को सरकारी नौकरी तुरंत दी जानी चाहिए और एक्सग्रेसिया के नाम पर होने वाली धोखाधड़ी को रोक कर पूरी पांच लाख की राशि दी जाए।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक सरकारी कर्मचारी की मौत पर आश्रित को अनुकंपा नियुक्ति जो होनी थी वो अभी तक किसी की भी नहीं हुई है। इसी तरह राज्य सरकार ने कर्मचारियों के काल में कई एलान किए थे परन्तु आज भी वो हवा हवाई हैं, धरातल पर नहीं है और जिन योजनाओं का लाभ कर्मचारियों के परिजनों को मिल रहा है उसमें भी उन्हें या तो पूरा लाभ नहीं मिल रहा या उन्हें लगातार परेशान किया जा रहा है।
खैर इस पर मध्य सरकार के मंत्री विश्वास सारंग ने मीडिया से कहा था कि "जो मुख्यमंत्री ने कहा है वो अक्षरश: लागू होगा।" लेकिन सवाल वही कब पूरा होगा?

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