Skip to main content
xआप एक स्वतंत्र और सवाल पूछने वाले मीडिया के हक़दार हैं। हमें आप जैसे पाठक चाहिए। स्वतंत्र और बेबाक मीडिया का समर्थन करें।

कश्मीर की पार्टियों ने तिरंगा झंडा तो लगाए लेकिन तत्कालीन जम्मू-कश्मीर के झंडे को नहीं छोड़ा

महबूबा मुफ्ती की डीपी में वर्ष 2015 में ली गई उनके दिवंगत पिता मुफ्ती मोहम्मद सईद और पीएम मोदी की तस्वीर लगाई गई है जिसमें तिरंगा झंडा और जम्मू-कश्मीर का झंडा दिख रहा है।
jammu and kashmir
फाइल फोटो।

श्रीनगर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लोगों से अपने सोशल मीडिया अकाउंट का डिस्प्ले पिक्चर्स (डीपी) बदलने की बात कहने पर अधिकारियों, राजनेताओं और उनके समर्थकों ने इस पर अमल किया लेकिन इस आदेश के एक दिन बाद पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष ने अपनी डीपी बदली जिसमें जम्मू-कश्मीर के हटा दिए गए झंडे को लगया गया है।

इस क्षेत्र में झंडा को लेकर जारी विवाद के बीच पीडीपी नेता ने अपने दिवंगत पिता मुफ्ती मोहम्मद सईद और प्रधानमंत्री मोदी की एक तस्वीर लगाई जो 2015 में सईद के शपथ समारोह के दौरान ली गई थी और इसमें भारत का झंडा और तत्कालीन राज्य का झंडा दोनों है।

पूर्व मुख्यमंत्री ने ट्विटर पर लिखा, “मैंने अपना डीपी बदल दिया क्योंकि झंडा खुशी और गर्व की बात है। हमारे लिए हमारे राज्य के झंडे को भारत के झंडे से अपरिवर्तनीय रूप से जोड़ा गया था। इस तरह इस कड़ी को तोड़कर इसे हटा दिया गया। हो सकता है कि आपने हमसे हमारा झंडा छीन लिया हो लेकिन इसे हमलोगों के जेहन से मिटा नहीं सकते।”

अनुच्छेद 370 और 35 ए को निरस्त करने और जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने से पहले महबूबा ने इस फैसले को लेकर चेतावनी दी थी और इसे क्षेत्र की सुरक्षा और भावना के लिए हानिकारक बताया था।

वर्ष 2017 में महबूबा ने कहा था कि अगर दो अनुच्छेद 370 और 35 ए के साथ छेड़छाड़ की गई तो कश्मीर में कोई भी तिरंगा नहीं फहराएगा। उस समय उनके इस बयान की सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा व्यापक रूप से निंदा की गई और महबूबा की भविष्यवाणी के विपरीत एक छवि को दर्शाने के लिए उसके समर्थकों द्वारा अक्सर उकसाया जाता है।

अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद से अपनी पहली रैली के दौरान भाजपा नेताओं ने खासतौर से पीडीपी और महबूबा पर हमला करते हुए कहा कि उनका यह कहना गलत था कि यदि अनुच्छेद 370 को निरस्त किया जाता है तो कोई भी तिरंगा नहीं फहराएगा।

भाजपा के महासचिव तरुण चुघ ने कहा, “मैं उनसे कहना चाहता हूं कि लाल चौक पर आएं और कश्मीर के लोगों को तिरंगा फहराते हुए देखें। हर व्यक्ति के दिल में एक तिरंगा है।”

कई लोगों ने जारी विवाद के परिणाम के रूप में देखा कि जम्मू-कश्मीर रिकॉन्सिलिएशन फ्रंट के चेयरमैन संदीप मावा ने बुधवार को श्रीनगर के राजबाग इलाके में ऑल पार्टीज हुर्रियत कॉन्फ्रेंस (एपीएचसी) कार्यालय के मुख्य प्रवेश द्वार पर भारत का झंडा फहराया। हालांकि, इस झंडे को कुछ समय बाद अज्ञात व्यक्तियों द्वारा हुर्रियत कार्यालय से हटा दिया गया। बता दें कि ये कार्यालय 2019 से बंद पड़ा है।

अधिकारियों की तरफ से फरमान जारी होने के बाद तिरंगा फहराने को लेकर विवाद छिड़ गया था। इन अधिकारियों ने स्वतंत्रता के 75 वर्ष मनाने के लिए केंद्र सरकार द्वारा शुरू किए गए "हर घर तिरंगा" अभियान के तहत सभी सरकारी भवनों और आवासों में राष्ट्रीय ध्वज फहराने के विभिन्न आदेश जारी किए।

घाटी में, अधिकारियों ने दुकानदारों और छात्रों को राष्ट्रव्यापी कार्यक्रम के हिस्से के रूप में तिरंगा फहराने के लिए “जमा शुल्क” के रूप में 20 रुपये देने का निर्देश दिया है। इसकी व्यापक रूप से निंदा की गई, जिससे केंद्रशासित प्रशासन ने स्पष्टीकरण दिया कि यह एक "एच्छिक" है और अनिवार्य नहीं है।

इस विवाद को अनावश्यक बताते हुए नेशनल कॉन्फ्रेंस के वरिष्ठ नेता अली मोहम्मद सागर ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में तिरंगा फहराना “कोई नई बात नहीं है” और वर्षों से एक नियम रहा है।

उनके हवाले से लिखा गया कि, "अतीत में, मैंने गृह मंत्री और ग्रामीण विकास मंत्री के रूप में झंडा फहराया था।"

माकपा नेता मोहम्मद यूसुफ तारिगामी ने सोमवार को एक पार्टी समारोह के दौरान कहा कि संविधान की बहाली और तत्कालीन जम्मू-कश्मीर का झंडा राज्य की राजनीति की आधारशिला है जिसे भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार बदल नहीं सकती है।

मूल रूप से अंग्रेज़ी में प्रकाशित लेख को पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करेंः

Kashmir Parties Uphold Tricolour But Continue to Root for Erstwhile J&K Flag

अपने टेलीग्राम ऐप पर जनवादी नज़रिये से ताज़ा ख़बरें, समसामयिक मामलों की चर्चा और विश्लेषण, प्रतिरोध, आंदोलन और अन्य विश्लेषणात्मक वीडियो प्राप्त करें। न्यूज़क्लिक के टेलीग्राम चैनल की सदस्यता लें और हमारी वेबसाइट पर प्रकाशित हर न्यूज़ स्टोरी का रीयल-टाइम अपडेट प्राप्त करें।

टेलीग्राम पर न्यूज़क्लिक को सब्सक्राइब करें

Latest