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यूपी: नाबालिग लड़कियों के ख़िलाफ़ अपराध का बढ़ता ग्राफ, मथुरा में आठ साल की बच्ची की दुष्कर्म के बाद हत्या!

हाथरस, बलरामपुर, लखीमपुर खीरी जैसे अनेकों मामले कई दिन राष्ट्रीय मीडिया में बने रहे, तगड़ा जन आक्रोश देखने को मिला, बावजूद इसके योगी राज में महिलाओं-बच्चियों की तस्वीर नहीं बदली।
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Image courtesy: Srishti Sharma/iStaunch

उत्तर प्रदेश का मथुरा जिला एक बार फिर सुर्खियों में है। वजह मंदिर या मस्जिद नहीं बल्कि एक मासूम आठ साल की बच्ची की दुष्कर्म के बाद निर्मम हत्या का मामला है। पुलिस के मुताबिक आरोपी ने बच्ची के मुंह में उसके ही अंडरगार्मेंट्स ठूंस दिए थे जिसके कारण दम घुटने से बच्ची की मौत हो गई। फिलहाल पुलिस ने आरोपी को कुछ सबूतों के आधार पर गिरफ्तार कर लिया है।

हालांकि प्रदेश में नाबालिग बच्ची के साथ बलात्कार और फिर हत्या का ये मामला इक्का-दुक्का वारदातों में शामिल नहीं है। आए दिन कानून व्यवस्था से बेखौफ अपराधी राज्य में मासूमों और महिलाओं को अपनी हवस का शिकार बनाते रहते हैं। हाथरस, बलरामपुर, लखीमपुर खीरी जैसे मामले कई दिन राष्ट्रीय मीडिया में बने रहे बावजूद इसके योगी राज में महिलाओं- बच्चियों की तस्वीर नहीं बदली।

क्या है पूरा मामला?

प्राप्त जानकारी के मुताबिक घटना मथुरा के वृंदावन कोतवाली क्षेत्र की है। 26 नवंबर की दोपहर आठ साल की बच्ची अपनी पड़ोस की महिला के साथ लकड़ी बीनने के लिए निकली। लेकिन लकड़ी बीनते समय ही वो गायब हो गई। बच्ची जब ढूंढने के बावजूद नहीं मली, तो शाम सात-साढ़े सात बजे के करीब मामले की शिकायत थाने में की गई।

अगले दिन जंगल से दयनीय स्थिति में उसका शव मिला। घटना के दूसरे दिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट आई, तो उसमें रेप के बाद हत्या की पुष्टि हुई।

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पुलिस का क्या कहना है?

स्थानीय एसएसपी डॉ. गौरव ग्रोवर ने बताया कि रमणरेती थाने क्षेत्र में सूचना मिली थी कि आठ साल की बच्ची पड़ोस की महिला के साथ जंगल में लकड़ी बीनने के लिए गई थी, पर वहीं से वो गायब हो गई।

एसएसपी के मुताबिक, शिकायत मिलने के तुरंत बाद मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई शुरू की गई थी। जांच के लिए सर्च ऑपरेशन भी शुरू किया गया था। पूरी रात तलाशने के बावजूद बच्ची का कुछ पता नहीं चल पाया था। बच्ची का शव 27 नवंबर की सुबह सात बजे गांव सुनरख और मल्टी लेवल पार्किंग के बीच स्थित जंगल से बरामद किया गया।

बच्ची का शव अर्धनग्न अवस्था में मिला

इस संबंध में सीओ ने बताया कि बच्ची का शव अर्धनग्न अवस्था में मिला था और मुंह में कपड़ा ठुंसा हुआ था। जिस जगह बच्ची का शव मिला था, वहां और आस-पास के क्षेत्र का निरीक्षण किया था। इसके बाद पुलिस ने बच्ची के परिवार से और आस-पड़ोस से पूछताछ की थी। साथ ही एक संदिग्ध को भी हिरासत में लिया।

मथुरा पुलिस ने संवाद न्यूज एजेंसी की कटिंग भी ट्वीट की है। इसके मुताबिक, आरोपी ने बच्ची के मुंह में उसके ही अंडरगार्मेंट्स भर दिए थे और दम घुटने से बच्ची की मौत हो गई थी।

पोस्टमार्टम रिपोर्ट में क्या आया?

एसपी सिटी उदय शंकर सिंह के अनुसार पोस्टमार्टम रिपोर्ट में बच्ची के रेप की बात सामने आई है।

पुलिस का कहना है कि इस मामले की जांच के लिए पांच टीमें बनाई गईं थी। छानबीन के दौरान पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार भी किया था। उसके कपड़ों और शारीरिक परीक्षण से पता चला था कि घटना को इसी ने अंजाम दिया है।

डॉक्टर्स के अनुसार आरोपी के कपड़ों पर ब्लड स्पॉट मिले हैं और सीमेन के कुछ स्पॉट्स मिले हैं। और घटना स्थल पर जिस प्रकार की मिट्टी पाई गई थी, वही मिट्टी आरोपी के अंडरवीयर पर लगी हुई थी।

पुलिस ने बताया कि आरोपी नशेड़ी टाइप का व्यक्ति है। उसे उस जंगल में पहले भी देखा जाता रहा है। बच्ची के साथ में उसके गांव के तीन लोग मौजूद थे। उनसे भी पुलिस ने पूछताछ की थी, तो उन्होंने भी आरोपी को जंगल में देखने की बात बताई थी और इन्हीं सबूतों के आधार पर पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार किया और उसे जेल भेज दिया।

बता दें कि उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार महिला सुरक्षा के नाम पर कथित लव जिहाद को रोकने के लिए मज़बूत कानून ले आई, एंटी रोमियो दल से लेकर मिशन शक्ति तक तमाम योजनाओं के दावे और वादे हुए बावजूद इसके प्रदेश में महिलाओं और नाबालिग बच्चियों के खिलाफ अपराध का ग्राफ लगातार तेज़ी से बढ़ता ही जा रहा है।

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प्रदेश में महिला सुरक्षा का बुरा हाल

गौरतलब है कि महिलाओं की सुरक्षा को प्राथमिकता बताने वाली बीजेपी की योगी सरकार में नाबालिग और दलित लड़कियों को खास तौर पर निशाना बनाया जा रहा है। बीते दिनों एक के बाद एक बलात्कार और हत्या की घटनाओं ने रामराज पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं।

नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो यानी एनसीआरबी की इस साल जनवरी में आई सालाना रिपोर्ट कहती है कि महिलाओं के ख़िलाफ़ अपराध के मामले में उत्तर प्रदेश सबसे आगे है। देश में महिलाओं के ख़िलाफ़ 2018 में कुल 378,277 मामले हुए और अकेले यूपी में 59,445 मामले दर्ज किए गए। यानी देश के कुल महिलाओं के साथ किए गए अपराध का लगभग 15.8%।

इसके अलावा प्रदेश में कुल रेप   के 4,322 केस हुए। यानी हर दिन 11 से 12 रेप केस दर्ज हुए। ध्यान देने वाली बात ये है कि ये उन अपराधों पर तैयार की गई रिपोर्ट है जो थानों में दर्ज होते हैं। इन रिपोर्ट से कई ऐसे केस रह जाते हैं जिनकी थाने में कभी शिकायत ही दर्ज नहीं हो सकी। एनसीआरबी देश के गृह मंत्रालय के अंतर्गत आता है।

सत्ता पक्ष के नेता खुलेआम आरोपियों का मनोबल बढ़ाते हैं!

‘लॉ एंड ऑर्डर बेहतर स्थिति में है और आगे भी बेहतर स्थिति में रहेगा' कहने वाले सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इन तमाम घटनाओं के चलते कानून व्यवस्था के नाम पर नाकामी का आरोप झेल रहे हैं।

जानकारों के अनुसार प्रदेश में पुलिस प्रशासन का खौफ़ नहीं है। अपराधी लॉ एंड ऑर्डर की खुले-आम धज्जियां उड़ा रहे हैं और सरकार इसे बाहरी साजिश के नाम पर लीपा-पोती करने में लगी है। आए दिन सामने आ रही आपराधिक घटनाओं पर लगाम नहीं लग पा रही तो वहीं दबंगों में क़ानून का भय ना के बराबर है। कई मामलों में तो सत्ता पक्ष के नेता खुलेआम आरोपियों के पक्ष में खड़े दिखाई देते हैं, जिससे उनका मनोबल और बढ़ता है। ऐसे में यह कहना बड़ा मुश्किल है कि अपराधियों में क़ानून का भय है और सीएम के रामराज के दावे में सच्चाई।

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