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अपडेट: पहलवान गंगा मे नहीं बहाएंगे अपने मेडल, 5 दिन का अल्टीमेटम

पहलवानों ने यह निर्णय देशभर के लाखों लोगों की अपील और खाप पंचायत और किसान संगठनों के विशेष अनुरोध पर लिया है।
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फ़ोटो साभार: PTI

पिछले एक महीना सात दिनों से अखिल भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के बाहुबली सांसद बृजभूषण सिंह के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे पहलवानों ने गंगा नदी में अपने मेडल को प्रवाहित करने का अपना फैसला टाल दिया है। ये निर्णय उन्होंने देशभर के लाखों लोगों की अपील और खाप पंचायत और किसान संगठनों के विशेष अनुरोध पर लिया है।

ये पहलवान अपने दोपहर के बयान के अनुसार शाम छह बजे हरिद्वार की हर के पैड़ी पर पहुँच गए थे और अपने मेडल को गंगा मे प्रवाहित करने जा रहे थे। हालांकि बीजेपी समर्थित गंगा समिति के अध्यक्ष ने पहलवानों को गंगा में मेडल डालने से रोका। वहां मौजूद कुछ बीजेपी समर्थकों पर बदसलूकी करने के भी आरोप लगे हैं।

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पहलवानों के ऐलान के बाद से ही लगातर उनके समर्थक और समाज के प्रमुख लोग उनसे इस तरह का कदम न उठाने की अपील कर रहे थे। इसी कड़ी में खाप सरपंच और भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष नरेश टिकैत अपने अन्य खापों के अध्यक्षों के साथ हरिद्वार पहुँचे और पहलावनों से बात की और उन्हें आश्वस्त किया की उनके संघर्ष में पूरा समाज उनके साथ है। यह संघर्ष अब आर पार का होगा। उन्होंने खिलाड़ियों से पांच दिन का समय मांगा और कहा कि अगर पांच दिन में न्याय नहीं मिला तो पहलवान अपना निर्णय लेने को आजाद हैं। इस बात पर मौजूद सभी पहलवान मान गए हैं और खाप प्रमुखों के साथ दिल्ली आ रहे हैं।  

आज हरिद्वार पहुंचने पर पहलवानों ने कहा कि जब सरकार हमारी बात न सुनने को और न ही आरोपी सांसद पर कार्रवाई करने को तैयार है तो ऐसे में देश के लिए जीते ये मेडल हमारे किस काम के। हम इन मेडल को गंगा में बहाने के लिए यहां आए हैं। विनेश फोगाट, बजरंग पुनिया, संगीता फोगाट, साक्षी मलिक समेत कई शीर्ष प्रदर्शनकारी पहलवान हरिद्वार पहुंचे थे। इन पहलवानों ने बृज भूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन शोषण के आरोप लगाए हैं।

आज दिन में पहलवानों की ओर से जारी किए गए एक पत्र ने पूरे देश में लोगों को विचलित कर दिया।

इस घटना के बाद लगातार देशभर से लोग पहलवानों के समर्थन में आगे आए और सरकार की निंदा की। किसान नेता राकेश टिकैट ने ट्वीट करते हुए कहा कि ‘यह मेडल देश और तिरंगे की शान है। हमारा सभी पहलवानों से अनुरोध है कि ऐसा कदम मत उठाओ। आपने अपने खेल से देश का सिर गर्व से ऊंचा किया है हमारा राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री जी से अनुरोध है कि मामले को संज्ञान में लेकर पहलवानों से जल्द बातचीत करें।'

एक दूसरे ट्वीट में उन्होंने कहा, 'भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं बालियान खाप के प्रधान,चौधरी नरेश टिकैत जी व अन्य खापों के प्रधान पहलवानों से मिलने के लिए हरिद्वार जल्दी पहुंच रहे हैं आप सभी पहलवानों से अनुरोध है कि गलत कदम मत उठाओ।'

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट किया, "पूरा देश स्तब्ध है। पूरे देश की आंखों में आंसू हैं। अब तो प्रधानमंत्री जी को अपना अहंकार छोड़ देना चाहिए।"

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने महिला पहलवानों के अपने पदकों को गंगा में प्रवाहित करने की घोषणा करने के बाद मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि वह लाल किले की प्राचीर से महिला सम्मान पर ‘लेक्चर’ देते हैं, लेकिन असल में यौन शोषण के आरोपी को संरक्षण दे रहे हैं।

उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘भारत की बेटियां कह रही हैं कि “पुलिस और तंत्र” अब पवित्र नहीं रहा। पिछले कई दिनों से देश का सम्मान बढ़ाने वाली बेटियों के साथ जो हुआ है, वो सबने देखा है। मोदी जी, लाल क़िले से महिला सम्मान का लंबा लेक्चर देते हैं, पर यौन शोषण के आरोपी को पूरा संरक्षण है।’’

खड़गे ने सवाल किया, ‘‘आख़िर क्या ज़िद है, बेटियों को न्याय क्यों नहीं मिल सकता? क्यों बेटियों को ही कठघरे में खड़ा किया गया है? क्यों वो मां गंगा में प्रदक प्रवाहित करने के लिए मजबूर हुईं? ‘बेटी बचाओ’ नहीं, अपराधी बचाओ, देश के गौरव को ठेस पहुंचा?’’

पहलवानों के विरोध के समर्थन में पूर्व क्रिकेटर अनिल कुंबले ने ट्वीट किया है। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, "28 मई को हमारे पहलवानों के साथ मारपीट के बारे में सुनकर निराशा हुई। उचित बातचीत के जरिए कुछ भी हल किया जा सकता है। जल्द से जल्द समाधान की उम्मीद है।

पंजाब  सीएम भगवंत मान ने लिखा, "हमारे देश के अंतराष्ट्रीय पदक विजेता पहलवानों द्वारा केंद्र सरकार से दुखी होकर अपने पदकों को हरिद्वार गंगा जी में बहाने जाना देश के लिए बहुत शर्मनाक है। अगर समय रहते आवाज न उठाई गई तो अगली बारी देश के लोकतंत्र की अस्थियों को बहाने की होगी।"

नेशनल कांफ्रेंस के नेता फारूख अब्दुल्ला ने कहा, "जिस तरह से पुलिस ने इनके (पहलवानों) साथ किया..वो गलत है। मैं समझता हूं कि इसकी तरफ प्रधानमंत्री को देखना चाहिए और जिस सांसद ने ये किया है उसके खिलाफ FIR दर्ज किया जाए और उसे सजा दी जाए।"

कांग्रेस नेता और राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने भी पहलवानों से मेडल न बहाने की अपील की। उन्होंने कहा, 'कोई भी खिलाड़ी अपने मेडल से बच्चों से भी ज्यादा प्यार करता है। ये मेडल आसानी से नहीं मिलते। इसके लिए वर्षों मेहनत करनी पड़ती है। जब सारा आलम सुख से सोता है तब खिलाड़ी मेडल के लिये स्टेडियम में पसीना बहा रहे होते हैं। ये मेडल उन क्षणों की याद दिलाते हैं जब इन्हें जीतने पर राष्ट्रगान गाया जाता है और तिरंगा फहराया जाता है। ये मेडल खिलाड़ियों का प्राण हैं और इनका त्याग प्राण त्यागने जैसा ही है। खिलाड़ी कितने दुखी होंगे कि उन्होंने इतना कठोर फैसला लिया है। मेरी खिलाड़ियों से प्रार्थना है कि ये मेडल देश की धरोहर हैं। आपने मेहनत करके देश के लिये जीते हैं। इनको गंगा में न बहायें।'

पूरा देश हाहाकार कर रहा है, लेकिन इतना सब होने पर भी सरकार ने चुप्पी साध रखी है। उधर दिल्ली पुलिस ने पहलवानों को धमकाते हुए कहा है कि इंडिया गेट पर कोई अनशन नहीं करने दिया जाएगा।

इस सबके बीच किसान और खाप पंचायत ने 4 जून को हरियाणा मे एक बड़ी महापंचयत करने का ऐलान किया है। अगर तब तक दोषी के खिलाफ कारवाई नहीं हुई तो कोई बड़ा एलान संभव है।

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