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उत्तराखंड: बोर्ड परीक्षाओं की तैयारी में जुटे छात्र, कोरोना भी ले रहा इम्तिहान

राज्य के कई जिलों के स्कूलों में कोरोना संक्रमण की ख़बरें आ रही हैं। स्कूल खुलने के बाद से अब तक कुल कितने शिक्षक और कितने छात्र संक्रमित हुए इसका डाटा पब्लिक डोमेन में अलग से ज़ाहिर नहीं किया गया है। देहरादून कोविड कंट्रोल रूम से इस बारे में पूछा तो वहां से बताया गया “हम शिक्षक या छात्रों के लिहाज से डाटा अलग नहीं कर रहे हैं।”
उत्तराखंड
फोटो : सूचना विभाग

उत्तराखंड के स्कूलों में कोविड संक्रमण के केस लगातार सामने आ रहे हैं। दसवीं-बारहवीं की बोर्ड परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्र कैंपस में हर रोज़ कोरोना का इम्तिहान भी दे रहे हैं। दिवाली के बाद कोविड-19 के बढ़ते मामलों को देखते हुए उत्तराखंड सरकार ने कॉलेज खोलने का फ़ैसला फिलहाल टाल दिया है। लेकिन दसवीं और बारहवीं की कक्षाएं अब भी लगातार चल रही हैं। 6 नवंबर को राज्य में स्कूल खोलने के बाद से अब तक शिक्षकों और छात्रों के कोविड पॉज़िटिव होने की ख़बरें भी लगातार बनी हुई हैं। पौड़ी में एक साथ 70 से अधिक शिक्षक कोविड पॉज़िटिव पाए गए थे। नैनीताल, देहरादून, ऋषिकेश, चमोली में शिक्षक और छात्र संक्रमित हो चुके हैं। हरियाणा के जिंद और रोहतक में भी शिक्षक और छात्र कोरोना संक्रमित पाए गए हैं।

देहरादून के नवोदय विद्यालय में आवासीय परिसर में रह रहे एक शिक्षक 11 नवंबर को कोरोना पॉज़िटिव पाए गए। इसके बाद स्कूल में हड़कंप मच गया। 15 नवंबर को स्कूल ने सभी शिक्षकों और स्टाफ की कोरोना जांच करायी। 34 में से 28 शिक्षकों की रिपोर्ट शिक्षा विभाग में जमा करायी गई और स्कूल दोबारा खोल दिया गया। 6 शिक्षकों की रिपोर्ट मिलने से पहले ही स्कूल खोलने पर मुख्य शिक्षा अधिकारी ने नाराजगी जतायी।

क्या ये पर्याप्त है?

मुख्य शिक्षा अधिकारी आशा रानी पैन्यूली ने न्यूज़क्लिक से बातचीत में तीन स्कूलों के नाम गिनाए और कहा “जैसे-जैसे हमें पॉजिटिव केस का पता चल रहा है, विद्यालय तीन दिनों के लिए बंद कर सेनेटाइज़ कराया जा रहा है। एक-एक स्टुडेंट की थर्मल स्क्रीनिंग करायी जा रही। राजीव गांधी नवोदय विद्यालय के शिक्षक के पॉजिटिव आने पर हमने उसे तीन दिन के लिए आइसोलेशन में रखा। जो भी संक्रमित पाये जा रहे हैं, हम उसे आइसोलेशन में भेज देंगे”।

जिन तीन स्कूलों के बारे में मुख्य शिक्षा अधिकारी बात कर रही थीं उनमें से दो ऋषिकेश के सरकारी इंटर कॉलेज थे। यहां दो अलग-अलग इंटर कॉलेज के तीन शिक्षक कोरोना पॉज़िटिव पाए गए। नैनीताल के रामनगर में भी पांच स्कूलों के आठ छात्र कोरोना संक्रमित मिले। संक्रमण का पता चलते ही छात्रों को कोविड सेंटर भेजा गया।

जैसे कम्यूनिटी में संक्रमण, वैसे स्कूल में भी?

नैनीताल की सीएमओ डॉ. भागीरथी जोशी न्यूज़क्लिक को बताती हैं “हां कुछ बच्चे कोविड पॉज़िटिव आ रहे हैं। पांच-छह, पांच-छह मामले इस तरह के आ रहे हैं लेकिन बहुत ज्यादा पॉज़िटिव केस नहीं है। जैसे कम्यूनिटी में संक्रमण हो रहा है, वैसे ही स्कूलों की स्थिति है। अलग से ऐसा नहीं है कि स्कूल में बहुत से मामले एक साथ पॉज़िटिव आ गए। इतना संक्रमण तो बाहर भी है”।

फोटो साभार : हरिभूमि

स्कूलों में संक्रमण के केस लगातार

उत्तराखंड में स्कूल आठ महीने बंद रहने के बाद 2 नवंबर को खोले गए। पहले ही दिन अल्मोड़ा में एक छात्र कोरोना संक्रमित पाया गया। उसके बाद 5 नवंबर को पौड़ी में पांच ब्लॉक के 80 शिक्षक-शिक्षिकाएं एक साथ कोरोना संक्रमित मिले। जबकि स्कूल खुलने से पहले सभी शिक्षकों का कोरोना टेस्ट कराया गया था। इसके बावजूद इतने शिक्षक एक साथ कोरोना पॉजिटिव पाए गए और स्कूल दोबारा पांच दिनों के लिए बंद हुए। इस घटना से अभिवावक भी दहशत में आ गए।

देशभर के स्कूलों से इस तरह की ख़बरें आ रही हैं। स्थानीय मीडिया के मुताबिक फरीदाबाद में सरकारी स्कूल के 14 टीचर कोरोना पॉज़िटिव मिले। रेवाड़ी में 13 स्कूलों के 103 बच्चे संक्रमित पाए गए। जींद में 11 स्कूली बच्चे और 8 शिक्षक संक्रमित मिले। सिरसा में 16 बच्चे कोरोना पीड़ित पाए गए। जिसके बाद हरियाणा सरकार ने 30 नवंबर तक स्कूल बंद रखने का निर्देश जारी कर दिया।

क्या है उत्तराखंड के स्कूलों में संक्रमण का डाटा?

राज्य के कई जिलों के स्कूलों में कोरोना संक्रमण की ख़बरें आ रही हैं। स्कूल खुलने के बाद से अब तक कुल कितने शिक्षक और कितने छात्र संक्रमित हुए इसका डाटा पब्लिक डोमेन में अलग से ज़ाहिर नहीं किया गया है। देहरादून कोविड कंट्रोल रूम से इस बारे में पूछा तो वहां से बताया गया “हम शिक्षक या छात्रों के लिहाज से डाटा अलग नहीं कर रहे हैं ”।

स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी से इस बारे में बात करने की कोशिश की। उन्होंने फ़ोन और मैसेज दोनों का ही कोई जवाब नहीं दिया। ये सूचना लोगों के लिए जरूरी है। बोर्ड परीक्षाओं की वजह से जो अभिवावक अपने बच्चों को स्कूल भेज रहे हैं उनके लिए ये जानना जरूरी है। स्कूल खोले जाएं या नहीं, दूसरी कक्षाओं को भी शुरू किया जाए या नहीं, इस सब पर फ़ैसला लेने से पहले इस तरह के डाटा की जरूरत होगी।

स्कूल खोलने की इतनी जल्दी क्या है

नेशनल एसोसिएशन फॉर पेरेंट्स एंड स्टुडेंट्स राइट्स के अध्यक्ष आरिफ खान कहते हैं “स्कूलों में शिक्षक कोरोना पॉज़िटिव पाए गए, उससे पहले वे क्लास देते रहे। कई बच्चे और शिक्षक संक्रमित हो चुके हैं। वे स्कूल जा रहे हैं फिर अपने घरों में जा रहे हैं। हमने इस बारे में मानव अधिकार आयोग और बाल अधिकार आयोग से भी बात की। स्कूल खोलने की इतनी जल्दी क्या है”।

‘हमें कोई दिक्कत नहीं है’

देहरादून के एक स्कूल में बारहवीं की छात्रा सृष्टि लंबे समय बाद स्कूल खुलने से ख़ुश हैं। वह कहती है “स्कूल में सोशल डिस्टेन्सिंग का ख्याल रखा जा रहा है। बच्चों को एक साथ देखने पर डायरेक्टर कहते हैं कि साथ-साथ रहे तो टीसी काट देंगे। हमारी थर्मल जांच की जा रही है। सेनेटाइजेशन किया जा रहा है। दूर-दूर रह कर पढ़ाया जा रहा है। तीन घंटे के लिए स्कूल खुल रहा है। कई बार ऑडिटोरियम में पढ़ाया जाता है। हमें कोई दिक्कत नहीं है”।

गनीमत है कि सृष्टि के स्कूल में इतनी सुविधा और एहतियात है और कोरोना संक्रमण का कोई केस नहीं है। बच्चे स्कूल जाना भी चाहते हैं। लेकिन हर स्कूल में ऐसी सुविधा और एहतियात नहीं और अगर है भी तो सिर्फ़ बताने और दिखाने के लिए। वास्तव में स्कूलों में सोशल डिस्टेन्सिंग और अन्य कोरोना प्रोटोकॉल का कितना ख़्याल रखा जाना संभव है यह भी एक सवाल है। जिन स्कूलों में पॉजिटिव केस आए हैं, वहां अभिवावक डरे हुए हैं। कुछ अभिवावकों ने कहा कि यदि एक साल के लिए शून्य सत्र भी कर देते तो क्या हर्ज होता?

उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण की रफ़्तार थमने से लोग राहत की सांस ले रहे थे। हालांकि अब एक बार फिर मामले बढ़ रहे हैं। केंद्र की ओर से त्योहारों की भीड़भाड़ के बाद सर्दी के मौसम की शुरुआत को देखते हुए प्रदेश में सतर्कता बरतने की एडवायजरी भी जारी की गई है। इन हालात में सरकार को तय करना है कि बच्चे कोरोना का इम्तिहान दें या दसवीं-बारहवीं के बोर्ड की तैयारी करें।

(देहरादून स्थित वर्षा सिंह स्वतंत्र पत्रकार हैं।)

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