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वाराणसी: सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में NSUI की बड़ी कामयाबी, ABVP को मिली शिकस्त

संपूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय के अध्यक्ष पद पर शिवम शुक्ला, उपाध्यक्ष पर चन्दन कुमार मिश्र, महामंत्री पद पर अवनीश मिश्रा और पुस्तकालय मंत्री के पद पर रजनीकान्त दुबे ने जीत हासिल की है। ये चारों उम्मीदवार कांग्रेस के स्टूडेंट विंग एनएसयूआई के हैं।
सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी स्थित सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय छात्रसंघ चुनाव में कांग्रेस के छात्र संगठन एनएसयूआई ने बड़ी कामयाबी हासिल की है। एनएसयूआई ने छात्रसंघ की सभी चारों सीटों पर कब्जा जमा लिया है। अध्यक्ष पद पर एनएसयूआई के शिवम शुक्ला ने एबीवीपी के हर्षित पांडेय को दोगुना से भी ज्यादा वोटों से शिकस्त दी है तो वहीं उपाध्यक्ष पद पर चंदन कुमार मिश्र, महामंत्री पद पर अवनीश कुमार मिश्र और पुस्तकालय-मंत्री पद पर रजनीकांत दूबे चुने गए हैं।

एनएसयूआई के स्टेट प्रेसिडेंट विकास सिंह ने न्यूज़क्लिक से बातचीत में कहा, ‘ये जीत लेकतंत्र की जीत है। संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के छात्रों ने एबीवीपी की हिंसा का जवाब शांतिपूर्ण लोकतांत्रिक मतदान से दिया है। एबीवीपी द्वारा जेएनयू में छात्र-छात्राओं व शिक्षकों पर हमला और अहमदाबाद में एनएसयूआई कार्यकर्ता के ऊपर हुए हमलों का बदला लोकतांत्रिक तरीके से बैलट पेपर के माध्यम से लिया है।

एनएसयूआई की इस जीत पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी ट्वीट कर विजयी छात्रों को बधाई दी है। प्रियंका ने लिखा, 'संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में एनएसयूआई की जीत पर गर्व है। चार में से चार। बहुत खूब एनएसयूआई।'

बता दें कि बुधवार 8 जनवरी को खराब मौसम के बीच मतदान हुआ और शाम करीब 6 बजे चुनाव अधिकारी प्रो. शैलेश कुमार मिश्र ने नतीजों की घोषणा की। इसके बाद कुलपति प्रो. राजाराम शुक्ल ने नए पदाधिकारियों को संस्कृत में शपथ दिलाई। इसके साछ ही विजेता प्रत्याशियों को विवाद से बचने के लिए विश्वविद्यालय में किसी प्रकार का जुलूस न निकालने की हिदायत भी दी गई। विश्वविद्यालय प्रशासन ने विजयी प्रत्याशियों को पुलिस के संरक्षण में उनके घर भी पहुंचाया।

अध्यक्ष पद पर जीत हासिल करने वाले शिवम शुक्ला ने बताया, ‘पिछले साल हुए छात्र संघ के चुनाव में विश्वविद्यालय की चारों सीटों पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने जीत हासिल की थी जबकि उसके पिछले साल एबीबीपी और एनएसयूआई का दो दो सीटों पर कब्जा था। ये जीत इस बात सबूत है कि अब छात्र बीजेपी को नकार चुके हैं, हम इस जीत से बहुत खुश हैं।'

वाराणसी यूथ कांग्रेस के जिलाध्यक्ष विश्वनाथ कुँवर ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के छात्र संगठन एबीवीपी की हार और एनएसयूआई की जीत यह दर्शाती है कि जनता अब कांग्रेस के साथ है। देश और प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के लोगों द्वारा जिस प्रकार दमनकारी नीति अपनाकर माहौल खराब किया जा रहा है और छात्रों के ऊपर हमला करवाया जा रहा है आज उसी के जवाब स्वरूप प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में भारतीय जनता पार्टी की छात्र संगठन एबीवीपी की करारी हार हुई है और कांग्रेस ने अपना परचम लहराया है।

गौरतलब है कि बीते दिनों एबीवीपी के छात्रों ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के संस्कृत विद्या धर्म संकाय में मुस्लिम प्रोफेसर फिरोज़ खान की नियुक्ति पर जोरदार बवाल किया था। जिसके बाद फिरोज खान ने अपना संकाय बदल लिया और कला संकाय में पढ़ाने लगे। ऐसे में एक संस्कृत विद्यालय में एबीवीपी की हार कई अहम सवाल खड़े कर रही है।

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)

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