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उत्तर प्रदेश में कोरोना महामारी के प्रचंड प्रकोप के बीच बृहस्पतिवार को पंचायत चुनाव के पहले चरण का मतदान

जिला पंचायत सदस्य, क्षेत्र पंचायत सदस्य, ग्राम प्रधान और ग्राम पंचायत वार्ड सदस्य के 2.21 लाख से अधिक पदों के लिए 3.33 लाख से ज्यादा उम्मीदवार मैदान में हैं।
उत्तर प्रदेश में कोरोना महामारी के प्रचंड प्रकोप के बीच बृहस्पतिवार को पंचायत चुनाव के पहले चरण का मतदान
'प्रतीकात्मक फ़ोटो' साभार: सोशल मीडिया

उत्तर प्रदेश में कोरोना महामारी के दूसरी लहर के बीच पंचायत चुनाव के पहले चरण के तहत बृहस्पतिवार को 18 जिलों में 2.21 लाख से ज्यादा पदों के लिए मतदान हो रहा है। इन चुनवों को अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव का 'सेमीफाइनल' माने जा रहे राज्य निर्वाचन आयोग कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक मतदान सुबह सात बजे से शुरू होकर शाम छह बजे तक चलेगा। जिला पंचायत सदस्य, क्षेत्र पंचायत सदस्य, ग्राम प्रधान और ग्राम पंचायत वार्ड सदस्य के 2.21 लाख से अधिक पदों के लिए 3.33 लाख से ज्यादा उम्मीदवार मैदान में हैं।

चार चरणों में होने वाले चुनाव के पहले चरण में अयोध्या, आगरा, कानपुर, गाजियाबाद, गोरखपुर, जौनपुर, झांसी, प्रयागराज, बरेली, भदोही, महोबा, रामपुर, रायबरेली, श्रावस्ती, संत कबीर नगर, सहारनपुर, हरदोई और हाथरस जिलों में मतदान होगा।

पहले चरण में जिला पंचायत सदस्य के 779 पदों के लिए 11,442 प्रत्याशी, क्षेत्र पंचायत सदस्य के 19,313 पदों के लिए 81,747 उम्मीदवार, ग्राम प्रधान के 14,789 पदों के लिए 1,14,142 प्रत्याशी तथा ग्राम पंचायत वार्ड सदस्यों के 1,86,583 पदों के लिए 1,26,613 उम्मीदवार मैदान में हैं।

आगरा से प्राप्त खबर के अनुसार बृहस्पतिवार को होने वाले पंचायत चुनाव के पहले चरण में आगरा में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है। जिलाधिकारी प्रभु नारायण सिंह ने इस संबंध में जरूरी दिशानिर्देश दिए।

प्रदेश के अपर निर्वाचन आयुक्त वेद प्रकाश वर्मा ने बुधवार को बताया कि मतदान कोविड-19 संबंधित कड़े प्रोटोकॉल के बीच होगा। इस दौरान मतदाताओं को मास्क लगाना और सामाजिक दूरी बनाए रखना अनिवार्य होगा। आयोग ने मतदान केंद्रों के बाहर छह-छह फुट की दूरी पर घेरे बनाने का आदेश जारी किया है।

उन्होंने बताया कि आगामी दो मई को मतगणना के दौरान भी कोविड-19 प्रोटोकॉल का पूरी तरह पालन किया जाएगा और जरूरत पड़ने पर पीपीई किट की भी व्यवस्था की जाएगी।

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को आगामी 25 मई तक पंचायत चुनाव की प्रक्रिया संपन्न कराने के आदेश दिए थे।

इस बार चुनाव मैदान में भाजपा, सपा और कांग्रेस के साथ-साथ, आम आदमी पार्टी, आजाद समाज पार्टी तथा असदुद्दीन ओवैसी की अगुवाई वाली ऑल इंडिया मजलिस इत्तेहादुल मुस्लिमीन भी है।

कांग्रेस प्रवक्ता अशोक सिंह ने दावा किया कि पंचायत चुनाव में कांग्रेस सबको चौंका देगी। उन्होंने कहा कि पार्टी इन चुनाव में बेहतरीन प्रदर्शन करेगी क्योंकि लोग पिछले चार वर्षों के दौरान भाजपा के कथित कुशासन से त्रस्त हो चुके हैं और कांग्रेस की तरफ आशा भरी नजरों से देख रहे हैं।

सिंह के इस दावे पर प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए प्रदेश भाजपा मीडिया संयोजक नवीन श्रीवास्तव ने कहा कि भाजपा पंचायत चुनाव में बाकी दलों का सूपड़ा साफ कर देगी जिस तरह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ग्रामीण इलाकों में गरीबों और किसानों के कल्याण के लिए काम किया है उसे देखते हुए पंचायत चुनाव में भाजपा की जीत सुनिश्चित है।

लेकिन एक सवाल जो लोगो पूछ रहे हैं क्या इस माहमारी के बीच यह चुनाव को टाला नहीं जा सकता था? क्योंकि प्रदेश और देश आज कोरोना माहमारी के भयंकर प्रकोप से जूझ रहा है। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में कोरोना की दूसरी लहर के हालत कितने बुरे हो चुके हैं,  इसका अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है कि अब सरकार में शामिल मंत्री, राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल उठा रहे हैं। क़ानून मंत्री बृजेश पाठक का कहना है कि लखनऊ में इस समय 17 हजार कोविड जांच किटों की आवश्यकता है, परन्तु 10 हजार ही मिल रही हैं।

कई स्थानीय पत्रकारों ने राज्य की राजधानी लख़नऊ के बारे में बताया और कहा यहां जिन्दा को इलाज नहीं मिला रहा है और मुर्दों को श्मशान भी नसीब नहीं हो पा रहा है। हम सभी को याद है जब 2017 के विधानसभा में चुनाव ही श्मसान और कब्रिस्तान पर हुआ था, लेकिन आज श्मसान का हाल देख लगता है उन्होंने अपना यह वादा भी पूरा नहीं किया।  

उत्तर प्रदेश में पिछले 24 घंटे के दौरान कोविड-19 संक्रमण से 68 और लोगों की मौत हो गई तथा 20510 नए मरीजों में इस संक्रमण की पुष्टि हुई। नए रोगियों का यह एक दिन का अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है।

(समाचार एजेंसी भाषा इनपुट के साथ)

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