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ग़रीब देशों को कोविड-19 वैक्सीन की अधिक आपूर्ति के लिए अमीर देशों से बूस्टर खुराक रोकने को डब्ल्यूएचओ ने कहा

कुछ देशों ने अपनी आधी से अधिक आबादी को पहले ही टीका लगा लिया है जबकि कई देशों में टीकाकरण अभी शुरू ही हुआ है।
ग़रीब देशों को कोविड-19 वैक्सीन की अधिक आपूर्ति के लिए अमीर देशों से बूस्टर खुराक रोकने को डब्ल्यूएचओ ने कहा

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने देशों से कहा है कि वे दुनिया की कम से कम 10% आबादी का टीकाकरण करने के लिए अपने देश के लोगों को कम से कम सितंबर तक COVID-19 वैक्सीन की अतिरिक्त तीसरी खुराक देने की अपनी योजना को रोकें। बुधवार 4 अगस्त को अपनी नियमित प्रेस कॉन्फ्रेंस में डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस एडनॉम ने कहा कि, हम "सभी सरकारों की अपने लोगों को डेल्टा वैरिएंट से बचाने की चिंता को समझ सकते हैं। लेकिन हम उन देशों को स्वीकार नहीं कर सकते हैं जो पहले से ही वैक्सीन की वैश्विक आपूर्ति का अधिक उपयोग कर चुके हैं, जबकि दुनिया के सबसे कमजोर लोग असुरक्षित रहते हैं।”

एडनॉम ने कहा कि, “अभी तक वैश्विक स्तर पर 4 बिलियन से अधिक टीके लगाए जा चुके हैं। 80% से अधिक उच्च और उच्च मध्यम आय वाले देशों में गए हैं, भले ही उनकी दुनिया की आधी से भी कम आबादी है।

इज़रायल, जर्मनी, यूके सहित कई देशों द्वारा वायरस के नए वैरिएंट से बचाने के लिए अपने सभी असुरक्षित लोगों को "बूस्टर खुराक" के रूप में वैक्सीन की एक अतिरिक्त खुराक देने के फैसले के बाद मोरेटोरियम का आह्वान किया गया था। इनमें से अधिकांश देशों ने पहले ही अपने ज्यादा से ज्यादा लोगों का टीकाकरण कर लिया है जबकि अधिकांश अफ्रीकी देशों में टीकाकरण का स्तर नगण्य है।

यूके ने अपनी कुल आबादी के कम से कम 67% को पहले ही पूरी तरह से टीका लगाया है और यूरोपीय देशों और अमेरिका का औसत डेटा लगभग 50% है जबकि अफ्रीका की कुल आबादी का केवल 1.8% पूरी तरह से टीका लगाया गया है।

डब्ल्यूएचओ के अनुसार, उच्च आय वाले देशों में प्रति 100 लोगों के लिए 101 वैक्सीन खुराक दी गई है, वहीं 29 सबसे कम आय वाले देशों में इसका डेटा प्रति 100 लोगों पर 1.7 खुराक है।

डब्ल्यूएचओ का कहना है कि कोई भी तब तक सुरक्षित नहीं है जब तक कि हर कोई सुरक्षित न हो क्योंकि कम टीकाकरण वाले समाजों में नए वैरिएंड पूरी तरह से टीकाकरण वाले देशों में नई लहरें पैदा कर सकते हैं और इसलिए "कम से कम सितंबर के अंत तक बूस्टरों को लेकर मोरेटोरियम लिए कहा जाता है, ताकि हर देश की आबादी का कम से कम 10 % लोगों का टीकाकरण किया जा सके।”

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