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जुमलाजीवी, भ्रष्ट जैसे शब्द हुए असंसदीय... विपक्ष का तंज़ "भारत की नई डिक्शनरी"

संसद का शीतकालीन सत्र शुरू होने से पहले कुछ शब्दों लिस्ट तैयार की गई है, जिन्हें अब कार्यवाही के दौरान बोले जाने पर दर्ज नहीं किया जाएगा।  
Parliament

बग़ैर किसी सूचना अचानक रात 8 बजे टीवी स्क्रीन पर आना और कहना कि आज रात 12 बजे से 500 के पुराने नोट और 1000 के नोट अस्तित्व में नहीं रहेंगे।

एक साल से ज्यादा देशभर का किसान सड़कों पर पड़ा रहता है, उनके रास्तों में कीले बिछाए जाते हैं, 750 किसानों की शहादत हो जाती है, इसके बावजूद उन्हें खालिस्तानी और आतंकवादी की संज्ञा देना। ठीक चुनावों से पहले अचानक टीवी स्क्रीन पर आना और कहना कि तीनों काले कानून वापस लिए जाते हैं।

ऊपर लिखी इन दो घटनाओं का अनुभव करने वाला देश सरकार को तानाशाह नहीं कहेगा तो और क्या कहेगा।

कुछ और घटनाओं पर ग़ौर कीजिए...

ये कहकर सरकार बनाना कि हम विदेश से काला धन वापस ले आएंगे, और फिर देश के हर शख्स के खाते में 15-15 लाख रुपये जमा हो सकते हैं।

ये कहकर सरकार में आना कि हम पट्रोल डीज़ल के दाम इतने कम कर देंगे कि कभी कोई शिकायत नहीं होगी, इसके बावजूद पेट्रोल के दाम 100 रुपये के पार पहुंच जाना।

ये कहना कि हम अगले पांच साल में देश की अर्थव्यवस्था पांच ट्रिलियन कर देंगे, लेकिन शून्य से भी नीचे हो जाती है।

ऊपर ज़िक्र की गई इन घटनाओं को जुमले की संज्ञा नहीं दी जाएगी तो और क्या कहा जाएगा।

अब सवाल ये है कि इन घटनाओं को कौन और कहां उठाएगा? ज़ाहिर है जनता द्वारा चुना गया विपक्ष संसद में ही इसके ख़िलाफ आवाज़ उठाएगा और सरकार से जवाब मांगेगा। लेकिन विडंबना है कि जैसे देश के बेहद ज़रूरी मुद्दों को दरकिनार कर सिर्फ मंदिर और मस्जिद के चक्कर लगाए जा रहे हैं, वैसे ही अब सरकार ने अपने मुताबिक शब्द भी तय कर लिए हैं, कि संसद के भीतर विपक्ष हमसे किन शब्दों को इस्तेमाल कर सवाल करेगा।

आगामी 18 जुलाई यानी सोमवार से संसद का शीतकाल सत्र शुरू हो रहा है, इससे पहले राज्यसभा पार्लियामेंट्री बुटेलिट पार्ट-2 के पेज 17 पर शब्दों की बकायदा एक लिस्ट जारी की गई है, लिस्ट में जो शब्द हैं उन्हें अगर अब संसद(लोकसभा और राज्यसभा) की कार्यवाही के दौरान इस्तेमाल किया जाएगा तो वो रिकॉर्ड में नहीं रहेगा।

कौन-कौन से शब्दों को असंसदीय बताया गया है:

शकुनि, जयचंद, विनाश पुरुष, खालिस्तानी, खून से खेती, जुमलाजीवी, गद्दार, गिरगिट, ठग, घड़ियाली आंसू, अपमान, असत्य, भ्रष्ट, काला दिन, कालाबाजारी, खरीद-फरोख्त, दंगा, दलाल, दादागिरी, दोहरा चरित्र, बेचारा, बॉबकट, लॉलीपॉप, विश्वासघात, संविधानहीन, बहरी सरकार, उल्टा चोर कोतवाल को डांटे, उचक्के, अहंकार, कांव-कांव करना, काला दिन, गुंडागर्दी, गुलछर्रा, गुल खिलाना, गुंडों की सरकार, चोर-चोर मौसेरे भाई, चौकड़ी, तड़ीपार, तलवे चाटना, तानाशाह और दादागिरी।

सिर्फ हिंदी शब्द ही नहीं बल्कि कुछ अंग्रेज़ी शब्दों को भी संसद की अवहेलना के दायरे में रखा गया है, जिसमें शामिल हैं:

Anarchist, Bloodshed, Bloody, Betrayed, Ashamed, Abused, Cheated, Childishness, Corrupt, Coward, Criminal, Crocodile tears, Disgrace, Donkey, Drama, Eyewash, Fudge, Hooliganism, Hypocrisy, Incompetent, Mislead, Lie and Untrue

सिर्फ शब्दों पर ही बैन नहीं किया गया है कि जबकि संसद भवन परिसर और उसके आसपास प्रदर्शन, हड़ताल, अनशन और धार्मिक आयोजन करने पर भी रोक लगा दी गई है।

सरकार के ऐसे फरमान को अगर एक लाइन में बोलें तो—चित भी मेरी और पट भी मेरा।

असंसदीय शब्द क्या होते हैं?

दुनियाभर की सदन डिबेट के दौरान कुछ नियम और स्टैंडर्ड अपनाती है। ऐसे शब्दों या फ्रेज जिनका प्रयोग करना संसद में अनुचित माना जाता है, उन्हें ही असंसदीय कहते हैं। ब्रिटेन की संसद में इसे असंसदीय भाषा कहा जाता है। ऐसे ही नियम दुनिया भर की कई संसदों में भी है।

ख़ैर... इधर असंवैधानिक शब्दों की सूची जारी हुई उधर विपक्ष ने हमला बोलना शुरू कर दिया।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट कर इसे भारत की नई डिक्शनरी करार दिया है।

टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने ट्वीट किया, "लोकसभा और राज्यसभा के लिए असंसदीय शब्दों की सूची में 'संघी' शामिल नहीं है। दरअसल, सरकार ने हर उस शब्द को बैन कर दिया है जिसके ज़रिए विपक्ष ये बताता है कि बीजेपी कैसे भारत को बर्बाद कर रही है।"

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने लिखा, "सरकार की मंशा है कि जब वो भ्रष्टाचार करे, तो उसे भ्रष्ट नहीं;  भ्रष्टाचार को मास्टरस्ट्रोक बोला जाए, 2 करोड़ रोज़गार, किसानों की आय दुगनी, जैसे जुमले फेंके, जो उसे जुमलाजीवी नहीं।, थैंक यू बोला जाएगा। संसद में देश के अन्नदाताओं के लिए आंदोलनजीवी शब्द किसने प्रयोग किया था?"

विपक्ष की ओर से रोज़गार, भ्रष्टाचार, जुमला जैसे शब्दों को लेकर सरकार पर निशाना साधा गया। फिलहाल आपको बता दें कि संसद में जिन शब्दों को असंवैधानिक बताया गया है कि उसमे छत्तीसगढ़ और राजस्थान की विधानसभा से हटाए गए शब्द भी शामिल हैं।

राजस्थान और छत्तीसगढ़ विधानसभा के शब्द भी शामिल

सूची में राजस्थान और छत्तीसगढ़ विधानसभा की कार्यवाही से हटाए गए जिन शब्दों और वाक्यों को शामिल किया गया है, उनमें अंट-शंट, अनपढ़, अनर्गल, अनार्किस्ट, उचक्के, उल्टा चोर कोतवाल को डांटे, औकात, कांव-कांव करना, गिरगिट, गुलछर्रा, घड़ियाली आंसू, घास छीलना, चोर-चोर मौसेरे भाई, ठग, ठगना, ढिंढोरा पीटना, तड़ीपार, तलवे चाटना, धोखाधड़ी, नाटक आदि शामिल हैं।

ख़ैर... इस बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता है कि जिन शब्दों को असंसदीय बताया गया है, उन्ही शब्दों को राजनीतिक पार्टियों के तमाम नेता टीवी डिबेट्स पर या अपने ट्वीटर के ज़रिए या अपने भाषणों और वक्तव्यों में धड़ल्ले से इस्तेमाल करते हैं। जैसे जयचंद, चोर-चोर मौसेरे भाई, चोर, भ्रष्ट और न जाने क्या-क्या...

लेकिन ये बात सच है कि पिछले दिनों विपक्ष की ओर से सरकार को घेरने के लिए जिन शब्दों का प्रयोग किया गया है, असंसदीय शब्दो की सूची में उनकी संख्या ज्यादा है।

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