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सार्वजनिक संपदा को बचाने के लिए पूर्वांचल में दूसरे दिन भी सड़क पर उतरे श्रमिक और बैंक-बीमा कर्मचारी

"मोदी सरकार एलआईसी का बंटाधार करने पर उतारू है। वह इस वित्तीय संस्था को पूंजीपतियों के हवाले करना चाहती है। कारपोरेट घरानों को मुनाफा पहुंचाने के लिए अब एलआईसी में आईपीओ लाया जा रहा है, ताकि आसानी से उद्योगपति इस कंपनी पर काबिज हो जाएं।"
Bharat Bandh

उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल के सभी जिलों में राष्ट्रीयकृत बैंकों, एलआईसी और डाकघरों में दूसरे दिन मंगलवार भी कामकाज पूरी तरह ठप रहा। स्टेट बैंक आफ इंडिया को छोड़कर अन्य बैंकों के क्षेत्रीय कार्यालयों पर कर्मचारी यूनियनों ने दूसरे दिन भी धरना दिया और नारेबाजी की। श्रमिकों ने केंद्र सरकार की दोषपूर्ण नीतियों के खिलाफ विरोध जताया। चंदौली, जौनपुर, भदोही, मिर्जापुर, सोनभद्र, गाजीपुर, बलिया, मऊ, आजमगढ़ समेत समूचे पूर्वांचल में एलआईसी दफ्तरों, डाकघरों और सरकारी बैंकों की शाखाओं में कामकाज बंद रहा, जिसके चलते करोड़ों का लेन-देन प्रभावित हुआ। चंदौली के चकिया में केंद्र सरकार की श्रम विरोधी नीतियों के खिलाफ मजदूरों और किसानों ने जुलूस निकाला और सरकार विरोधी नीतियों के खिलाफ नारेबाजी की।

वाराणसी के केंट स्थित मुख्य डाकघर पर प्रदर्शन करते कर्मचारी

वाराणसी के सिकरौल स्थित यूनियन बैंक के क्षेत्रीय कार्यालय पर बैंक एम्पलाइज फेडरेशन ऑफ इंडिया के पदाधिकारियों और कर्मचारियों ने प्रदर्शन किया। वाराणसी में कई प्रमुख बैंकों में ताला बंद देखकर आम जनता लौट गई तो कुछ ताला खुलने की आस में देर तक इंतजार करते नजर आए। संगठन के प्रदेश सचिव शिवनाथ यादव ने दावा किया कि सरकारी बैंकों में हड़ताल का जबरदस्त असर है। हड़ताल के चलते अरबों कारोबार ठप रहा। बैंक कर्मचारी यूनियनों ने सुबह क्षेत्रीय कार्यालयों के अलावा सभी बैंक शाखाओं को बंद भी करा दिया। बैंकों के कर्मचारी पोस्‍टर बैनर के साथ सड़क पर उतरे और मांगों के साथ ही ग्राहकों को वापस लौटा दिया।

धरने पर बैठे बैंक कर्मचारी 

ऑल इंडिया बैंकिंग इंप्लाइज संगठन से जुड़े सभी कर्मचारी दूसरे दिन भी काम से विरत रहे। नदेसर स्थित इंडियन बैंक के सामने मंगलवार को भी कर्मचारियों ने प्रदर्शन किया और सरकार पर मनमानी का आरोप लगते हुए प्रदर्शन किया। आंदोलन-प्रदर्शन में शामिल अभिषेक सिंह, गोविंद दुबे, सुनील कुमार मौर्या, मनोज कुमार जोशी, पवन यादव, अरुण कुमार सिंह ने कहा, "मोदी सरकार मनमानी कर रही है। खाली पदों पर न नियुक्तियां हो रही हैं और न ही श्रम कानूनों का पालन किया जा रहा है। "

वाराणसी के भेलूपुर स्थित एलआईसी के मंडलीय  कार्यालय के कर्मचारी पूरी तरह हड़ताल पर रहे। इसके चलते एलआइसी की किस्‍तें जमा करने आए ग्राहकों को बैरंग लौटना पड़ा। आंदोलन और प्रदर्शन के चलते लोग लौट गए। बनारस के सभी एलआईसी दफ्तरों में सन्नाटा पसरा रहा। इसके चलते अरबों का कारोबार प्रभावित हुआ।

वाराणसी में केंद्र सरकार की दोषपूर्ण नीतियों के खिलाफ धरना देते श्रमिक

एलआईसी का बंटाधार कर रही सरकार 

इंश्योरेंश एम्लाइज एसोसिएशन के मंडल अध्यक्ष नारायण चटर्जी ने आंदोलनकारी कर्मचारियों को संबोधित करते हुए कहा कि बनारस मंडल में पिछले दो दिनों में पांच सौ करोड़ रुपये का लेनदेन प्रभावित हुआ। कर्मचारियों और श्रमिकों को संबोधित करते हुए चटर्जी ने कहा, "मोदी सरकार एलआईसी का बंटाधार करने पर उतारी है। वह इस वित्तीय संस्था को अडानी और अंबानी के हवाले करना चाहती है। कारपोरेट घरानों को मुनाफा पहुंचाने के लिए अब एलआईसी में आईपीओ लाया जा रहा है, ताकि आसानी से उद्योगपति इस कंपनी पर काबिज हो जाएं। एलआईसी का ज्यादा शेयर कारपोरेटरों के हाथ में आने के बाद एलआईसी पर वो आसानी से कब्जा कर लेंगे। एलआईसी में आईपीओ कता मुद्दा सबसे महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे चालीस करोड़ बीमा धारकों का हित जुड़ा हुआ है। एलआईसी हर साल सरकार को चार से पांच लाख करोड़ रुपये मुहैया कराती है। अब सरकार बीमा कंपनी का 5 से 10 फीसदी शेयह बेचकर 1,00,000 करोड़ रुपये जुटाना चाहती है। अपने ग्राहकों के हित के लिए कर्मचारी ऐसा नहीं होने देंगे। देश की जनता के मालिकाना हक वाली एलआईसी पहले मुनाफे का कारोबार करती थी, जिसे भाजपा सरकार बीमार कर दिया है।"

बनारस में एनपीएस का जबर्दस्त विरोध

समाजवादी जन परिषद के महामंत्री अफलातून देसाई और किसान नेता राजेंद्र सिंह, रामजी सिंह, आलोक मिश्रा ने न्यूनतम मजदूरी 16 हजार करने का मुद्दा उठाया और कहा "पिछले बीस सालों से एलआईसे में ग्रुप डी की भर्तियां बंद हैं। कर्मचारियों के हजारों पद खाली हैं, लेकिन उन्हें भरने के लिए सरकार कोई कदम नहीं उठा रही है।" सभा में विनोद श्रीवास्तव, शैलेंद्र मल्होत्रा, डीसी सिंह, राकेश गुजराती, आरती श्रीवास्तव, सुमंत कुमार, आलोक मिश्र, प्रेम अग्रवाल, वीके सिंह, विश्वनाथ यादव, विजय गुप्ता ने ठेका प्रथा बंद करने की मांग करते हुए श्रमिकों की मजदूरी 26 हजार रुपये करने की मांग उठाई। वाराणसी के प्रधान डाकघर कैंट और विशेश्वरगंज में भी कर्मचारी यूनियनों ने हड़ताल के दौरान धरना प्रदर्शन किया। मकबूल आलम रोड स्थित आयकर भवन में भी कर्मचारी यूनियन के पदाधिकारियों और सदस्यों ने दूसरे दिन भी धरना दिया।

चंदौली में श्रमिकों का जुलूस

वाराणसी के पड़ोसी जिले चंदौली के चकिया में मजदूर विरोधी चार लेबर कोड बनाने और निजीकरण और महंगाई के खिलाफ राष्ट्रव्यापी हड़ताल के समर्थन में श्रमिकों ने कस्बे में जुलूस निकाला। जुलूस में शामिल मजदूरों, किसानों और कर्मचारियों ने पेशन बहाली की मांग और निजीकरण के विरोध में जमकर प्रदर्शन किया।

चंदौली के चकिया में तपती दोपहरिया में जुलूस निकालते मजदूर

चकिया के गांधी पार्क में सीटू, पत्थर खादान यूनियन किसान सभा, मजदूर किसान मंच,किसान महासभा, खेत मजदूर यूनियन,  नौजवान सभा से जुड़े श्रमिकों ने मोदी सरकार की श्रमिक विरोधी नीतियों की आलोचना की। यहां सभा को संबोधित करते हुए अखिल भारतीय किसान सभा के राज्य के नेता बाबूराम यादव ने कहा, "ग्लोबल पूंजी और देशी कारपोरेट घरानों को देश की सार्वजनिक राष्ट्रीय संपदा को मोदी सरकार बेच देना चाहती है। मजदूरों की यह राष्ट्रीय हड़ताल देश को बचाने के लिए है। "

मजदूर किसान मंच के राज्य कार्य समिति सदस्य अजय राय ने कहा, "मोदी सरकार लगातार मेहनतकश तबके पर हमला कर रही है। ईपीएफ की ब्याज दरों में कटौती इसका ताजा उदाहरण है। इस कटौती से असंगठित क्षेत्र के मजदूरों को सर्वाधिक नुकसान होगा। इससे पहले सरकार ने 44 श्रम कानूनों को खत्म कर मजदूर विरोधी चार लेबर कोड संसद से पारित किए है, जिसमें काम के घंटे बढ़ाकर 12 करने का प्रावधान है। " सीटू के नेता महानंद यादव ने कहा, "विद्युत संशोधन विधेयक 2021 के जरिए सरकार बिजली का निजीकरण करने में लगी है। जिसके दुष्परिणाम आम जनता खासकर किसानों को महंगी बिजली के रूप में भुगतने पड़ेंगे। " खेत मजदूर यूनियन के शिवमूरत राम और किसान महासभा के नेता विजयी राम ने कहा, "महंगाई बेलगाम हो चुकी है पेट्रोल, डीजल, रसोई गैस, सीएनजी के दाम रोज बढ़ रहे हैं। एक अप्रैल से दवाओं के दामों में जबर्दस्त वृद्धि होने जा रही है। रोजगार का संकट गहरा रहा है और आर्थिक असमानता बढ़ रही है। लाखों सरकारी विभागों में खाली पदों पर भर्ती नहीं निकाली जा रही है, जिससे कर्मचारी काम के बोझ से दबते जा रहे हैं। "

चंदौली में सरकारी संपदा के निजीकरण के खिलाफ विरोध सभा

हड़ताल के समर्थन के निकाले गए जुलूस में लाल झण्डा पत्थर खादान यूनियन के महानंद यादव, किसान सभा जिलाध्यक्ष परमानन्द कुशवाहा, सचिव लालचंद यादव, रामनिवास पांडेय, रमायन राम,खेत मजदूर यूनियन के जयनाथ,  नौजवान सभा के नेता राजेन्द्र यादव समेत तमाम श्रमिक नेता शामिल हुए। चकिया में श्रमिकों जनसभा की अध्यक्षता नंदलाल और संचालन किसान नेता शम्भू नाथ यादव ने किया!

चंदौली ऑल इंडिया बैंक इंपलाइज एसोसिएशन के आह्वान पर जिले में एसबीआई और निजी बैंकों को छोड़कर सभी बैंकों की शाखाएं बंद रहीं। पिछले दो दिनों में करीब चार सौ करोड़ का व्यवसाय प्रभावित हुआ। हड़ताल के कारण लोगों को काफी परेशानी हुई। ऑल इंडिया बैंक इंप्लाइज एसोसिएशन ने बैंकों का निजीकरण और आउटसोर्सिंग बंद करने, नई पेंशन योजना को निरस्त करने की मांग की। चंदौली में सरकारी बैंकों की 112 शाखाएं हैं। बैंकों की हड़ताल की वजह से शहरी इलाकों में व्यवसाय प्रभावित हुआ। बैंक ऑफ बड़ौदा स्टाफ एसोसिएशन के जिला महामंत्री विरेंद्र ने कहा कि बैंक कर्मी रिस्क कवर करते हैं, लेकिन सरकार के उदासीन रवैये की वजह से उनका और उनके परिवार का भविष्य अच्छा नहीं दिख रहा है। पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू नहीं की जा रही है। बैंकों में आउटसोर्सिग बंद होनी चाहिए और अनुबंधित कर्मचारियों को नियमित किया जाना चाहिए।

चंदौली के पीडीडीयू नगर में अधिकतर बैंकों की शाखाएं बंद रहीं। इस दौरान सबसे अधिक परेशानी लोन की किस्त जमा करने वाले उपभोक्ताओं को हुई। राजकुमार, अजय और सत्येंद्र नामक ग्राहकों ने बताया कि उनका किस्त जमा करने की अंतिम तिथि मंगलवार थी, लेकिन हड़ताल के कारण जमा नहीं हो सकी। यहां नेशनल फेडरेशन ऑफ पोस्टल इंप्लाइज और ऑल इंडिया डाक कर्मचारी संघ के आह्वान पर पोस्ट आफिसों में भी कामकाज ठप रहा। पोस्ट आफिसों पर ताले लटकते देख तमाम उपभोक्ता बैरंग गए। चंदौली में कुल 18 पोस्ट आफिस हैं।

पूरी तरह बंद रहे बैंक-बीमा दफ्तर

आजमगढ़ में केंद्रीय श्रमिक संगठनों के आह्वान पर दूसरे दिन मंगलवार को भी वित्तीय संस्थानों, आयकर, डाकघर, बीमा समेत कई विभागों के कर्मचारी हड़ताल पर रहे। इस दौरान अपने-अपने कार्यालयों के बाहर धरना-प्रदर्शन किया और कर्मचारी एकता जिंदाबाद के नारे लगाए। उसके बाद कलेक्ट्रेट स्थित रिक्शा स्टैंट पर पहुंचकर सभी विभागों के कर्मचारियों ने एकजुटता दिखाई। यूनियन बैंक स्टाफ एसोसिएशन के प्रदेश उप महामंत्री विष्णु गुप्ता ने बताया कि दूसरे दिन की हड़ताल से लगभग 60 करोड़ का कारोबार प्रभावित हुआ। भदोही और ज्ञानपुर में भारतीय जीवन बीमा निगम के कर्मियों ने भी बैंक कर्मियों के साथ हड़ताल की। मंगलवार को वाराणसी डिविजन इंश्योरेंस इम्प्लाइज एसोसिएशन से जुड़े कर्मचारियों ने भदोही स्थित मुख्य शाखा में तालाबंदी करके विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान केंद्र सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए जमकर नारेबाजी की।

अध्यक्ष विजय कुमार ने एलआईसी में आईपीओ का विरोध किया और पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाल करने की मांग उठाई। फैमली पेंशन में सुधार के लिए दो वर्षों से लंबित मुदकमों का त्वरित निस्तारण करने का मुद्दा भी उठाया और कहा कि एलआईसी में तृतीय व चतुर्थ वर्ग संवर्ग की भर्ती की जाए। महामंत्री विजय कुमार ने कहा कि लंबे समय से सरकार की ओर से मांगों पर विचार नहीं किया जा रहा है। केवल निजीकरण को बढ़ावा दिया जा रहा है। इस मौके पर दिनेशचंद यादव, रमेश कुमार, राजेश, किरण त्रिपाठी, आकांक्षा त्रिपाठी, शिवानी सिंह, प्रियंका कन्नौजिया, वंदना बरनवाल, पूर्णिमा कुमारी, पूजा कुमारी, दिनेश कुमार आदि रहे। इसी तरह ज्ञानपुर नगर स्थित एलआईसी कार्यालय के समक्ष कर्मियों ने एकत्रित होकर जमकर नारेबाजी की।

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