भाजपा नेताओं के विवादित बयानों को लेकर प्रधानमंत्री की चुप्पी पर येचुरी ने उठाये सवाल
नई दिल्ली : माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी ने भाजपा नेताओं के एक के बाद एक विवादित बयानों को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की चुप्पी पर सवालिया निशान लगाया और संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के मुद्दे पर कर्नाटक में रंगमंच पर नाटक के मंचन में हिस्सा ले रही एक स्कूली बच्ची द्वारा कुछ शब्द बोलने पर उसकी मां और शिक्षक के खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज किए जाने की आलोचना की।
येचुरी ने मंगलवार को यह मुद्दा उठाते हुये कहा कि सीएए के मुद्दे पर रंगमंच पर नाटक में नौ साल की एक बच्ची ने कुछ शब्द बोले जिसके बाद उसकी मां और शिक्षक को कर्नाटक के बीदर जिले में पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया, यह निंदनीय है।
उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘स्कूल में एक नाटक के मंचन में नौ साल की एक बच्ची द्वारा एक वाक्य बोलने पर उसकी मां और शिक्षिका को देशद्रोह के आरोप में जेल भेज दिया गया जबकि मंत्रियों द्वारा लोगों को गोली मारने और एक निर्वाचित मुख्यमंत्री को आतंकवादी बताए जाने पर प्रधानमंत्री मौन हैं।’
Communal polarisation, fear mongering, hatred and violence... That is all BJP is left in its arsenal with. These are their only achievements over the last six years. These are the ‘Achhe Din’ Modi promised in 2014? pic.twitter.com/OOCPcpmcJC
— Sitaram Yechury (@SitaramYechury) February 4, 2020
येचुरी ने कहा, ‘यह है भाजपा का वैश्विक नजरिया और इसके लिये उनकी जवाबदेही तय की जायेगी। सत्ता में रहते हुये सांप्रदायिक ध्रुवीकरण करना भाजपा की एकमात्र उपलब्धि है।’ उल्लेखनीय है कि कर्नाटक के बीदर जिले में पुलिस ने नौ वर्षीय बच्ची की मां नजबुन्निसा, और रंगमंच का आयोजन करने वाले शाहीन स्कूल की प्रधान अध्यापिका फरीदा बेगम को गिरफ्तार कर लिया।
इससे पहले येचुरी ने संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिकता पंजी (एनआरसी) के खिलाफ दिल्ली स्थित जामिया नगर और शाहीन बाग में चल रहे विरोध प्रदर्शन स्थलों पर बार बार गोलीबारी होने के लिये प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की चुप्पी और भाजपा नेताओं द्वारा कथित तौर पर हिंसा भड़काये जाने को जिम्मेदार ठहराया था।
येचुरी ने सोमवार को ट्वीट कर कहा, ‘हर जगह बार-बार गोलीबारी हो रही है और यह प्रधानमंत्री की सतत चुप्पी और मंत्रियों एवं भाजपा नेताओं द्वारा हिंसा भड़काए जाने का नतीजा है। एक के बाद एक वारदात, मिलीभगत की ओर इशारा करती है।’उन्होंने कहा, ‘शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने वालों को खलनायक बता कर हिंसा उकसाने वालों को खुली छूट है।’
(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)
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