Skip to main content
xआप एक स्वतंत्र और सवाल पूछने वाले मीडिया के हक़दार हैं। हमें आप जैसे पाठक चाहिए। स्वतंत्र और बेबाक मीडिया का समर्थन करें।

कोरोना वायरस संकट के बीच यमन की जंग को 5 साल पूरे

अमेरिका समर्थित और सऊदी के नेतृत्व वाले गठबंधन ने यमन में "सदी का सबसे बड़ा मानवीय संकट" पैदा किया है।
 यमन

कोरोना वायरस के वैश्विक संकट के बीच यमन में चल रही जंग को 26 मार्च को 5 साल पूरे हो गए। संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, सऊदी अरब के राष्ट्रपति मंसूर अल-हादी की सरकार के समर्थन में शुरू हुई इस जंग ने अभी तक यमन में "सबसे बड़ा मानवीय संकट" पैदा किया है।

अरब के सबसे ग़रीब देश में यह जंग 2014 के अंत में शुरू हुई थी जब उत्तरी यमन की अंसार अल्लाह ताक़तों ने राजधानी सना पर क़ब्ज़ा कर लिया था। उन्होंने कहा था कि अल-हादी की सरकार देश चलाने में नाकाम साबित हो रही थी और व्यापक भ्रष्टाचार में शामिल थी। हादी पहले दक्षिणी शहर अदन में गए और बाद में सऊदी अरब चले गए। 26 मार्च, 2015 को सऊदी अरब और यूएई ने अमेरिका और अन्य क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सहयोगियों के समर्थन से देश पर बमबारी करना शुरू कर दिया, और इल्ज़ाम लगाया कि हौथियों कथित ईरानी समर्थन मिल रहा है।

यमन में सड़क, समुद्र और हवाई रास्ते को बंद कर दिया गया था, जबकि यह देश बड़े स्तर खाद्य और दवाइयों के लिए आयात पर निर्भर करता है। रिपोर्टों के मुताबिक़, सऊदी की तरफ़ किए गए हवाई हमलों में से एक तिहाई हमले आम नागरिकों, मेडिकल सेवाओं, हॉस्पिटलों, खाने की दुकानों, पानी और बिजली पर निशाना बनाते हैं।

यमन डाटा प्रोजेक्ट के अनुसार, सऊदी गठबंधन हर रोज़ कम से कम 10 नागरिकों की हत्या करता है। ओक्स्फ़ैम ने बताया है कि यमन की क़रीब आधी आबादी को जंग की वजह से साफ़ पानी नहीं मिलता है।

पांच साल के युद्ध में 100000 से अधिक लोग मारे गए हैं। नाकाबंदी ने भोजन और चिकित्सा की गंभीर आपूर्ति को 29 मिलियन यमन वासियों में से 24 को बदल दिया है जो किसी प्रकार की मानवीय सहायता पर निर्भर है। आज यमन के दो तिहाई से अधिक लोग अकाल के कगार पर हैं।

जंग की वजह से यमन की स्वास्थ्य सेवाएँ भी बर्बाद हो गई हैं। यूएन ने रिपोर्ट किया है कि अब यमन में सिर्फ़ आधी स्वस्थ्य सुविधाएं कार्यरत हैं। और उनमें भी उचित मात्रा में सुविधाएं मौजूद नहीं हैं।

हालांकि यमन में अभी कोविड-19 संक्रामण का कोई मामला सामने नहीं है। संयुक्त राष्ट्र ने इसके संकट से सावधान रहने की ज़रूरत को साझा करते हुए देश में शांति बनाने की अपील करते हुए जंग में शामिल सभी से कहा है कि तत्काल प्रभाव से सीज़फ़ायर समझौता कर लें।

साभार : पीपल्स डिस्पैच

अपने टेलीग्राम ऐप पर जनवादी नज़रिये से ताज़ा ख़बरें, समसामयिक मामलों की चर्चा और विश्लेषण, प्रतिरोध, आंदोलन और अन्य विश्लेषणात्मक वीडियो प्राप्त करें। न्यूज़क्लिक के टेलीग्राम चैनल की सदस्यता लें और हमारी वेबसाइट पर प्रकाशित हर न्यूज़ स्टोरी का रीयल-टाइम अपडेट प्राप्त करें।

टेलीग्राम पर न्यूज़क्लिक को सब्सक्राइब करें

Latest