अयोध्या का फ़ैसला
बाबरी मस्जिद खाली जमीन पर नहीं बनी थी : न्यायालय।
बाबरी मस्जिद-रामजन्मभूमि विवाद में सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है। कोर्ट ने मंदिर के पक्ष में पक्ष में फ़ैसला देते हुए केंद्र सरकार से ट्रस्ट बनाने को कहा है। तीन महीने में ट्रस्ट बनाकर कोर्ट को सूचित करने का निर्देश। मस्जिद के लिए अयोध्या में ही अलग से 5 एकड़ ज़मीन देने के निर्देश। शिया वक्फ़ बोर्ड और निर्मोही अखाड़ा का दावा ख़ारिज
बाबरी मस्जिद खाली जमीन पर नहीं बनी थी : न्यायालय।
बाबरी मस्जिद खाली जमीन पर नहीं बनी थी : न्यायालय।
न्यायालय ने सर्वसम्मति से शिया वक्फ बोर्ड की अपील खारिज की।
न्यायालय ने कहा कि राजस्व रिकार्ड के अनुसार विवादित भूमि सरकारी है ।
शिया वक्फ बोर्ड का दावा विवादित ढांचे को लेकर था जिसे न्यायालय ने खारिज कर दिया।
न्यायालय ने कहा कि निर्मोही अखाड़े की याचिका कानूनी समय सीमा के दायरे में नहीं, न ही वह रखरखाव या राम लला के उपासक।
न्यायालय ने कहा, राम जन्मभूमि एक न्याय सम्मत व्यक्ति नहीं।
न्यायालय ने कहा कि पुरातात्विक साक्ष्यों को महज राय बताना एएसआई के प्रति बहुत अन्याय होगा।
एएसआई यह नहीं बता पाया कि क्या मंदिर को तोड़कर मस्जिद बनाई गई थी: न्यायालय।
उच्चतम न्यायालय ने शनिवार को राजनीतिक दृष्टि से संवेदनशील राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद में कहा कि निर्मोही अखाड़ा राम लला की मूर्ति का उपासक या अनुयायी नहीं है।
प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने अपने फैसले में कहा कि निर्मोही अखाड़े का दावा कानूनी समय सीमा के तहत प्रतिबंधित है।
संविधान पीठ के अन्य सदस्यों में न्यायमूर्ति एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चन्द्रचूड, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर शामिल हैं।
बुनियादी संरचना इस्लामिक ढांचा नहीं थी : न्यायालय।
बाबरी मस्जिद खाली जमीन पर नहीं बनी थी : न्यायालय।
उच्चतम न्यायालय के अयोध्या फैसले के मद्देनजर मुंबई में सीआरपीसी की धारा 144 लागू : पुलिस।
हिंदू इस स्थान को भगवान राम की जन्मभूमि मानते हैं, यहां तक कि मुसलमान भी विवादित स्थल के बारे में यही कहते हैं: न्यायालय।
उच्चतम न्यायालय ने शनिवार को राजनीतिक रूप से संवेदनशील राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद में शिया वक्फ बोर्ड की अपील खारिज कर दी। संविधान पीठ ने कहा कि राजस्व रिकार्ड के अनुसार यह सरकारी जमीन है।
प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगाई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने विवादित ढांचे पर अपना दावा करने की शिया वक्फ बोर्ड की अपील सर्ससम्मति से खारिज कर दी।
न्यायालय ने कहा कि राजस्व रिकार्ड के अनुसार यह सरकारी जमीन है।
संविधान पीठ के अन्य सदस्यों में न्यायमूर्ति एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चन्द्रचूड, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर शामिल हैं।
संविधान पीठ ने अयोध्या में 2.77 एकड़ विवादित भूमि को लेकर इलाहाबाद उच्च न्यायालय के खिलाफ दायर अपीलों पर 40 दिन तक सुनवाई के बाद 16 अक्टूबर को कहा था कि इस पर फैसला बाद में सुनाया जायेगा।
न्यायालय ने विवादित स्थल पर पुरातात्विक साक्ष्यों को महत्व दिया।
भोपाल: अयोध्या मामले में फैसले के मद्देनजर मध्यप्रदेश में ऐहतियात के तौर पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है। प्रदेश भर में पुलिस की 32 अतिरिक्त कंपनियां तैनात की गई हैं।
प्रदेश के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने शनिवार को कहा, "उच्चतम न्यायालय के फैसले के मुद्देनजर प्रदेश में पुलिस की 32 अतिरिक्त कंपनियों को तैनात करके सुरक्षा बढ़ा दी गई है।"
अधिकारी ने कहा कि शांति और कानून एवं व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए राज्य भर में निषेधाज्ञा लागू की गई।
राज्य पुलिस मुख्यालय द्वारा हाल ही में एक आदेश जारी किया गया था जिसमें पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों को 1 नवंबर से छुट्टी पर जाने से रोक दिया गया था।
बाबरी मस्जिद को नुकसान पहुंचाना कानून के खिलाफ था : न्यायालय।
मुंबई : अयोध्या मामले में उच्चतम न्यायालय के फैसले के मद्देनजर हाजी अली तथा माहिम दरगाह के न्यासी ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है।
1993 के मुंबई सिलसिलेवार बम विस्फोट मामले में सरकारी गवाह बने उस्मान जान खान ने अपील की कि मुस्लिम समुदाय को इस फैसले को खुले दिल से स्वीकार करना चाहिए।
उस्मान ने विस्फोट मामले में टाइगर मेनन जैसे गैंगस्टर की भूमिका का खुलासा किया था।
वहीं माहिम दरगाह के प्रबंधक न्यासी और हाजी अली दरगाह के न्यासी सुहैल खांडवानी ने विभिन्न समुदायों से अपील की कि वह शीर्ष अदालत के फैसले को स्वीकार करें और राष्ट्रीय एकता बनाने के लिए मिलकर काम करें।
उन्होंने कहा, ‘‘हमें विभाजनकारी ताकतों को इस नाजुक हालात का फायदा उठाने से रोकना होगा और गड़बड़ी फैलाने के उनके प्रयासों को खत्म करना होगा। शांति तथा सद्भाव कायम रखना और एक दूसरे की आस्था का सम्मान करना वक्त की जरूरत हैं।
हिंदू ये स्थापित करने में सफल रहे कि बाहरी बरामदे पर उनका कब्जा था : न्यायालय।
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