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अयोध्या मामला: पर्सनल लॉ बोर्ड 10 दिन में दायर करेगा पुनर्विचार याचिका

बोर्ड के सचिव और वरिष्ठ वकील जफरयाब जिलानी ने कहा कि सुन्नी वक्फ बोर्ड के पुनर्विचार याचिका दायर नहीं करने के निर्णय से बोर्ड पर कोई विपरीत कानूनी प्रभाव नहीं पड़ेगा।
अयोध्या मामला

दिल्ली : सुन्नी वक्फ़ बोर्ड के फ़ैसले से अलग ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने अयोध्या मामले में उच्चतम न्यायालय के निर्णय के खिलाफ दिसंबर के पहले सप्ताह में पुनर्विचार याचिका दायर करने का निर्णय लिया है। 

पर्सनल लॉ बोर्ड ने ट्वीट कर यह जानकारी दी।

"Exercising our constitutional right, we are going to file a review petition in the #Babrimasjidcase during the first week of December. Sunni Waqf Board's decision not to pursue the case won't legally affect us. All Muslim organizations are on the same page" @Zafaryab_Jilani:

— All India Muslim Personal Law Board (@AIMPLB_Official) November 27, 2019

 

 

बोर्ड के सचिव और वरिष्ठ वकील जफरयाब जिलानी ने कहा कि सुन्नी वक्फ बोर्ड के पुनर्विचार याचिका दायर नहीं करने के निर्णय से बोर्ड पर कोई विपरीत कानूनी प्रभाव नहीं पड़ेगा।

उन्होंने यह भी कहा कि सभी मुस्लिम संगठन पुनर्विचार याचिका दायर करने को लेकर एक राय रखते हैं।

आपको बता दें कि इससे पहले मंगलवार को लखनऊ में हुई उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ़ बोर्ड की बैठक में लगभग आमराय से इस मामले में पुनर्विचार याचिका नहीं दायर करने का फ़ैसला लिया गया था।  उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ़ बोर्ड इस मामले में एक प्रमुख पक्षकार रहा है। हालांकि बोर्ड अयोध्या में कहीं और मस्जिद बनाने के लिये पांच एकड़ जमीन लेने या नहीं लेने पर अभी कोई निर्णय नहीं कर सका है।

बोर्ड के अध्यक्ष जुफर फारूकी ने बैठक के बाद 'भाषा' को बताया कि बैठक में बोर्ड के आठ में से सात सदस्यों ने हिस्सा लिया। उनमें से अब्दुल रज्जाक को छोड़कर बाकी छह सदस्यों ने अयोध्या मामले में उच्चतम न्यायालय के फैसले को चुनौती न देने के प्रस्ताव का समर्थन किया। 

इसे पढ़ें : सुन्नी वक्फ़ बोर्ड अयोध्या फ़ैसले को चुनौती नहीं देगा,बहुमत से निर्णय 

इस तरह अदालत के निर्णय को चुनौती न देने के फारूकी के पहले से ही लिये जा चुके फैसले पर आम सहमति की मुहर भी लग गयी।

इससे पहले अभिनेता नसीरूदुद्दीन शाह एवं शबाना आज़मी समेत देशभर की 100 जानी-मानी मुस्लिम शख्सियतों ने भी अयोध्या पर आए उच्चतम न्यायालय के फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दायर करने का विरोध किया था। उन्होंने इस बारे में बयान जारी कर कहा कि ‘‘ हम इस बात से सहमति रखते हैं कि फैसला न्यायिक रूप से त्रुटिपूर्ण है लेकिन हमारा मजबूती से मानना है कि अयोध्या विवाद को जीवित रखना भारतीय मुसलमानों को नुकसान पहुंचाएगा और उनकी मदद नहीं करेगा।"

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)

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